(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः – देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत) गतांक से आगे …. राजा के लिए लिखा है कि- शिरो मे श्रीर्यशो मुखं त्विषिः केशाश्च श्मश्रूणि । राजा मे प्राणो अमृत सम्राट् चक्षुविराट् […]
