परमात्मा की अनुभूति क्यों करें? प्रसन्नता की मूल वर्षा करने वाला कौन है? अपने जीवन में किसी भी महान् व्यक्तित्व का अनुसरण कैसे करें? अस्मा इदु त्यमुपमं स्वर्षां भराम्याङ््गूषमास्येन। मंहिष्ठमच्छोक्तिभिर्मतीनां सुवृक्तिभिः सूरिं वावृधध्यै।। ऋग्वेद मन्त्र 1.61.3 (कुल मन्त्र 697) (अस्मै इत् उ) निश्चय से यह उसके लिए है (परमात्मा के लिए) (त्यम) उस (उपमम) निकटता […]
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