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इतिहास के पन्नों से

…..तो क्या इतिहास मिट जाने दें अध्याय 17 ओरछा के प्रसिद्ध ऐतिहासिक भवन और किले से

आज अपने समाचार पत्र “उगता भारत” की टीम के साथ ओरछा के प्रसिद्ध ऐतिहासिक भवन और किले को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहां पर झांसी में रहने वाले अपने शुभचिंतक श्री मुन्ना लाल जी सेन के द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल को दिखाने के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गई और हमारा प्रतिनिधिमंडल इस […]

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…तो क्या इतिहास मिट जाने दें,अध्याय 18 ,ओरछा का संक्षिप्त इतिहास

ओरछा का हमारे गौरवपूर्ण हिंदू इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। यहां की कई वीरता पूर्ण रोमांचकारी घटनाएं भारतीय इतिहास की धरोहर हैं। जिनका उल्लेख हम यहां पर करेंगे। बेतवा नदी के किनारे पर बसा ओरछा कभी परिहार राजाओं की राजधानी हुआ करता था। गुर्जर प्रतिहार राजवंश को ही परिहार के नाम से जाना जाता है। […]

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हनुमान जयंती के अवसर पर पोल खोल

विष्णु, विष्णु का वाहन ,अक्षय क्षीर सागर, शेषनाग, नारद, विष्णु के चतुभुजों का रहस्य ,दुर्गा अष्टभुजा वाली, वैष्णवी, गायत्री, वशिष्ठ ,नारद, ब्रह्मा ,सरस्वती, इंद्र, शिव ,ब्राह्मण यह सभी विशेष गुणों वाले व्यक्ति को दी जाने वाली उपाधियां होती थी। इनका किसी विशेष व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। केवल इतना संबंध है कि इस नाम […]

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….तो क्या इतिहास मिट जाने दें ? अध्याय 16 मणिपुर समस्या और इतिहास का सच

. नवंबर 1984 में दंगे हुए। जिनमें सिखों का नरसंहार किया गया। निश्चित रूप से वह घटना बहुत ही निंदनीय थी। पर उससे पहले जिन अनेक हिंदुओं का पंजाब में कत्ल किया गया था उनकी चर्चा नवंबर 1984 के दंगों की चर्चा में दबकर रह गई। आज तक कभी आपने यह नहीं सुना होगा कि […]

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राम के वंशज धर्म रक्षक गुरु गोविन्द सिंह

यदि हम हिन्दू धर्म और समाज का इतिहास ध्यान से पढ़ें ,तो हमें इस सत्य को स्वीकार करना पड़ेगा कि जब जब भी इस धर्म किसी भी प्रकार का संकट आया , तो धर्म की रक्षा के लिए और धर्म को अपने मूल में पुनर्स्थापित करने के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया , ऐसे […]

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तो क्या इतिहास मिट जाने दें : अध्याय 15, भारत के चूंडावत सरदार और चीन

भारत की सेना प्राचीन काल से ही न्याय और सत्य के लिए लड़ती आई है। हमने कभी दूसरों के अधिकारों के अतिक्रमण के लिए युद्ध नहीं किए हैं बल्कि दूसरों की रक्षा के लिए और मानवता का परचम फहराने के लिए युद्ध का आयोजन किया है। जर, जोरू जमीन के लिए जो लोग लड़ते रहे […]

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महात्मा गाँधी, इस्लाम और आर्यसमाज भाग 2

#डॉविवेकआर्य माता कस्तूरबा बा का अपने पुत्र के नाम मार्मिक पत्र -तुम्हारे आचरण से मेरे लिए जीवन भारी हो गया हैं मेरे प्रिय पुत्र हीरालाल , मैंने सुना हैं की तुमको मद्रास में आधी रात में पुलिस के सिपाही ने शराब के नशे में असभ्य आचरण करते देखा और गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन तुमको […]

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महात्मा गाँधी, इस्लाम और आर्यसमाज भाग 1

#डॉविवेकआर्य Mahatma and Islam – Faith and Freedom: Gandhi in History के नाम से मुशीरुल हसन नामक लेखक की नई पुस्तक प्रकाशित हुई हैं जिसमें लेखक ने इस्लाम के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी के विचार प्रकट किये हैं। इस पुस्तक के प्रकाश में आने से महात्मा गाँधी जी के आर्यसमाज से जुड़े हुए पुराने प्रसंग […]

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महाभारत से कलिंग युद्ध तक गांधार प्रांत

जब अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, मालदीव और अन्य कई देश आर्यावर्त का एक अंग होते थे, उस समय इन सबके अपने-अपने राजा हुआ करते थे जो स्थानीय स्तर पर प्रजा की समस्याओं का निवारण किया करते थे। ये वैसे ही हुआ करते थे जैसे आज भारत […]

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शम्बूक वध का सत्य ………क्या राम चन्द्र जी ने शम्बूक वध किया था?

मर्यादापुरुषोतम श्री रामचंद्र जी महाराज के जीवन को सदियों से आदर्श और पवित्र माना जाता हैं। कुछ विधर्मी और नास्तिकों द्वारा श्री रामचन्द्र जी महाराज पर शम्बूक नामक एक शुद्र का हत्यारा होने का अरोप लगाया जाता हैं। सत्य वही हैं जो तर्क शास्त्र की कसौटी पर खरा उतरे। हम यहाँ तर्कों से शम्बूक वध […]

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