संन्यास संस्कार सम्यक न्यास अर्थात विचारपूर्वक दूरी बना लेना , अथवा ऐसा भाव उत्पन्न कर लेना कि अब मैं न्यासी या ट्रस्टी हो गया हूँ । मैं निरपेक्ष हो गया हूँ । मैं राग और द्वेष से ऊपर उठ गया हूँ । अब मुझे न किसी से अधिक लगाव है ना किसी से द्वेष है […]
