(22 मार्च 1911-23 मार्च 2003) स्वामी जी के बचपन का नाम भगवान सिंह खत्री था। आपका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। आप कट्टर आर्य समाजी थे। भगत सिंह के बलिदान से आपको देश की अंग्रेज सरकार से घृणा हो है।आपने 10000 से ऊपर हिन्दू जो इसाई बन चुके थे उन्हें वापस हिन्दू बनाया।ईसाई […]
लेखक: विवेक आर्य
#डॉविवेकआर्य मोपला के इतिहास से जुड़ी पुस्तकें मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप द्वारा सम्पर्क करें देश के इतिहास में सन् 1921 में केरल के मालाबार में एक गांव में मोपलाओं ने हिन्दू जनता पर अमानवीय क्रूर हिंसा की थी। इस घटना पर देशभक्त जीवित शहीद वीर सावरकर जी ने ‘मोपला’ नाम का प्रसिद्ध उपन्यास […]
हिंदुओं अब तो संगठित हो जाओ! #डॉविवेकआर्य एक बार एक कसाई के पास उसका एक दोस्त उससे मिलने गया। वहाँ उसने देखा कि एक बड़े से पिंजरे नुमा घर में ढेर सारे बकरे कैद है। और आपस में बड़े ही मस्ती के साथ खेल रहे हैं। उस पिंजरे से वह कसाई एक एक करके बकरे […]
शुद्धि आर्यसमाज और शुद्धि आन्दोलन ₹500 Arya samaj and Shuddhi Movement ₹300 मंगवाने के लिए 07015 591564 पर वट्सएप करें। वैदिक धर्म का भक्त ‘काले खाँ’ अर्थात् ‘कृष्णचन्द्र’ प्रियांशु सेठ यह कहना तो नितान्त उचित है कि ऋषि दयानन्द की वैचारिक क्रान्ति ने न केवल किसी मत अथवा व्यक्ति विशेष को कल्याण का मार्ग दिखाया […]
‘शहरी नक्सली’ की परिभाषा #डॉविवेकआर्य वामपंथी इतिहासकार रोमिला थापर ने सरकार से ‘शहरी नक्सली’ शब्द को परिभाषित करने की मांग की है। कमाल देखिये अपने आपको बुद्धिजीवी कहने वाली और दशकों से सत्ता का समर्थन लेकर भारत के शिक्षा संस्थानों के पाठयक्रम को निर्धारित करने वाली रोमिला थापर ‘शहरी नक्सली’ की परिभाषा तक नहीं जानती। […]
आर्यसमाज के इतिहास में अनेक प्रेरणादायक संस्मरण हैं जो अमर गाथा के रूप में सदा सदा के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। एक ऐसी ही गाथा रोपड़ के लाला सोमनाथ जी की हैं। आप रोपड़ आर्यसमाज के प्रधान थे। आपके मार्गदर्शन में रोपड़ आर्यसमाज ने रहतियों की शुद्धि की थी। यूँ तो रहतियों का सम्बन्ध […]
डॉविवेकआर्य (26 फरवरी को पुण्य तिथि के उपलक्ष पर प्रचारित) वीर सावरकर भारत देश के महान क्रांतिकारियों में से एक थे। कांग्रेस राज की बात है। मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी […]
नास्तिकता भी एक अन्धविश्वास है! #डॉविवेकआर्य नास्तिक बनने के मुख्य क्या क्या कारण है? नास्तिक बनने के प्रमुख कारण है ईश्वर के गुण, कर्म और स्वभाव से अनभिज्ञता। धर्म के नाम पर अन्धविश्वास जिनका मूल मत मतान्तर की संकीर्ण सोच है। विज्ञान द्वारा करी गई कुछ भौतिक प्रगति को देखकर अभिमान होना। धर्म के नाम […]
#डॉविवेकआर्य आज जय भीम, जय मीम का नारा लगाने वाले दलित भाइयों को आज के कुछ राजनेता कठपुतली के समान प्रयोग कर रहे हैं। यह मानसिक गुलामी का लक्षण है। दलित-मुस्लिम गठजोड़ के रूप में बहकाना भी इसी कड़ी का भाग हैं। दलित समाज में संत रविदास का नाम प्रमुख समाज सुधारकों के रूप में […]
#डॉविवेकआर्य आजकल एक नया प्रचलन चला है। दलित अपने आपको मुसलमानों से नत्थी कर यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों के निकट हैं। जमीनी हक़ीक़त एवं इतिहासिक तथ्यों को सरेआम ठेंगा दिखाना इसी को कहते हैं। भारतवर्ष का इतिहास उठा कर देख लीजिये बुद्ध विहारों को तहस-नहस करने […]