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महत्वपूर्ण लेख समाज

सत्यरानी चढ्ढा – दहेज विरोधी आंदोलन का मुखर चेहरा !

लेखक – आर्य सागर 60 के दशक में दहेज निषेध अधिनियम बन गया लेकिन दहेज के लिए ससुराल पक्ष द्वारा जिंदा जलाई गई महिलाओं की हत्या को दहेज हत्या न मानकर उन्हें आत्महत्या या घरेलू अग्निकांड दुर्घटना का मामल मान लिया जाता क्योंकि दहेज निषेध अधिनियम में केवल विवाह के दौरान ही दी गई संपत्ति […]

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महत्वपूर्ण लेख

आपरेशन सिंदूर : विजय का श्रेय, पराजय का अपयश किसको ?

लेखक – आर्य सागर सफल सैन्य नियंत्रित सीमित आतंक रोधी अभियान ऑपरेशन सिंदूर के रूप में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर के मामले में भारत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। विशेषज्ञ बताते हैं भावी युद्ध आकाश में ही नहीं अंतरिक्ष में भी लड़े जाएंगे एक दूसरे की सेटेलाइट प्रणाली को निशाना बनाकर ,भारत इसकी भी […]

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आतंकवाद मज़हब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना महत्वपूर्ण लेख

सनातन हिंदू धर्म एवं भारत में उत्पन्न समस्त मत पंथ विश्व में शांति चाहते हैं

प्रहलाद सबनानी  भारत में सनातन हिंदू धर्म तो अनादि एवं अनंत काल से चला आ रहा है परंतु बाद के खंडकाल में भारत में कई अन्य प्रकार के मत पंथ भी विकसित हुए हैं जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म आदि। भारत में विकसित विभिन्न मत पंथ मूलतः सनातन हिंदू संस्कृति का ही अनुपालन […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा विविधा

भारत बुद्ध की नहीं युद्ध की आदि भूमि है

लेखक – आर्य सागर जब यह कहा जाता है कि भारत युद्ध की नहीं बुद्ध की भूमि है तो यह प्राचीन क्षात्र धर्म शौर्य परंपरा के साथ एक घिनौना मजाक है। वेदों में जितनी ऋचाएं ईश्वर देवों की स्तुतिपरक है उतनी ही ऋचाएं राजा को रणभूमि गमन संग्राम को प्रेरित करने वाली हैं। बुद्ध से […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा विधि-कानून विविधा समाज

सिविल सेवा में इस्तीफों का मंथन : राजनीति, प्रशासन और मानसिक तनाव का समीकरण

भारत में सिविल सेवाओं से इस्तीफों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है। कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी, जिनमें कम्य व मिश्रा, रोमन सैनी और अन्य युवा अधिकारी शामिल हैं, अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके पीछे राजनीतिक दबाव, प्रशासनिक हताशा, स्वायत्तता की कमी और मानसिक स्वास्थ्य संकट जैसे कारण हैं। […]

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महत्वपूर्ण लेख विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत को पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने हेतु सांस्कृतिक संगठनों को भी विशेष भूमिका निभानी होगी

प्रहलाद सबनानी प्राचीनकाल में भारत विश्व गुरु रहा है इस विषय पर अब कोई शक की गुंजाईश नहीं रही है क्योंकि अब तो पश्चिमी देशों द्वारा पूरे विश्व के प्राचीन काल के संदर्भ में की गई रिसर्च में भी यह तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं। भारत क्यों और कैसे विश्व गुरु के पद पर […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

प्राइवेट सिस्टम का खेल : आम आदमी की जेब पर हमला

भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं। प्राइवेट स्कूल सुविधाओं की आड़ में अभिभावकों से मनमाने शुल्क वसूलते हैं—ड्रेस, किताबें, यूनिफॉर्म, कोचिंग—सब कुछ महँगा और अनिवार्य बना दिया गया है। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल डर और भ्रम का माहौल बनाकर मरीजों से मोटी रकम […]

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महत्वपूर्ण लेख राजनीति विधि-कानून

वक्फ संशोधन पर कितना भ्रम, कितना सच?

सुरेश हिंदुस्तानी आज देश में राजनीति के मायने परिवर्तित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। देश का प्रत्येक राजनीतिक दल अपना राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखने के लिए ही राजनीति कर रहा है। ऐसे में यह भी स्पष्ट नहीं हो पाता है कि कौन सही है और कौन गलत। इसका कारण यही है देश की जनता […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र महत्वपूर्ण लेख

धूर्त शेल्डन पोलाक और संस्कृत व संस्कृति द्रोही मूर्ति परिवार

The intellectual conspiracy of the Western left to arbitrarily interpret Sanskrit literature सन् 1832 में लेफ्टिनेंट कर्नल जोसेफ बोडेन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत की चेयर स्थापित की जिसमें जर्मन इंडोलॉजिस्ट मैक्स मूलर को कथित तौर पर संस्कृत ग्रंथो की व्याख्या , वेदों के अनुवाद का काम सौंपा गया था। अंग्रेजों का उद्देश्य वैदिक संस्कृत […]

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महत्वपूर्ण लेख समाज

स्वच्छ भारत का महादेव मेहतर, दक्ष भारत का शिल्पी कारीगर

सृष्टि के आदिकाल से ऋषि, महर्षि, मुनि, धर्माचार्य और विश्ववारा संस्कृति के महानायकों, लोकनायकों ने स्वच्छता और दक्षता को जीवन के प्रथम सोपान में रखा है। यही कारण था कि यज्ञ वै श्रेष्ठतम् कर्म:को आराध्य मानकर प्रत्येक मनुष्य यज्ञ से ही अपना कार्य प्रारंभ करता था। ऋषि एवं ऋषिकाओं ने मान रखा था कि संस्कृत, […]

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