Categories
भाषा

अमृत काल का एक सुनहरा पक्ष है मातृभाषा

अमृतकाल का सुनहरा पक्ष है मातृभाषा, मगर बच्चों में भाषा संरचना का स्वरूप बिखरता हुआ दिख रहा है ऋचा सिंह वर्तमान समय में ज्ञान, विज्ञान समुद्र की गहराइयों से लेकर सौरमंडल को अपनी परिधि में निरंतर बांधने का प्रयास कर रहा है। वहीं दूसरी ओर बच्चों में भाषा संरचना का स्वरूप बिखरता हुआ दिख रहा […]

Categories
भाषा

भारत में तेजी से बढ़ रहा है मातृभाषाओं पर संकट

प्रो. संजय द्विवेदी आप वर्ष 2040 की कल्पना कीजिए। तब तक हमारा भारत विश्व की एक बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका होगा। गरीबी, कुपोषण, पिछड़ापन काफी हद तक मिट चुके होंगे। देश के लगभग 60 प्रतिशत भाग का शहरीकरण हो चुका होगा। भाषा का संबंध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से है। भारतीय भाषाओं में अंतर-संवाद […]

Categories
भाषा

हमारी लिपि पर मंडरा रहा है गहरा संकट

प्रो. संजय द्विवेदी मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश का विकास तभी संभव है, जब उसके पास एक सशक्त भाषा हो। हिंदी एक सशक्त भाषा है। इसकी ताकत पूरा विश्व मानता […]

Categories
भाषा

आर्यसमाज और हिन्दी

लेखक :- डॉ रणजीत सिंह पुस्तक :- पंजाब का हिन्दी रक्षा आंदोलन प्रस्तुति :- अमित सिवाहा पूर्वी पंजाब ( भारत ) प्रान्त में हुए ‘ हिन्दी रक्षा आन्दोलन ‘ का सूत्रपात आर्यसमाज के नेतृत्व में हुआ । अन्य हिन्दू सम्प्रदायों के होते हुए भी आर्यसमाज ने इसमें शीर्षभूमिका क्यों निभाई ? इस प्रश्न का उत्तर […]

Categories
भाषा

शेष दिवस रहती है विवश, एक दिन मनाते हैं हम हिंदी दिवस

डॉ. रमेश ठाकुर वैसे, देखा जाए तो हिंदी समाज खुद हिंदी की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारण है। उसका पाखंड है, उसका दोगलापन और उसका उनींदापन? ये सच है कि किसी संस्कृति की उन्नति उसके समाज की तरक्की का आईना होती है। मगर इस मायने में हिंदी समाज बड़ा विरोधाभासी है। भारत में रोजाना करीब […]

Categories
भाषा

किसने बिगाड़ा हिंदी का शुद्ध वैज्ञानिक और साहित्यिक स्वरूप ?

आज हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी है, इस भाषा को बोलने वाले विश्व में सबसे अधिक लोग हैं। अंग्रेजी को ब्रिटेन के लगभग दो करोड़ लोग मातृ भाषा के रूप में प्रयोग करते हैं, जबकि हिंदी को भारत वर्ष में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्य […]

Categories
भाषा

भाषा ज्ञान के अभाव में हिंदू समाज की स्थिति

भाषा ज्ञान के अभाव में हिन्दुओं को मूर्ख बनाने का एक उदाहरण देखिये :– . दुष्प्रचार: गुजरात में जामनगर शहर के पास समुद्र में एक टापू है जिसका नाम है “पिरोटन = Pirotan” . इस पीरोटन द्वीप में जा कर आप समुद्री जीव-जंतु को बहुत ही करीब से देख सकते हैं और प्रकृति के दर्शन […]

Categories
भाषा

साहित्यिक प्रदूषण

साहित्यिक प्रदूषण छा रहा हर ओर साहित्यिक प्रदूषण, पद्य एवं गद्य दोनों मर रहे हैं। पंत जी का कवि नहीं होता वियोगी, अब नहीं दिनकर व्यथायें छंद बनतीं। अब इलाहाबाद के पथ पर निराला, तोड़ पत्थर नारियाँ कब राह गढ़तीं! निर्मला होरी गबन गोदान गायब, सत्य कहने से समीक्षक डर रहे हैं। व्यास बाल्मीकि तुलसीदास […]

Categories
देश विदेश भाषा

भाषा और भूगोल का मानव जीवन में महत्व

राहुल पाण्डेय भाषा और लिपि की बात करें तो भारत में सबसे पुरानी सिंधु लिपि ही मानी जाएगी जो अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है। इसके बारे में भाषाविद इतना ही जान पाए हैं कि इसकी पहली लाइन दाएं से बाएं चलती है और दूसरी बाएं से दाएं। इसमें लगभग चार सौ संकेत हैं, […]

Categories
भाषा

क्या है IIT में हिंदी वालों का हाल? एडमिशन के बाद भी संघर्ष या आसान हो जाती है राह

प्रवीन मोहता इटावा का एक छात्र कानपुर के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पहुंचा। लक्ष्य, IIT से बीटेक करना। एक दिन टीचर ने उस छात्र से एक सवाल किया तो वह सकपका गया। जवाब दिया, ‘अब तक आपने जो पढ़ाया, उसमें से कुछ समझ नहीं आया।’ टीचर यह सुनकर हैरान थे। काउंसलिंग में पता चला कि […]

Exit mobile version