डॉ राकेश कुमार आर्य एक बीज को आप धरती में बोते हैं तो अनेक ढेले उसके ऊपर आ पड़ते हैं। उन ढेलों की जिद होती है कि हम तुझे बाहर नहीं निकलने देंगे। उधर बीज की प्रतिभा कहती है कि तुम चाहे जितने पहले बैठा लो, मुझे फूट कर बाहर निकलना ही है। बीज मिट्टी […]

डॉ राकेश कुमार आर्य एक बीज को आप धरती में बोते हैं तो अनेक ढेले उसके ऊपर आ पड़ते हैं। उन ढेलों की जिद होती है कि हम तुझे बाहर नहीं निकलने देंगे। उधर बीज की प्रतिभा कहती है कि तुम चाहे जितने पहले बैठा लो, मुझे फूट कर बाहर निकलना ही है। बीज मिट्टी […]
सच्चा साधु तो वही है जो नाम, चाम व दाम से ऊपर उठ जावे। आर्य समाज के साधुओं के सामने आरंभिक काल में यही आदर्श था। हमारे संन्यासी ऐसा साधु बनकर दिखाने का यत्न करते रहे। श्री स्वामी स्वतंत्रतानन्द जी महाराज इस दृष्टि से आर्य सन्यासियों के लिए ही एक आदर्श नहीं थे ,अपितु संन्यासी […]
किसी भी रात का अंधेरा इतना बलवान नहीं होता, कि वह सवेरा होने ही न दे। लगातार रात ही रात चलती रहे। “रात का समय अवश्य ही पूरा होता है, फिर सुबह सूर्य निकलता है, सब कुछ साफ दिखता है, और सब परेशानियां दूर हो जाती हैं।” ठीक इसी प्रकार से जीवन में भी समस्याएं […]
संघर्ष किसके जीवन में नहीं है? अर्थात सभी के जीवन में हैं कुछ लोग आपको प्रत्येक परिस्थिति में खुश दिखाई देते होंगे। “ऐसा नहीं है, कि उनके जीवन में कोई समस्याएं नहीं आती। कोई चिंता नहीं होती, कोई तनाव नहीं होता, या परिस्थितियों से उन्हें कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। चिंताएं परेशानियां दुख समस्याएं सबके […]
मानव कर्तव्य शास्त्र मनुस्मृति में सर्वाधिक मिलावट की गई यह मिलावट किसी एक काल में नहीं की गई समय-समय पर की गई अनेक शताब्दियों तक। उस काल में प्रिंटिंग प्रेस जैसी कोई तकनीक नहीं थी हाथ से ही पांडुलिपियों तैयार की जाती थी ऐसे में स्वार्थी लोगों ने अवसर का लाभ उठाया आखिर मनुस्मृति ही […]
“संसार में लाखों योनियां हैं। उनमें से सबसे अधिक मूल्यवान और उत्तम योनि मनुष्य की है।” क्योंकि मनुष्य जीवन में बहुत सारी सुख सुविधाएं हैं, जो अन्य प्राणियों को ईश्वर ने लगभग नहीं दी। जैसे कि “ईश्वर ने मनुष्यों को ‘विशेष बुद्धि’ दी। बोलने के लिए ‘भाषा’ दी। कर्म करने के लिए ‘दो हाथ’ दिए। […]
मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में माता-पिता के द्वारा जन्म प्राप्त पर यहां आये हैं। यदि हमारे माता-पिता न होते तो हमारा जन्म नहीं हो सकता था। हमारे जन्म की जो प्रक्रिया है उसमें हमारे माता-पिता को अनके प्रकार के कष्ट उठाने तथा पुरुषार्थ करने पड़ते हंै। यह ऐसा कार्य है कि जो कोई […]
आपने ब्रह्मराक्षस शब्द सुना होगा और कल्पना की होगी कि ये किसी दुष्ट व्यक्ति का नाम है,और मंदिरों में इसकी प्रतिमा देखकर इसके विषय में समझने की जिज्ञासा हो सकती है। मडिकेरी के ओंकारेश्वर शिव मंदिर की क्षेत्रीय किंवदंती के अनुसार,मंदिर का निर्माण एक राजा द्वारा ब्रह्मराक्षस द्वारा उत्पन्न बुराई को दूर करने के लिए […]
सबके पास कुछ न कुछ सुविधाएं हैं और कुछ-कुछ कमियां भी हैं। उन कमियों को दूर करने के लिए सब में इच्छाएं भी हैं। इच्छाओं के क्षेत्र में दो प्रकार के लोग संसार में देखे जाते हैं। एक वे, “जो अपने पास उपलब्ध सुविधाओं पर अधिक ध्यान देते हैं। जो वस्तुएं जीवन चलाने के लिए […]
डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता : एक बार ब्रह्मा, बिष्णु में श्रेष्ठता को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद को सुलझाने के लिए ब्रह्मा, बिष्णु एवं सभी देवी-देवता और ऋषि मुनि भगवान शिव के पास आते हैं। भगवान शिव ने सभी देवी-देवता और ऋषि मुनियों ने से पूछा कि आप ही बताइए सबसे […]