क्रान्तदर्शी होना कवि का स्वाभाविक गुण है , उसकी प्रकृति है , उसे नैसर्गिक रूप से मिला हुआ एक वरदान है । कहने का अभिप्राय है कि क्रांतदर्शिता के अभाव में कोई व्यक्ति कवि नहीं हो सकता । जैसे विधाता की रचना और सृष्टा की सृष्टि का होना तभी संभव है , जब रचना और […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
स्वतंत्रता और भारती का संबंध गहन है बड़ा , स्वतंत्रता का संदेश विश्व ने भारत से है पढ़ा । उपदेश हमको आज जो दे रहे हैं संविधान का , अस्तित्व उनका भी हमारे वेद के कारण है खड़ा ।। विश्व को स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाने वाला भारत है । अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है […]
जिस प्रकार गांधी जिद्दी थे , उसी प्रकार की जिद करने का अवगुण नेहरू के भीतर भी था ।यहां पर हम उनकी एक ऐसी ही ज़िद का उल्लेख कर रहे हैं , जिससे भारतीय लोकतंत्र पर पहले चुनावों में ही बहुत बड़ा दाग लग गया था ।बात पहले आम चुनावों की है। तब उत्तर प्रदेश […]
कूड़ेदान में कागज या और दूसरी अनुपयोगी वस्तुओं को फेंकना तो हर देश में और हर समाज में देखा जाता है , परंतु अपने क्रांतिकारियों को उठाकर इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने का काम केवल भारत में ही होता है। ऐसा नहीं है कि अपने क्रांतिकारियों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंकने का यह निंदनीय […]
मित्रों ! आज हमारे देश के एक महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती है । इनका जन्म आज ही के दिन 1906 में उन्नाव जिले के झाबुआ नामक ग्राम में हुआ था । 2011 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने इस गांव का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद के नाम पर आजाद नगर कर दिया […]
मित्रो ! आज के दिन आमेर के राजा मिर्जा जयसिंह का जन्म 1611 में हुआ था । यह हिंदूद्रोही शासक मुगल बादशाहों की गुलामी में जीवन जीता रहा और जब शिवाजी दक्षिण में हिंदुत्व के लिए संघर्ष कर रहे थे , तो उस समय औरंगजेब ने इस हिंदूद्रोही राजा को मां भारती के शेर पुत्र […]
गांधीजी आजीवन अहिंसा की बात करते रहे। कांग्रेस ने भी इसे अपनाने की घोषणाएं की और स्वतंत्रता के पश्चात यह भी प्रचारित किया कि देश को आजादी केवल गांधीजी की अहिंसा के कारण ही मिली है। इस पर 1961 ई. में वीर सावरकर जी ने एक लेख लिखा-‘क्या स्वराज्य का श्रेय केवल कांग्रेस को ही […]
देश की राष्ट्रभाषा हिंदी के साथ कांग्रेस की दोगली और राष्ट्रद्रोही मानसिकता प्रारंभ से ही रही। वह यह निर्णय नही कर पाई कि इस देश की राष्ट्रभाषा और राजभाषा हिंदी ही रहेगी और उसे धीरे-धीरे संस्कृतनिष्ठ बनाकर देश की अन्य भाषाओं के उन शब्दों का संस्कृत मूल खोजकर भी उसमें डाला जाएगा जो थोड़े बहुत […]
कांग्रेस ने स्वात्रय वीर सावरकर ‘गद्दार’ कहकर राष्ट्रीय भावनाओं के साथ एक बार पुन: ‘गद्दारी’ की है। वीर सावरकर एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिनका समकालीन राजनीति में हर मुद्दे पर अपना ऐसा स्पष्ट चिंतन रहा जो कालातीत बन गया, और आज तक नवीन बना हुआ है। उनकी स्पष्टवादिता और शुद्घ राष्ट्रवादी दृष्टिकोण कांग्रेस […]
मित्रो ! आज 4 जुलाई है । आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है , क्योंकि 4 जुलाई 1947 को आज के दिन ही ब्रिटिश पार्लियामेंट में ‘ भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ‘ प्रस्तुत किया गया था । जिसे वहां के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा प्रस्तुत किया गया था । बताया जाता है कि उस समय ब्रिटिश […]