अर्थात वेद की 16000 कुछ ऋचाओं के ज्ञाता थे। जिन्हें वास्तविक जानकारी नहीं होती है । इन्हीं 16000 ऋचाओं में श्री कृष्ण जी रमण करते रहते थे ,जिनका मनन करते रहते थे ,जिनमें विचार मग्न रहते थे ,उन्हीं को 16000 गोपिकाऐं कह देते हैं जो श्री कृष्ण जी के चरित्र हनन की सबसे गलत बात […]
