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धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

भारत तो आगे बढ़ रहा है पर संस्कार पीछे छूट रहे हैं

ललित गर्ग नये बन रहे समाज एवं पारिवारिक संरचना में माता-पिता का जीवन एक त्रासदी एवं समस्याओं का पहाड़ बनता जा रहा है, समाज में बच्चों के द्वारा बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षाओं एवं उनके प्रति बरती जा रही उदासीनता इतनी अधिक बढ़ गयी है कि अदालतों को दखल देना पड़ रहा है। माता-पिता भोजन-पानी, दवाई, […]

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संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत

DR D K Garg पौराणिक मान्यता : यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है.संकष्टी चतुर्थी या संकट चौथ का व्रत संतान की लंबी उम्र व खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि संकट चौथ का व्रत व इस […]

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ओ३म् “मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध है”

========== महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई-नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह कल्पना […]

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*क्या शिव की सवारी बैल है?*

Dr DK Garg इस कथन के दो अर्थ निकालते है-एक भौतिक दूसरा आध्यात्मिक पहला अर्थ तो हिमालय के राजा शिव के विषय में है जो कि शरीरधारी थे और हिम पर्वत पर रहते थे । आपने देखा होगा कि हिमालय के निवासी सवारी और अन्य कृषि कार्यों के लिए याक (बैल) का उपयोग करते है […]

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परमहंस योगानन्द*

* Dr DK Garg भारतीय धर्मगुरू और मातांतर अध्ययन परमहंस योगानन्द का जन्म 1893 में हुआ और मृत्यु ५९ वर्ष की अल्प आयु १९५२ में हुई। इनका जन्म का जन्म गोरखपुर ,उत्तरप्रदेश में अहीर जाति में हुआ था ,ये एक आध्यात्मिक गुरू थे। योगानन्द के पिता भगवती चरण घोष बंगाल नागपुर रेलवे में उपाध्यक्ष के […]

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समाज सुधारक अर्थात रिफॉर्मर

◼️रिफ़ॉर्मर (सुधारक)◼️ ✍🏻 लेखक – स्वामी दर्शनानन्द जी प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ प्यारे मित्रो! हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि जिसे आचार्य कहते थे, पाश्चात्य देशों में जिसे पैग़म्बर कहते थे और यूरोपीय लोग जिसे रिफ़ॉर्मर कहते हैं, ये वे लोग हैं जो अपने स्वार्थ सर्वसाधारण के हित पर न्यौछावर करके अपने तन और धन को दूसरे के […]

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यज्ञ/हवन में मंत्र के अंत में सामग्री यज्ञ कुंड में डालते समय स्वाहा क्यों बोलते है?*

प्रस्तुति: Dr DK Garg दुष्प्रचार: स्वः स्वाहा अग्नि-देवता अग्नि की पत्नी हैं। उनकी दो पत्नियाँ हैं – स्वाहा और स्वधा। प्रत्येक मंत्र के अंत में “स्वाहा” का जाप करता है ताकि अग्नि अपनी पत्नी के साथ चढ़ाए गए अनाज/घी को स्वीकार कर सके। इस प्रकार अनुष्ठान पूरा होता है। अन्य विचार : १)अग्निदेव की पत्नी […]

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सत्य की खोज*

अष्टावक्र डॉ डी के गर्ग पौराणिक कथा: उद्दालक ऋषि ने अपने शिष्य कहोड़ को सम्पूर्ण वेदों का ज्ञान देने के पश्चात् उसके साथ अपनी कन्या सुजाता का विवाह कर दिया। कुछ दिनों के बाद सुजाता गर्भवती हो गई। एक दिन कहोड़ वेदपाठ कर रहे थे तो गर्भ के भीतर से बालक ने कहा कि पिताजी! […]

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ईश्वर-प्राप्ति का उपाय यम और नियम

प्रियांशु सेठ भाग 1 हमारी उपासना-विधि क्या हो? उपासना का अर्थ है समीपस्थ होना अथवा आत्मा का परमात्मा से मेल होना।महर्षि पतञ्जलि द्वारा वर्णित अष्टाङ्गयोग के आठ अङ्गब्रह्मरूपी सर्वोच्च सानु-शिखर पर चढ़ने के लिए आठ सीढ़ियाँ हैं।उनके नाम हैं- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। यहां प्रत्येक का संक्षिप्त विवेचन प्रस्तुत किया […]

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यज्ञ ( हवन ) करने की सटीक और सही विधि

यज्ञ ( हवन ) करने की सटीक और सही विधि :- हमारे बहुत से आर्य समाज के मित्र या अन्य सनातनी भी बहुत सा यज्ञ करते और करवाते हैं परन्तु यज्ञ का पूरा लाभ जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है वैसा लाभ नहीं उठा पाते हैं । इसका कारण है कि बहुत से प्रकार की […]

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