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गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मजबूत पहल की जरूरत

ममता कुमारी गया, बिहार राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के छठे दौर के सर्वे का काम शुरू हो गया है. इसे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराल पर कराया जाता है. इसके माध्यम से देश की जनसंख्या, परिवार नियोजन, बाल और मातृत्व स्वास्थ्य, पोषण, वयस्क स्वास्थ्य और […]

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*संघ चुप क्यों है?*

आज जब मैं सुबह की सैर के लिए निकला तो मेरे साथ एक मित्र, कट्टर कर्मकांडी हिंदू सज्जन भी थे। आजकल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और राजनीति की चर्चा हर किसी का पसंदीदा विषय है, इसलिए उन्होंने भी कश्मीर से लेकर कैराना और केरल से लेकर बंगाल तक के हालातों पर बात करना शुरू कर […]

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स्वामीनारायण छपिया की कुछ अन्य बाल लीलाएं

संकलन:आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी ( फोटो प्रतीकात्मक) स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी कृष्णावतार को सर्वोच्च भगवान मानते हैं। ये वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी हैं। ये समाज के सभी वर्गों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते और अपने निजी सेवक के रूप में नियुक्त करते हैं तथा साथ साथ भोजन करते हैं। घनश्याम स्वामी नारायण अपना घर […]

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आधुनिक बिहार के निर्माता और जननायक डॉ श्री कृष्ण सिंह

बिहार की धरती प्राचीन काल से ही विश्व समाज का बौद्धिक और राजनीतिक नेतृत्व करने में समर्थ रही है। भारत की सांस्कृतिक संपदा को समृद्ध करने में इस प्रांत का विशेष योगदान रहा है। इसके साथ ही साथ विश्व को राजनीतिक नेतृत्व के माध्यम से भारत के वसुधैव कुटुंबकम के शाश्वत संदेश को दूर-दूर तक […]

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पुण्य भूमि है भारत भूमि

बृहस्पति आगम में एक श्लोक है, “हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्, तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते”। जो स्पष्ट कहता है कि “हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश “हिन्दुस्थान” कहलाता है। इसके अतिरिक्त “विष्णु पुराण” में इसी “भरत भूमि” पर जन्म लेने को लालायित देवतागण भी इसका यश गान […]

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बुजुर्गों के स्वास्थ्य सुविधा का ख्याल रखना भी जरूरी है

शबनम कुमारी पटना, बिहार हमारे समाज के निर्माण में बच्चे, युवा, महिलाओं, किशोरियों और बुज़ुर्गों सभी का विशेष महत्व है. लेकिन इनमें बुजुर्गों की भूमिका और स्थिति कुछ विशेष होती है क्योंकि उन्हें अनुभव और ज्ञान का स्रोत माना जाता, जो न केवल परिवार बल्कि समाज को दिशा देने में भी सहायक सिद्ध होते हैं. […]

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Uncategorised इतिहास के पन्नों से

ओ३म् “महाभारत के बाद विश्व में वेदों के प्रचार का श्रेय ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज को है”

============ पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के विलुप्त होने के कारण ही संसार में मिथ्या अन्धविश्वास, पक्षपात व दोषपूर्ण सामाजिक व्यवस्थायें फैली हैं। इससे विद्या व ज्ञान में न्यूनता तथा अविद्या व अज्ञानयुक्त मान्यताओं में वृद्धि हुई है। आश्चर्य होता है कि सत्य […]

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ढाई हजार वर्ष पहले था भारत के इतिहास का अंधकार काल ?

भारत के इतिहास के बारे में जब हम पढ़ना आरंभ करते हैं तो भारत से द्वेष रखने वाले इतिहासकारों के द्वारा ऐसा आभास कराया जाता है कि जैसे पिछले 2000 वर्ष से पूर्व का भारत का सारा अतीत अंधकार का है। पढ़ने से कुछ ऐसा लगता है कि जैसे भारत के पास ऐसा कुछ भी […]

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Uncategorised भाषा

हिंदी भाषा को लेकर कांग्रेस के लिए मोहम्मद शाह रंगीला तो आर्य समाज के लिए सावरकर और शिवाजी आदर्श रहे

जब 6 जून 1674 को शिवाजी महाराज ने ” हिंदवी स्वराज्य ” की स्थापना करते हुए राज्य सत्ता संभाली तो उन्होंने मुगलिया राज्य होने के कारण प्रशासनिक शब्दावली में आ गए अरबी और फारसी के शब्दों को दूर करने का अभियान आरंभ किया। उन्होंने अपने एक मंत्री रामचंद्र अमात्य को शासकीय उपयोग में आने वाले […]

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हरियाणा विधानसभा चुनाव और भाजपा की रणनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतर चुकी है। पार्टी को जहां सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अपने कुछ उन विधायकों का भी तीखा विरोध झेलना पड़ रहा है, जिन्हें पार्टी ने विधानसभा चुनाव की दौड़ से बाहर कर दिया है अर्थात […]

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