पंजाब में एक पुलिस थाने पर खालिस्तान समर्थकों का हमला होना इस बात का संकेत और संदेश है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के चलते पंजाब फिर आतंकवाद और अलगाववाद की डगर पर चल पड़ा है। वैसे भी यह एक सर्वमान्य सत्य है कि खालिस्तान समर्थकों का दिमाग ठीक नहीं है और विदेशी शक्तियां […]
महीना: फ़रवरी 2023
प्रह्लाद सबनानी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत में बेरोजगारी की दर 4.9 प्रतिशत से, कोविड महामारी के चलते, बढ़कर 2020 में 7.5 प्रतिशत हो गई, हालांकि इसमें अब पुनः काफी सुधार दिखाई दिया है। पूरे विश्व में सभी देशों का सकल घरेलू उत्पाद कुल मिलाकर लगभग 100 लाख करोड़ अमेरिकी […]
देवेन्द्रराज सुथार जालोर, राजस्थान राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. जिसके तहत पाठ्य पुस्तकों का दो-तिहाई वजन कम किया गया है. अब बच्चों को वर्तमान पुस्तकों के एक तिहाई भार के रूप में अलग-अलग पुस्तकों के स्थान पर एक ही […]
✍️ डॉ. राधे श्याम द्विवेदी एक तरफ एम पी कैडर के आई ए एस नियाज़ खान जैसे कुछ प्रबुद्ध अधिकारी ब्राह्मण के आई क्यू की प्रशंसा कर रहे है । ब्रह्मण की सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की सराहना कर रहे हैं,वही देश में बहुत बड़ा वर्ग ब्राह्मण के गुणों को नजरंदाज करते हुए […]
सेकुलर रोग से ग्रस्त कुछ वामपंथी और कांग्रेसी विचार रखने वाले इतिहासकारों ने हुमायूँ के बेटे मुग़ल बादशाह अकबर को एक धर्मनिरपेक्ष और हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक बता दिया है , और उसे “अकबर आजम -اكبرِ اعظم ” ( akabar the greate ) की उपाधि दे डाली है ,लेकिन अकबर न तो […]
महाराणा उदय सिंह और उनकी शौर्य गाथा मेवाड़ की यह भी एक परंपरा रही है कि जब किसी महाराणा का देहांत होता था तो उसका उत्तराधिकारी उसके अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं होता था। उसे मेवाड़ के उत्तराधिकारी के रूप में राजभवन में ही रहना होता था। मेवाड़ की इस परंपरा का निर्वाह करने के […]
उमेश चतुर्वेदी विश्व हिंदी सम्मेलन तो हो गया मगर इससे हिंदी को क्या हासिल हुआ? विश्व हिंदी सम्मेलन के 48 साल की यात्रा कम नहीं होती। फिजी के नादी में हुए 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के मौके पर देश में यह सवाल जरूर उठा कि जिस उद्देश्य से यह सम्मेलन शुरू हुआ, क्या उसे वह […]
डॉ डी के गर्ग भाग-१ ये लेख 10 भाग में है , पूरे विषय को सामने लाने का प्रयास किया है। आप अपनी प्रतिक्रिया दे और और अपने विचार से भी अवगत कराये विषय को प्रारंभ करने से पहले ये बता देना उचित होगा की शिव को लेकर अनेकों भ्रांतियां है जिनको समझना जरुरी है। […]
मंदिरों में रखी जाने वाली मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा करने की भारत की पौराणिक परंपरा कितनी वैज्ञानिक है और कितनी अवैज्ञानिक है ?- इस पर हमें कोई चर्चा नहीं करनी है। पर आज हम इतना अवश्य कहना चाहते हैं कि हिंदू समाज की राष्ट्र और धर्म के प्रति बढ़ती जा रही निष्क्रियता और तटस्थता की […]
आशीष राय विश्व के कई देशों ने मातृभाषाओं में कार्य करके अपने को विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। इजराइल के वैज्ञानिकों ने हिब्रू भाषा में शोध करके सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार प्राप्त किये हैं। जापान, जर्मनी सहित तमाम देश अपनी मातृभाषा में ही कार्य करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। 15 […]