Categories
इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सावरकर के खिलाफ अपील क्यों नहीं ? – श्याम सुंदर पोद्दार

—— लोगों को आश्चर्य होता है ,जब गाँधी हत्याकांड मे सम्मिलत होने के षडयन्त्र से जस्टिस आत्मचरन ने सावरकर को ससम्मान बरी करते हुए अपने निर्णय में लिखा, २० जनवरी १९४८ से ३० जनवरी १९४८ के बीच दिल्ली में क्या हुआ, उसकी जानकारी सावरकर को नही थी। इसलिए उनको पूर्ण दोशमुक्त किया जाता है। इसके […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महात्मा बुद्ध और मांसाहार

महात्मा बुद्ध एवं माँसाहार बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 10 ( 1 ) , भारत में सांप्रदायिकता, अंग्रेज और कॉन्ग्रेस

  भारत में साम्प्रदायिकता ,अंग्रेज और कॉंग्रेस भारत में प्राचीन काल में शासन की नीति का आधार पंथनिरपेक्ष विचारधारा होती थी । जिसमें शासन का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को स्वतन्त्रता की स्वतन्त्र अनुभूति कराना होता था। किसी पर भी किसी प्रकार का बन्धन न हो, प्रतिबन्ध न हो और अपने जीवन को सब सुरक्षित […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महात्मा बुद्ध बनाम भीमराव अंबेडकर

महात्मा बुद्ध V/S भीमराव अम्बेडकर (बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित) जिस प्रकार कोई सैनिक की वर्दी पहनकर सैनिक नहीं बन जाता जब तक कि वो नियमानुसार सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर लेता | ठीक उसी प्रकार यह कह देने मात्र से कोई बौद्ध नहीं हो जाता कि ‘मैं अब हिन्दू नहीं बौद्ध हूँ’ | […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

मदर टेरेसा के बारे में एक नई सीरीज में हुए कई नए खुलासे : बांध कर रखे जाते थे बच्चे, नन खुद को मारती थीं कोड़े

क्या मदर टेरेसा सचमुच महान थीं? क्या वो वैसी थीं, जैसा उन्हें दिखाया जाता है? असल में ऐसी बात नहीं है। मिशनरी अक्सर ऐसे ही लोगों की मदद कर के उनका धर्मांतरण कराते हैं, या फिर उनसे ईसाई मजहब और जीसस में विश्वास जगाने का कार्य करते हैं।  ‘The Turning: The Sisters Who Left’ नामक […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

स्वाध्याय से मनुष्य को मिलते हैं अनेकों लाभ : देश में जन्म ना जाति व्यवस्था का आरंभ 185 वर्ष ईसा पूर्व हुआ

ओ३म् -स्वाध्याय से मनुष्य को अनेक लाभ- ========== स्वाध्याय करना वैदिक धर्मियों के जीवन का अनिवार्य कार्य, आचरण एवं व्यवहार है। स्वाध्याय से प्रत्यक्ष लाभ ज्ञान की वृद्धि के रूप में सामने आता है। मनुष्य को सद्ग्रन्थों का ही स्वाध्याय करना चाहिये। ऐसा करने से ही मनुष्य के सद्ज्ञान में वृद्धि होती है। कुछ साहित्य […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

बुद्ध और ब्राह्मण

बुद्ध और ब्राह्मण (बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित ) कार्तिक अय्यर अपने आपको मूलनिवासी कहने वाले लोग प्राय: ब्राह्मणों को कोसते मिलते हैं, विदेशी कहते हैं, गालियां बकते हैं। पर बुद्ध ने आर्यधर्म को महान कहा है । इसके विपरीत डॉ अंबेडकर आर्यों को विदेशी नहीं मानते थे। अपितु आर्यों होने की बात को […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

राजा राममोहन राय और ईसाई मत

राजा राममोहन राय और ईसाई मत (राजा राम मोहन राय के जन्मदिन पर विशेष) राजा राममोहन राय अपने काल के प्रसिद्द समाज सुधारकों में से थे। वे हिन्दू समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों के विरोध में आवाज़ उठाते थे। वे अंग्रेजी शिक्षा और अंग्रेजी भाषा के बड़े समर्थक भी थे। इसलिए अंगरेज उन्हें अपना […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जयद्रथ वध से पूर्व नहीं बनाई गई थी अर्जुन के लिए चिता और ना ही धोखे से हुआ था जयद्रथ का वध

  जयद्रथ वध के संबंध में हमारे समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां बनी हुई हैं। इस संबंध में अज्ञानतावश लोगों का मानना है कि श्री कृष्ण ने दिन में ही अपनी माया से सूर्य को अस्त कर दिया था। जब अर्जुन जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा पूर्ण नहीं कर सका तब अर्जुन के आत्मदाह […]

Categories
Uncategorised इतिहास के पन्नों से

क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था ?

◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]

Exit mobile version