महाकुंभ पर ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को चुनौती सनातन जीवन की एक शैली है । जिसे अपनाकर मनुष्य अपने परमध्येय अर्थात मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। हम बहुत सौभाग्यशाली हैं कि हम उन ऋषि पूर्वजों की संतानें हैं जिन्होंने हमारे जीवन का लक्ष्य मोक्षप्राप्ति रखा है। इसी मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनुष्य को […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
इन दोनों प्रयागराज में सुप्रसिद्ध कुंभ का मेला आयोजित किया जा रहा है जिसकी भव्यतम तैयारी प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में संपन्न हुई है। निश्चित रूप से प्रयागराज का यह महाकुंभ इस बार अपने आप में कई अर्थों में निराला है। ऐसे में कई प्रश्न आपके मन मस्तिष्क में कौन […]
ये लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। गतांक से आगे … आ र्य सभ्यता में केशों की भाँति नाखूनों का भी बड़ा महत्व है। नाखूनों के द्वारा श्रम की इयत्ता अर्थात् मर्यादा और प्रकार अर्थात् विधि से सम्बन्ध रखनेवाली […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः – देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत) गतांक से आगे …. राजा के लिए लिखा है कि- शिरो मे श्रीर्यशो मुखं त्विषिः केशाश्च श्मश्रूणि । राजा मे प्राणो अमृत सम्राट् चक्षुविराट् […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) गताक से आगे .. वर्तमान समय में वस्त्रों के अनेकों तर्ज और फैशनों से भले आदमी कहलानेवाले गृहस्थों को कितना कष्ट हो रहा है, यह किसी समझदार आदमी से छिपा नहीं है। […]
(यह लेख वाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) आर्य वस्त्र और वेशभूषा गतांक से आगे … अर्थ में भोजन के बाद दूसरा नम्बर वस्त्रों का है। भोजन की तरह आर्य सभ्यता में वस्त्रों पर भी विशेष प्रकाश डाला गया […]
क्या आप भी बोलते हैं हैप्पी क्रिसमस डे? क्या आप भी देते हैं बड़े दिन की बधाइयां? यदि हां तो जानिए इसकी वास्तविकता बड़ा दिन या बढ़ा दिन! क्या है इसका इतिहास? क्या यह जीसस से जुड़ा हुआ है? क्या यह santa-claus से जुड़ा हुआ है। क्या यह भीष्म पितामह से संबंध रखता है? महाभारत […]
यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। गतांक से आगे … कलियुग का वर्णन करते हुए महाभारत वनपर्व अध्याय ११० में लिखा है कि- ये यवान्ना जनपदा गोधूमात्रास्तथैव च । तान् देशान् संश्रयिष्यन्ति युगान्ते पर्युपस्थिते ।। अर्थात् जिन देशों […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे … दूसरे अन्न पशुओं को भी दिया जाता है, जिससे दूध और घृत की प्राप्ति होती है। तीसरे थोड़ा बहुत यज्ञशेषान प्रसाद […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे … अर्थात् जहाँ जहाँ अन्न का वर्णन मिलता है, वहाँ -वहाँ सर्वत्र ही अन्न का तात्पर्य आहार ही है, अनाज नहीं। इसीलिए […]