राजनीतिज्ञ को वर्तमान परिस्थितियों में अपना स्वार्थ सिद्ध करना प्राथमिकता पर दिखाई देता है। जबकि राजनेता को राष्ट्रहित दिखाई देता है। राजनीतिज्ञ अपने निहित स्वार्थ की राजनीति करता है। जब कि राजनेता देश के और राष्ट्र के भविष्य निर्माण की योजना में निमग्न रहता है। यही कारण है कि जहां राजनीतिज्ञ छोटी-छोटी बातों को तूल […]
श्रेणी: संपादकीय
भारत सनातन है और सनातन ही भारत है। इन दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है । जिसे समझना प्रत्येक भारतीय के लिए आवश्यक है जो इस पहेली के रहस्य को समझ जाता है वह भारत को समझ जाता है और फिर उसे सनातन को समझने में भी देर नहीं लगती। जिस प्रकार सनातन और भारत का […]
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति में उन देशों को प्राथमिकता दी गई है जो भारतीय धर्म, संस्कृति और इतिहास की परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के प्रति संकल्पित हैं । भारतीय मूल के प्रवासियों की संतानों के रूप में मॉरीशस की अधिसंख्य हिंदू जनसंख्या ने भारत के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करने में कभी […]
17 मार्च 2024 को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक संपन्न हुई। जिसमें एक प्रस्ताव राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में पारित किया गया।इस प्रस्ताव में राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा गया कि श्री अयोध्या धाम में […]
अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर भाजपा ने निर्विरोध चुनाव जीतकर यह स्पष्ट कर दिया है कि पूर्वोत्तर भारत में उसका कोई विकल्प नहीं है । इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी कराकर भाजपा पर चुनाव जीतने का आरोप लगाने वाले विपक्ष को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि आखिर उसने अरुणाचल प्रदेश में […]
आजादी के बाद जब देश का संविधान लागू हुआ तो उस समय हमारे संविधान के भीतर धारा 370 को स्थापित करना तत्कालीन नेतृत्व की सबसे बड़ी गलती थी। एक ही देश के भीतर दो विधान- दो निशान और दो प्रधान की व्यवस्था करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं था। देश के राष्ट्रवादी लोगों की […]
31 जनवरी 2024 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया और अपना बजट भाषण प्रस्तुत किया। 5 फरवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपना भाषण दिया । उन्होंने अपने भाषण में अपने 10 वर्ष […]
सोशल मीडिया पर ‘हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान’ के शुभचिंतकों की अच्छी बहस होती देखी जाती है। उनमें से कई ऐसे भी होते हैं जो भारत के प्रधानमंत्री श्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को भी यह कहकर कोसते मिलते हैं कि इन दोनों ने भी ‘हिंदुत्व’ के लिए कुछ नहीं किया। कई लोग […]
आज यह प्रश्न बहुत ही गंभीरता के साथ उठना चाहिए कि मोदी जी का निरंतर तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना और सत्ता में उनकी पुनर्वापसी क्यों आवश्यक है? देश हित में इस प्रश्न पर गंभीरता से चिंतन होना चाहिए। जितने भर भी राजनीतिक नौटंकीबाज देश में इस समय काम कर रहे हैं , उन सब की […]
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में चल रहे मदरसा अधिनियम को निरस्त कर अपना ऐतिहासिक निर्णय देते हुए संविधान के पंथनिरपेक्ष स्वरुप की रक्षा करने का सराहनीय और उत्तम प्रयास किया है। न्यायालय ने अपने इस ऐतिहासिक निर्णय में ‘उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004’ को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के प्रति उल्लंघनकारी […]