Categories
भाषा

अनुवाद दो भाषाओं को जोड़ने वाला पुल है

हर भाषा का अपना एक अलग मिज़ाज होता है,अपनी एक अलग प्रकृति होती है जिसे दूसरी भाषा में ढालना या फिर अनुवादित करना असंभव नहीं तो कठिन ज़रूर होता है।भाषा का यह मिज़ाज इस भाषा के बोलने वालों की सांस्कृतिक परम्पराओं, देशकाल वातावरण, परिवेश, जीवनशैली, रुचियों,चिन्तन-प्रक्रिया आदि से निर्मित होता है।अंग्रेजी का एक शब्द है […]

Categories
भाषा

क्या विश्व हिंदी सम्मेलन से भारत को कुछ उपलब्धि हुई है ?

उमेश चतुर्वेदी विश्व हिंदी सम्मेलन तो हो गया मगर इससे हिंदी को क्या हासिल हुआ? विश्व हिंदी सम्मेलन के 48 साल की यात्रा कम नहीं होती। फिजी के नादी में हुए 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के मौके पर देश में यह सवाल जरूर उठा कि जिस उद्देश्य से यह सम्मेलन शुरू हुआ, क्या उसे वह […]

Categories
भाषा

मातृभाषा को मात्र भाषा ना समझें.

नहीं तो मातृभाषा को मृत भाषा बनने से कोई नहीं रोक सकता. 1- अफ्रिका महाद्वीप – 46 पिछडे देश 21 देश फ्रांसीसी में सीखते हैं। 18 देश अंग्रेज़ी में सीखते हैं।, 5 देश पुर्तगाली में सीखते हैं।, 2 देश स्पेनिश में सीखते हैं।, उन देशों के लिए ये सारी परदेशी भाषाएँ हैं। उनपर शासन करने […]

Categories
भाषा

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष : प्रथम गुरु की तरह ही है मातृभाषा

डॉ. वंदना सेन जन्म लेने के बाद मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा, किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है। मातृभाषा का शाब्दिक अर्थ है माँ से सीखी हुई भाषा। बालक यदि माता-पिता के अनुकरण से किसी भाषा को सीखता है तो वह भाषा ही उसकी […]

Categories
भाषा

राष्ट्र-चिंतन : उर्दू तो विखंडन की भाषा रही है

विष्णुगुप्त अभी-अभी उर्दू को लेकर परतंत्रवाद-सेक्युलरवाद और परसंस्कृतिवाद की वैचारिक गुलामी देखने और समझने को मिली। अवसर था वरिष्ठ कवि महेश बंसल की जन्मतिथि पर आयोजित राष्टीय कवि सम्मेलन का। कवि सम्मेलन में मेरे अतिरिक्त डॉ सुरेश नीरव और डा सरस्वत मोहन मनीषी सहित देश भर से आये एक दर्जन से अधिक कवि शामिल थे। […]

Categories
भाषा

विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक फिजी में 15 फरवरी से 12 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मोरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि! पिछले दो सम्मेलनों को छोड़कर बाकी सभी सम्मेलनों के […]

Categories
भाषा

अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस 10 जनवरी पर विशेष ————-विश्व पटल पर छा रही है हिंदी

अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस 10 जनवरी पर विशेष डॉ. वंदना सेन हमारी संस्कृति के कई बिन्दु ऐसे हैं, जिसे सुनकर या देखकर हम सभी को गौरव की अनुभूति होती है। उसमें से एक है हमारी हिन्दी भाषा। जो हमारे मूल से प्रस्फुटित है। सही मायनों में हिन्दी भारत का गौरव गान है। जिसे हम जितना आचरण […]

Categories
भाषा

अपनी भाषा

स्रोत- शांति धर्मी मासिक पत्रिका नवंबर संपादकीय 2022 अंक। प्रस्तोता- आर्य सागर भाषा संस्कृति का आधार होती है क्योंकि संस्कृति के प्रवाह की तरह पूर्वजों द्वारा अर्जित ज्ञान की भी मनुष्य तक पीढी दर पीढ़ी अपनी भाषा के माध्यम से पहुंचता है। संस्कृत साहित्य में हमारे प्रज्ञावान् पूर्व पुरुषों का सर्वोच्च ज्ञान और संस्कार सन्निहित […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भाषा

दक्षिण भारत के लोग नहीं नेता करते हैं हिंदी का विरोध

उमेश चतुर्वेदी अभावग्रस्त भिखारी हों या फिर पर्यटकों को लुभाने वाली दुकानों के मालिक और काउंटरकर्मी, या फिर सामान्य दुकानदार, रिक्शे वाले हों या फटफट ऑटो वाले, उनकी बोली सुन नहीं लगता कि वे उस तमिलनाडु से हैं, जहां की राजनीति अक्सर हिंदी के विरोध में उतरती हैं। स्वाधीनता संग्राम में सपना तो था राष्ट्रभाषा […]

Categories
भाषा

मातृभाषा माध्यम: बहुत कठिन है डगर पनघट की।*

*संसदीय राजभाषा समिति द्वारा उच्च शिक्षा के माध्यम को लेकर क्या सिफारिशें की गई हैं, यह तो मुझे नहीं पता। रिपोर्ट प्रकाशित न होने के कारण केवल कयास लगाए जा रहे हैं। अभी तो भारत सरकार द्वारा इस पर व्यापक विचार विमर्श के बाद कोई निर्णय लेना है और तब जाकर राष्ट्रपति जी के आदेश […]

Exit mobile version