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धर्म-अध्यात्म

मनुष्य का आत्मा कर्म करने में स्वतन्त्र और फल भोगने में परतंत्र है

मनमोहन कुमार आर्य हमें ज्ञात है व सबको ज्ञात होना चाहिये कि संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों का अस्तित्व है। यह तीन पदार्थ ईश्वर, जीव व प्रकृति हैं। ईश्वर व जीव सत्य एवं चेतन पदार्थ हैं। ईश्वर स्वभाव से आनन्द से युक्त होने से आनन्दस्वरूप है तथा जीव आनन्द व सुख से युक्त […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इतिहास पुरुष महाराणा प्रताप का जीवन सब भारतीयों के लिये प्रेरक एवं अनुकरणीय है

मनमोहन कुमार आर्य भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाले एक देशभक्त निर्भीक व साहसी क्षत्रिय महापुरुष, वैदिक धर्म व संस्कृति के आदर्श एवं भारत माता के वीर सपूत महाराणा प्रताप जी की 9 मई को जयन्ती होती है। महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई, सन् 1540 को कुम्भलगढ़ दुर्ग, मेवाड़ में हुआ […]

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उगता भारत न्यूज़

श्री मद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौंधा-देहरादून का भव्य रजत जयन्ती समारोह आगामी 30, 31 मई एवं 1 जून, 2025 को आयोजित

मनमोहन कुमार आर्य श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, देहरादून का रजत जयन्ती समारोह आगामी 30 व 31 मई एवं 1 जून, 2025 को गुरुकुल पौंधा के परिसर में आयोजित किया जा रहा है। गुरुकुल ने जून, 2000 में स्थापित होने के बाद 25 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है। इस अवधि में गुरुकुल में अनेक […]

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वेद

संसार में वेदों की अप्रवृत्ति होने से अविद्यायुक्त मत-मतान्तर उत्पन्न हुए हैं

मनमोहन कुमार आर्य संसार में वर्तमान समय में शताधिक अवैदिक मत-मतान्तर प्रचलित हैं जिनकी प्रवृत्ति व प्रचलन पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद हुआ है। सभी मतों का आधार प्रायः चार प्रमुख मत हैं जो पुराण, जैन मत के ग्रन्थों, बाईबल तथा कुरान आदि ग्रन्थों के आधार पर प्रचलित हुए हैं। महाभारत […]

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वेद

वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्यस्वरूप व अन्य सभी मान्यताओं में विश्वास करने से जीवन की सफलता

मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और असत्य […]

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धर्म-अध्यात्म

क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी रहेगा?

मनमोहन कुमार आर्य हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का […]

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वेद

वेदों को अपना लेने से विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान

मनमोहन कुमार आर्य हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा […]

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भारतीय संस्कृति वेद

जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय, सद्व्यवहार एवं आचरण में है

मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग करते हैं व करने में समर्थ हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि […]

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धर्म-अध्यात्म

मानव जाति की सबसे उत्तम सम्पत्ति ईश्वर एवं वेद हैं

मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे प्राप्त होने वाले सुख व सुविधाओं का भोग करना बन गया है। इसी कारण से संसार में सर्वत्र पाप, भ्रष्टाचार, अन्याय, शोषण, अभाव, भूख, अकाल मृत्यु आदि देखने को मिलती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अविद्यायुक्त संगठन व सम्प्रदाय अपने प्रसार […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदों की रक्षा व प्रचार से ही विश्व में मानवता की रक्षा सम्भव है

मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को दुर्गुणों व दुर्व्यसनों, अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, मिथ्या सामाजिक परम्पराओं के साथ साथ अन्याय व शोषण से रहित अपने जीवन की रक्षा के लिये सदाचारी विद्वानों, देवत्वधारी पुरुषों सहित वेदज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यदि समाज में सच्चे ज्ञानी व परोपकारी मनुष्य न हों तो समाज में अज्ञान की वृद्धि […]

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