🌷वैदिक धर्म की विशेषताएं 🌷 (१ ) वैदिक धर्म संसार के सभी मतों और सम्प्रदायों का उसी प्रकार आधार है जिस प्रकार संसार की सभी भाषाओं का आधार संस्कृत भाषा है जो सृष्टि के प्रारम्भ से अर्थात् १,९६,०८,५३,१२१ वर्ष से अभी तक अस्तित्व में है।संसार भर के अन्य मत,पन्थ किसी पीर-पैगम्बर,मसीहागुरु,महात्मा आदि द्वारा चलाये गये […]
श्रेणी: धर्म-अध्यात्म
सृष्टि काल से भारत शिक्षा, संस्कृति, संस्कार साधन का साधक रहा है और उक्त ज्ञान विज्ञान को संसार को देकर कृण्वन्तोविश्वार्यम् को चरितार्थ किया है। यह कार्य आदि ऋषि ब्रह्मा से लेकर गौतम ,कपिल, कणाद ,विश्वामित्र ,भृगु वेदव्यास ,गार्गी, सुलभा, मदाल्सा, मैत्रेयी, अनुसूया ,श्रुतावती, शिवा, द्रोपदी, उत्तरा, भोज पत्नी विद्यावती, महर्षि वेदव्यास, जैमिनी पर्यंत को […]
स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का सबसे अधिक प्रचार आर्यसमाज से सम्बन्ध रखने वाले सदस्यों की अपेक्षा आर्यसमाज से सम्बन्ध न रखने वाले जनमानस ने अधिक किया हैं चाहे वह सनातन धर्म,सिख ,कबीर पंथी,जैन, बौद्ध,सिख, ईसाई, इस्लाम आदि किसी भी मत से क्यूँ न सम्बंधित हो। सत्यार्थ प्रकाश के खंडन […]
** परीक्षा पाँच प्रकार से होती है | १) जो जो ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव और वेदों से अनुकूल हो, वह सत्य और जो उससे विरुद्ध है, वह असत्य है | २) जो जो सृष्टिक्रम के अनुकूल है, वह सत्य है और जो सृष्टिक्रम से विरुद्ध है, वह सब असत्य है | जैसे कोई […]
” वैदिक विदुषी साध्वी प्रज्ञा लेखक आर्य सागर खारी ✍ वैदिक संस्कृति संस्कारों को समर्पित आपकी अपनी संस्था चिम्मन आर्य आर्षवेद गुरूकुल मुरसदपुर ग्रेटर नोएडा में आज पांच दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ का विधिवत् शुभारंभ हो गया है।पुष्पों ओम ध्वज पताका से सुसज्जित गुरुकुल की परम्परागत यज्ञशाला में यह यज्ञ किया जा रहा है। यज्ञ […]
” * 1- *” यज्ञरूप प्रभु से प्रेरणा – ईश्वर की असीम अनुकम्पा से महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 200 वीं जन्मशता ब्दी एवं आर्य समाज मंदिर, मुरार, ग्वालियर के 95 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में *” सामवेद पारायण महायज्ञ एवं भव्य शोभायात्रा” का समायोजन ” दिनांक- 9,10,11,12 दिसम्बर,2023 में प्रातः- 9 से […]
।।🔥यज्ञ🔥 ।। यज्ञ भगवान का स्वरूप है , यज्ञों के द्वारा ही समस्त मनोकामनाँए पूर्ण होती हैं ‘ ऋणानि त्रीण्यपाकृत ‘ तीन प्रकार के ऋणों मे ‘ देवऋण ‘ से मुक्त होने के लिये तैत्तिरीय उपनिषद स्पष्ट कहता है कि यज्ञों के द्वारा ही ‘ देवऋण ‘ से मुक्ति मिल सकती है । मत्स्यपुराण ( […]
विश्वशान्ति केवल वेद द्वारा सम्भव वेद के कुछ मन्त्रों की दिव्य भावनाएं :- अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते सं भ्रातरो वावृधुः सौभाय । (ऋग्वेद ५/६०/५) ईश्वर कहता है कि हे संसार के लोगों ! न तो तुममें कोई बड़ा है और न छोटा । तुम सब भाई-भाई हो । सौभाग्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ो । […]
वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में हम सभी श्रद्धालु हिन्दुओं को अपना यह परम कर्तव्य समझना चाहिए कि यदि हमारा धर्म सुरक्षित है तभी हमारा राष्ट्र “भारत” सुरक्षित है l जबकि यह भी अत्यंत सुखद है कि अपने धर्म लाभ के लिए हम सदा समर्पित, तत्पर और जागरुक रहते है, जिसके लिए…. ➡हम सब विभिन्न तीर्थ स्थलों […]
Dr D K Garg पौराणिक मान्यताये : मुरुगन देवता का दूसरा नाम कार्तिकेय है जो भारत के तमिलनाडु के एक लोकप्रिय हिन्दु देव हैं। इसके अतिरिक्त विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं। ये मान्यता है की ये भारत के तमिलनाडु […]