लेखक – आर्य सागर 60 के दशक में दहेज निषेध अधिनियम बन गया लेकिन दहेज के लिए ससुराल पक्ष द्वारा जिंदा जलाई गई महिलाओं की हत्या को दहेज हत्या न मानकर उन्हें आत्महत्या या घरेलू अग्निकांड दुर्घटना का मामल मान लिया जाता क्योंकि दहेज निषेध अधिनियम में केवल विवाह के दौरान ही दी गई संपत्ति […]