कोणार्क सूर्यमन्दिर चेतावनी: मन्दिर यात्रा अब उस क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है जहाँ गम्भीर और पूर्वग्रहमुक्त पाठन की माँग है। कुछ शब्द, सामग्री और चित्रादि सम्वेदनशील जन को लज्जास्पद लग सकते हैं। हालाँकि गणित, स्थापत्य, ज्यामिति, साहित्यादि के कारण इसके रोचक होते जाने की भी आशंका है 😉 स्वविवेक से निर्णय लें कि इस […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
मेरा जन्म सन् १९०२ में हुआ था। भाई रामप्रसाद बिस्मिल के चार साल बाद मैं पैदा हुई थी। भाई जी मुझ पर बहुत स्नेह रखते थे। मेरे पिता के खानदान में लड़कियों को होते ही मार डालते थे। मेरे मारने के लिये बाबा और दादी ने मेरी माताजी को कहा, मगर माताजी ने नहीं […]
(इतिहास का एक लुप्त पृष्ठ) डॉ विवेक आर्य अविभाजित भारत में पंजाब का क्षेत्र विशेष रूप से लाहौर आर्यसमाज की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र तो था। आर्यसमाज का प्रचार पंजाब क्षेत्र के साथ साथ सिन्ध क्षेत्र में भी खूब फैला। जिस प्रकार पंजाब की मिटटी विधर्मियों के आक्रमण से पीछे एक हज़ार वर्षों से […]
… अपने जन्म के कुछ ही वर्षों के भीतर फारस सहित भारत पर ज़िहादी आक्रमण करने वाला इस्लाम 500 वर्षों से भी अधिक पुराना हो चला है किन्तु उसमें सहिष्णुता के चिह्न लेश भर नहीं हैं। भारत को दारुल इस्लाम बनाने के लिये एक ओर असि अत्याचार है तो दूसरी ओर आक्रान्ता ग़ोरी के […]
डॉ राकेश कुमार आर्य 1674 तक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने लिए पर्याप्त क्षेत्र को जीत चुके थे । जिसके आधार पर वह अपने आप को राजा घोषित कर सकते थे ,और अब उन्होंने इसी दिशा में सोचना आरंभ भी कर दिया था । उधर मुगल सत्ता उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थी। अतः […]
कोणार्क सूर्यमन्दिर – : अपरा इतिहास परा इतिहास से अब हम अपरा इतिहास की ओर चलते हैं। नरसिंह से मिलते जुलते रूप में सूर्य का उकेरण मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता में भी मिलता है। अपनी तीखी ताप के कारण वहाँ भी सूर्य उग्र रूप में चित्रित है और उसका एक प्रकार सिंह जाति का प्राणी […]
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 जो राष्ट्र पूरे विश्व का गुरु है, उसका इतिहास जानिए:-‘भारतीय ऐतिहासिक कालानुक्रम'(क्रोनोलॉज़ी) मेरे सर्वाधिक प्रिय विषयों में से है और विगत डेढ़ दशक से मैं इस विषय पर अन्वेषण और लेखन-कार्य कर रहा हूँ।इस सन्दर्भ में सन् २००९ में मेरी पुस्तक ‘भगवान् बुद्ध और उनकी इतिहाससम्मत तिथि’ इलाहाबाद से प्रकाशित हुई थी जिसका विद्वज्जगत् […]
डॉ विवेक आर्य भारतीय समाज में एक नया प्रचलन देखने को मिल रहा है। इस प्रचलन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया में अपने आपको बहुत बड़े बुद्धिजीवी के रूप में दर्शाते है। सत्य यह है कि वे होते है कॉपी पेस्टिया शूरवीर। अब एक ऐसी ही शूरवीर ने कल लिख दिया मनु ने नारी […]
अकबर के नौरत्नों से इतिहास भर दिया पर महाराजा विक्रमादित्य के नवरत्नों की कोई चर्चा पाठ्यपुस्तकों में नहीं है । जबकि सत्य यह है कि अकबर को महान सिद्ध करने के लिए महाराजा विक्रमादित्य की नकल करके कुछ धूर्तों ने इतिहास में लिख दिया कि अकबर के भी नौ रत्न थे । राजा विक्रमादित्य के […]
इतिहास में ऐसे नायक कम ही हैं, जिन्हें विनायक दामोदर सावरकर की तरह तीखे और धूर्ततापूर्ण दुष्प्रचार अभियानों का सामना करना पड़ा हो। ये वही सावरकर हैं, जिन्होंने एम.एन. रॉय, हीरेंद्रनाथ मुखर्जी और एस.ए. डांगे जैसे भारत के शुरुआती कम्युनिस्ट नेताओं समेत अनेक राजनीतिक नेताओं और राष्ट्रभक्तों को प्रेरित किया था। लेकिन, अपने पूर्ववर्तियों के […]