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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के 50 ऋषि वैज्ञानिक अध्याय – 41 विश्व के पहले पशु चिकित्सक शालिहोत्र

मानव चिकित्सा के लिए आयुर्वेद की खोज करके जहां भारत के ऋषियों ने महान कार्य किया, वहीं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी सर्वप्रथम भारत ने ही पहल की थी। इस क्षेत्र में संपूर्ण संसार के चिकित्सा विज्ञानी आज तक भी पूर्णता का दावा नहीं कर पाए हैं। उनका कहना होता है कि मनुष्य से […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के 50 ऋषि वैज्ञानिक अध्याय – 40 अत्याचार के घोर विरोधी : महर्षि परशुराम

अत्याचार के घोर विरोधी : महर्षि परशुराम लोगों को बताया जाता है कि परशुराम जी ने पृथ्वी को 21 बार क्षत्रियविहीन किया। ऐसा करके परशुराम जी के साथ न्याय नहीं किया जाता। इसके विपरीत भारत की हिंदू समाज की एकता को भंग करने का प्रयास किया जाता है। परशुराम जी कोई आतंकवादी या बुद्धि शून्य […]

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संपादकीय

राहुल गांधी की पप्पूगीरी और कांग्रेस का भविष्य

‘भारत जोड़ो’ यात्रा से जो कुछ राहुल गांधी ने कमाया था, उसे उन्होंने अपने दो बार के विदेश के दौरों पर जाकर देश के विरोध में दिए गए अपने बयानों से गंवा भी दिया है। भारतीय राजनीति में इस समय नकारात्मकता का प्रतीक बनकर तेजी से उभरे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पैरों पर अपने […]

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संपादकीय

सेंगोल के सांस्कृतिक निहितार्थ और इसका महत्व

नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद सबसे अधिक चर्चा का विषय इस समय सेंगोल अर्थात राजदंड है। बीजेपी ने कहा है कि जिस समय 1947 में 15 अगस्त को सत्ता हस्तांतरण हुआ था उस समय भी इस छड़ी को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रदान किया गया था। जिन्होंने इसे इलाहाबाद स्थित आनंद […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के 50 ऋषि वैज्ञानिक अध्याय – 39 गायत्री मंत्र दृष्टा महर्षि विश्वामित्र

महर्षि विश्वामित्र प्राचीन काल में शस्त्र विद्या के ज्ञाता के रूप में जाने जाते थे। उनके बारे में अनेक प्रकार की किंवदंतियां प्रचलित हैं। हम उन किंवदंतियों के आधार पर बनी कहानियों का उल्लेख यहां पर नहीं करेंगे। इतिहास की साक्षी है कि प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र […]

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संपादकीय

नेहरू-शेख संबंध और नेहरूवादी लेखक

आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि है। 27 मई 1964 को उनका देहांत हुआ था। हम सभी जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू धर्मनिरपेक्षता के दीवाने थे। उन्हें धर्मनिरपेक्षता के नाम पर शेख अब्दुल्लाह से मिलकर महाराजा हरि सिंह को नीचा दिखाने में आनंद की अनुभूति होती थी। पीयूष बबेले ने […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के 50 ऋषि वैज्ञानिक अध्याय – 38 मनोविज्ञान के विशेषज्ञ ऋषि उद्दालक

जो दिल्ली के लाल किले के बारे में कुछ नहीं जानते, वह इसे देखकर भी देख नहीं पाते। ऐसे लोगों की दृष्टि में लालकिला पत्थर की ऊंची – ऊंची दीवारों और किसी अज्ञात काल में किसी राजा के निवास स्थान के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। पर जो लोग लाल किला के विषय में जानते […]

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इतिहास के पन्नों से

देश के विभाजन का दोषी कौन?….3 भारत में इस्लामिक सांप्रदायिकता और अंग्रेजी सरकार

भारत में इस्लामिक सांप्रदायिकता और अंग्रेजी सरकार हिमांशु कुमार नामक गांधीवादी लेखक अपने उपरोक्त लेख में आगे लिखते हैं कि ‘याद रखिये मुस्लिम लीग का गठन हिन्दुओं के खिलाफ नहीं हुआ था। आप मुझे मुस्लिम लीग का कोई स्टेटमेंट हिन्दुओं के खिलाफ दिखा दीजिये, वहीं दूसरी तरफ हिन्दू महासभा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन […]

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संपादकीय

नए संसद भवन का उद्घाटन और विपक्ष का विधवा विलाप

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बहाने विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनावों की अपनी भूमि और भूमिका तैयार कर रहा है। जितने भर भी राजनीतिक दल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं उन्हें 2024 के चुनावों की राजनीति ऐसा करने के लिए बाध्य कर रही है। माना […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश विभाजन का दोषी कौन ? भाग 2

14 मार्च 1888 को मेरठ में दिए गए अपने भड़काऊ भाषण में सर सैयद अहमद खान ने स्पष्ट कर दिया था कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर इस देश पर शासन नहीं कर सकते । अपने भाषण में उन्होंने कहा- “सबसे पहला प्रश्न यह है कि इस देश की सत्ता किसके हाथ में आनेवाली है ? मान लीजिए, […]

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