महात्मा बुद्ध एवं माँसाहार बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
भारत में साम्प्रदायिकता ,अंग्रेज और कॉंग्रेस भारत में प्राचीन काल में शासन की नीति का आधार पंथनिरपेक्ष विचारधारा होती थी । जिसमें शासन का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को स्वतन्त्रता की स्वतन्त्र अनुभूति कराना होता था। किसी पर भी किसी प्रकार का बन्धन न हो, प्रतिबन्ध न हो और अपने जीवन को सब सुरक्षित […]
महात्मा बुद्ध V/S भीमराव अम्बेडकर (बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित) जिस प्रकार कोई सैनिक की वर्दी पहनकर सैनिक नहीं बन जाता जब तक कि वो नियमानुसार सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर लेता | ठीक उसी प्रकार यह कह देने मात्र से कोई बौद्ध नहीं हो जाता कि ‘मैं अब हिन्दू नहीं बौद्ध हूँ’ | […]
क्या मदर टेरेसा सचमुच महान थीं? क्या वो वैसी थीं, जैसा उन्हें दिखाया जाता है? असल में ऐसी बात नहीं है। मिशनरी अक्सर ऐसे ही लोगों की मदद कर के उनका धर्मांतरण कराते हैं, या फिर उनसे ईसाई मजहब और जीसस में विश्वास जगाने का कार्य करते हैं। ‘The Turning: The Sisters Who Left’ नामक […]
ओ३म् -स्वाध्याय से मनुष्य को अनेक लाभ- ========== स्वाध्याय करना वैदिक धर्मियों के जीवन का अनिवार्य कार्य, आचरण एवं व्यवहार है। स्वाध्याय से प्रत्यक्ष लाभ ज्ञान की वृद्धि के रूप में सामने आता है। मनुष्य को सद्ग्रन्थों का ही स्वाध्याय करना चाहिये। ऐसा करने से ही मनुष्य के सद्ज्ञान में वृद्धि होती है। कुछ साहित्य […]
बुद्ध और ब्राह्मण (बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित ) कार्तिक अय्यर अपने आपको मूलनिवासी कहने वाले लोग प्राय: ब्राह्मणों को कोसते मिलते हैं, विदेशी कहते हैं, गालियां बकते हैं। पर बुद्ध ने आर्यधर्म को महान कहा है । इसके विपरीत डॉ अंबेडकर आर्यों को विदेशी नहीं मानते थे। अपितु आर्यों होने की बात को […]
राजा राममोहन राय और ईसाई मत (राजा राम मोहन राय के जन्मदिन पर विशेष) राजा राममोहन राय अपने काल के प्रसिद्द समाज सुधारकों में से थे। वे हिन्दू समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों के विरोध में आवाज़ उठाते थे। वे अंग्रेजी शिक्षा और अंग्रेजी भाषा के बड़े समर्थक भी थे। इसलिए अंगरेज उन्हें अपना […]
जयद्रथ वध के संबंध में हमारे समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां बनी हुई हैं। इस संबंध में अज्ञानतावश लोगों का मानना है कि श्री कृष्ण ने दिन में ही अपनी माया से सूर्य को अस्त कर दिया था। जब अर्जुन जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा पूर्ण नहीं कर सका तब अर्जुन के आत्मदाह […]
◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]
बालकों का धर्मयुद्ध जब से विश्व इतिहास में मजहब का हस्तक्षेप बढ़ा तबसे एक नई प्रवृत्ति देखने को मिली। जिसके अन्तर्गत क्रूर शासकों ने बच्चों और महिलाओं के साथ भी अमानवीय अत्याचार किए। उससे पूर्व के मानव इतिहास में ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। विशेष रुप से भारत के आर्यावर्तकालीन इतिहास पर यदि दृष्टिपात किया […]