=========== आर्यावर्त वा भारतवर्ष में प्राचीन काल से अध्यात्म का प्रभाव रहा है। सृष्टि के आरम्भ में ही ईश्वर ने चार ऋषियों के माध्यम से वेदों का ज्ञान दिया था। हमारे उन ऋषियों व बाद में ऋषि परम्परा ने इस ज्ञान को सुरक्षित रखा जिस कारण आज भी वेदों की संहितायें व वेदों का सम्पूर्ण […]
लेखक: मनमोहन कुमार आर्य
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परमात्मा ने 1.96 अरब वर्ष पूर्व इस संसार को बनाया था और तब से इसे चला रहा है। वह कभी सोता व आराम नहीं करता। यदि करता होता तो बहुत पहले इस संसार की प्रलय हो जाती। वह यह सब त्याग व पुरुषार्थ स्वाभाविक रूप से संसार के प्राणियों के लिये […]
========== वैदिक साधन आश्रम, तपोवन, देहरादून में दिनांक 11 मार्च, 2024 से आरम्भ 7 दिवसीय सामवेद पारायण एवं गायत्री महायज्ञ आज रविवार दिनांक 17-3-2024 को सोल्लस सम्पन्न हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा प्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य डा. वेदपाल जी थे। यज्ञ में स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती, पं. सूरतराम जी का सान्निध्य भी याज्ञिक ऋषिभक्तों […]
” देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। आपके जन्म का […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वैदिक साधन आश्रम, तपोवन, देहरादून में दिनांक 11 मार्च, 2024 से आरम्भ 7 दिवसीय सामवेद पारायण एवं गायत्री महायज्ञ आज रविवार दिनांक 17-3-2024 को सोल्लस सम्पन्न हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा प्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य डा. वेदपाल जी थे। यज्ञ में स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती, पं. सूरतराम जी का सान्निध्य […]
========== संसार में अनेक मत-मतान्तर एवं संस्थायें हैं जो अतीत में भिन्न-भिन्न लोगों द्वारा स्थापित की गई हैं व अब की जाती हैं। इन संस्थाओं को स्थापित करने का इसके संस्थापकों द्वारा कुछ प्रयोजन व उद्देश्य होता है। सभी लोग पूर्ण विज्ञ वा आप्त पुरुष नहीं होते। वह सभी अल्पज्ञ ही होते हैं। अल्पज्ञ का […]
========== ऋषि दयानन्द ने देश-विदेश को एक नियम दिया है ‘अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये’। इस नियम को संसार के सभी वैज्ञानिक एवं सभी विद्वान मानते हैं। आर्यसमाज में सभी विद्वान अनुभव करते हैं कि देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तर इस नियम का पालन करते हुए दिखाई नहीं देते। इसी कारण […]
=========== वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीन एवं एकमात्र धर्म है। अन्य धार्मिक संगठन धर्म न होकर मत व मतान्तर हैं। तथ्यों के आधार पर ज्ञात होता है कि सृष्टि के आरम्भ में ही वेदों वा वैदिक धर्म का प्रादुर्भाव ईश्वर से हुआ था। इससे सम्बन्धित जानकारी आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने […]
========= ऋषि दयानन्द ने देश-विदेश को एक नियम दिया है ‘अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये’। इस नियम को संसार के सभी वैज्ञानिक एवं सभी विद्वान मानते हैं। आर्यसमाज में सभी विद्वान अनुभव करते हैं कि देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तर इस नियम का पालन करते हुए दिखाई नहीं देते। इसी कारण […]