किसी भी बिंदु पर दो विचारधाराएं होना और दो विचारधाराओं का टकराव होना प्राकृतिक नियम है। प्रत्येक विचारधारा की अपनी मान्यताएं, अपने नियम और अपनी कसौटियां तथा गुण विशेष हुआ करते हैं । विद्वान जगत की जहां तक बात है वह तो एक ईश्वर के मानने में भी भिन्न-भिन्न मान्यताएं रखता है अर्थात एक ईश्वर […]
