हमारे मन की वृत्तियों का नाश करके कौन हमें दिव्यता की ओर जाने के योग्य बनाता है? मन की वृत्तियों का क्या स्तर है? अपामतिष्ठद्धरुणह्वरंतमोऽन्तर्वृत्रस्य जठरेषुपर्वतः। अभीमिन्द्रोनद्योवव्रिणाहिताविश्वाअनुष्ठाः प्रवणेषुजिघ्नते।। ऋग्वेदमन्त्र 1.54.10 (अपाम्) जल के, लोगों के (अतिष्ठत्) स्थापित, रूकता है (धरुण ह्वरम्) बुराईयों को धारण करने वाला (तमः) अन्धकार (अन्तः) अन्दर (वृत्रस्य) मेघ, मन की वृत्तियाँ […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
इन दिनों सर्वोच्च न्यायालय में स्वामी रामदेव जी को एक अपराधी की भाँति प्रस्तुत करना नि:सन्देह भारत के भविष्य को दर्शाता है। मैं ऐसा इस कारण कह रहा हूँ कि यह आक्रमण श्री स्वामी रामदेव जी पर नहीं, बल्कि समूचे आयुर्वेद पर है। मैं मानता हूँ कि उनके विज्ञापनों में अतिशयोक्ति होगी, परन्तु भारत का […]
विष्णु, विष्णु का वाहन ,अक्षय क्षीर सागर, शेषनाग, नारद, विष्णु के चतुभुजों का रहस्य ,दुर्गा अष्टभुजा वाली, वैष्णवी, गायत्री, वशिष्ठ ,नारद, ब्रह्मा ,सरस्वती, इंद्र, शिव ,ब्राह्मण यह सभी विशेष गुणों वाले व्यक्ति को दी जाने वाली उपाधियां होती थी। इनका किसी विशेष व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। केवल इतना संबंध है कि इस नाम […]
अभी तक मुस्लमान यही मानते आये हैं कि कुरान अल्लाह द्वारा भेजी गयी अंतिम किताब है , और सभी धर्मग्रंथों को निरस्त करने वाली है ,इसी लिए सभी को कुरान पर ईमान रखना चाहिए , मुस्लमान ऐसा इसलिए मानते हैं ,क्योंकि उनको बचपन से ही यही समझाया जाता है , मौजूदा कुरान 23 वर्षों में […]
-आर्यवीर आर्य पूर्वनाम मुहम्मद अली (शास्त्रार्थ महारथी अमर स्वामी जी के ट्रैक्ट जिहाद के नाम पर कत्लेआम नामक ट्रैक्ट पर आधारित) सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो मेरे देखने में आया। इसमें एक मोमिन यह दिखा रहा है कि वेदों में कत्लेआम, मारकाट, हिंसा का सन्देश दिया गया हैं। मोमिन का कहना है कि […]
लेखक- महात्मा नारायण स्वामी प्रस्तुति- दीपक हाडा, प्रियांशु सेठ संसार के अधिकतर मनुष्य आध्यात्मिकता को अच्छा समझते हैं, परन्तु बहुत थोड़े मनुष्य ऐसे मिलेंगे जो शब्द को अच्छा मानने के साथ इनका प्रायोजन भी समझते हैं। मानव का बाह्य भाग शरीर है तथा भीतरी भाग आत्मा, अत: आध्यात्मिकता शब्द ही (जो आत्मा से सम्बन्धित है) […]
जब महाराष्ट के विधायक वारिस पठान ने सदन में बार बार चिल्ला कर कहा कि मैं वन्दे मातरम नहीं बोलूंगा , चाहे मुझे जान से क्यों न मार दिया जाये . इस से प्रश्न उठता है कि वन्दे मातरम् में ऐसी कौन सी बात है जिस से इस्लाम को खतरा हो जायेगा ? क्या इन […]
No.13.Date-30/12/2011 आपने यह प्रसिद्ध कहावत जरुर सुनी होगी “हर्र लगे न फिटकरी ,रंग पक्का हो जाये “यह कहावत इस्लाम में जिहाद सम्बन्धी मान्यताओं पर सटीक उतरती है .इस बात को स्पष्ट करने के लिए हमें कुरान और कुछ प्रमुख हदीसों का हवाला होगा ,जिसे बिन्दुवार दिया गया है . 1-जिहाद अल्लाह को प्रिय है इस्लाम […]
लेखक- पं० क्षितिश कुमार वेदालंकार [संसार के सभी मत वाले अपने-अपने धर्म ग्रन्थों को ईश्वरीय ज्ञान कहते हैं, तब प्रश्न उठता है कि वेद ही क्यों? इस प्रश्न का सुलझा उत्तर आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान्, वक्ता और पत्रकार लेखक की लेखनी से पढ़िए। -डॉ० सुरेन्द्र कुमार] इस प्रश्न को उपस्थित करने वाले दो […]
— स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती ज्ञान का उल्टा मिथ्या ज्ञान या पाखण्ड है। “पाखण्ड” शब्द “पाषण्ड” शब्द का अपभ्रंश या विकृत रूप है। छद्म, छलयुक्त्त या कपट व्यवहार का नाम “पाषण्ड” है। कट्टर अप्रगतिशील हिन्दू को, जो जीवन के अभ्यन्तर में कुछ हो, और उसके विपरीत उसका बाह्य-आडम्बर साधु-सन्तों, भक्तों, धार्मिकों और विद्वानों जैसा हो, उसे […]