डॉ डी के गर्ग वशिष्ठ एक नहीं अनेको है :-पौराणिक ग्रंथो में और उपलब्ध साहित्य के अनुसार वशिष्ठ एक नहीं अनेको है। एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकुवंशी त्रिशुंकी के काल में हुए जिन्हें वशिष्ठ देवराज कहते थे। तीसरे कार्तवीर्य सहस्रबाहु के समय में हुए जिन्हें वशिष्ठ अपव कहते थे। चौथे अयोध्या के […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
लेखक- पं० वीरसेन वेदश्रमी प्रस्तोता- #डॉविवेकआर्य, प्रियांशु सेठ यज्ञ में मन्त्रोच्चारण कर्म के साथ आवश्यक है- महर्षि स्वामी दयानन्द जी ने यज्ञ की एक अत्यन्त लघु पद्धति या विधि हमें प्रदान की जो १० मिनट में पूर्ण हो जावे। उसमें मन्त्र के साथ कर्म और आहुति का योग किया। बिना मन्त्र के यज्ञ का कोई […]
आर्य समाज एक क्रन्तिकारी आन्दोलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न-प्रकार के पाखंड, मत-मतान्तर, जाति-पाति, सम्प्रदाय, मूर्ति-पूजा आदि अन्धविश्वास को दूर करने वाला एक विश्वव्यापी आन्दोलन है और इसके प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती हैं । लोगों के मध्य आर्यसमाज के विषय में भ्रान्तियां और समाधान :– आर्यसमाजी ईश्वर को नहीं मानते ? उत्तर:- […]
(सत्यार्थ प्रकाश से) कोई एक चोरी करता पकड़ा गया था। न्यायाधीश ने उस की नाक काट डालने का दण्ड किया। जब उस की नाक काटी गई तब वह धूर्त्त नाचने गाने और हंसने लगा। लोगों ने पूछा कि तू क्यों हंसता है? उस ने कहा कुछ कहने की बात नहीं है । लोगों ने पूछा-ऐसी […]
ऐसा सवाल उठाने के पीछे हमारा उद्देश्य किसी की मान्यता और आस्था को ठेस पंहुचना नहीं है , बल्कि बुखारी में दिए गए अबू बकर के उस बयान की सत्यता को परखना है , जिसमे उन्होंने अल्लाह की कसम खाकर फातिमा से कहा था “,न तो तुम रसूल की संपत्ति की वारिस हो और न […]
ये रुपाणि प्रतिमुञ्चमाना असुराः सन्तः स्वधया चरन्ति । परापुरो निपुरो ये भरन्त्यग्निष्टाँल्लोकात् प्रणुदात्यस्मात् ।। -(यजुर्वेद २/३०) अर्थ:- जो दुष्ट मनुष्य अपने मन, वचन और शरीर से झूठे आचरण करते हुए अन्याय से अन्य प्राणियों को पीड़ा देकर अपने सुख के लिए दूसरों के पदार्थों को ग्रहण कर लेते हैं, ईश्वर उनको दुःखयुक्त करता है और […]
“””””‘””””””””””””” लेखक आर्य सागर खारी यह स्केलेटन फ्लावर की दो छवियां है हिंदी में इसे कंकाल पुष्प कहते हैं इसे कंकाल पुष्प क्यों कहा जाता है? यह समझने के लिए यह लेख पूरा पढ़ना होगा। आमतौर पर इस फूल का रंग दूधिया सफेद अपारदर्शी होता है जैसे ही इस पर पानी की बूंदे पड़ती है […]
वास्तव में मुसलमान क्या मानते हैं ,या किस किताब को प्रमाणिक मानते है ,इसके बारे में एक बंगलादेशी मुस्लिम विद्वान् “अबुल कासिम “ने यह कहा है कि”मुसलमान केवल यही बात मानते हैं कि ,वह कुछ नहीं मानते “,सिवाय अपने मतलब के “वह कुरान कि अहि आयतों और हदीसों को मानते हैं ,जो वक्त पर उनके […]
लेखक आर्य सागर खारी 96 अरब प्रकाश वर्ष की भौतिक सीमा तक देखें गये अवलोकन योग्य ब्रह्मांड में वर्ष 2020 तक 4000 हजार के लगभग ग्रह खोजें जा चुकें हैं लेकिन इन सब में जीवन योग्य एकमात्र इकलौता ग्रह हमारी पृथ्वी ही हैं। पृथ्वी पर जीवन के फलने फूलने का प्राथमिक कारण माना जाता है […]
आज मन में आया कि दो महान परिवारों की तुलना करूँ- पहला है अयोध्या के चक्रवती सम्राट दशरथ का परिवार और दूसरा है हिंदुस्तान के बादशाह शाहजहां का परिवार। 1. सम्राट दशरथ के चार पुत्र थे- श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न। उसी प्रकार मुगल बादशाह शाहजहां के भी चार जायज़ पुत्र थे – दारा शिकोह, […]