(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. आ र्यसभ्यता की प्रधान चार आधारशिलाओं में मोक्ष को ही भाँति अर्थ की भी प्रधानता है। अर्थ का ही दूसरा नाम […]
महीना: अक्टूबर 2024
प्रह्लाद सबनानी भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विकास से सम्बंधित हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों को देखने के पश्चात ध्यान में आता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब पटरी पर तेजी से दौड़ने लगी है। परंतु, देश के मीडिया में भारत के आर्थिक क्षेत्र में लगातार बन रहे नित नए रिकार्ड का जिक्र कहीं […]
============= हम इस संसार के पृथिवी नाम के एक ग्रह पर जन्में हैं, यहीं पले व बढ़े हैं तथा इसी में हमारी जीवन लीला समाप्त होनी है। हमारी यह सृष्टि आदि काल में, जिसे काल गणना के आधार पर 1 अरब 96 करोड़ 08 लाख 53 हजार 124 वर्ष पुराना माना जाता है, उत्पन्न हुई […]
============= वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में शुक्रवार, दिनांक 18-10-2024 से बालकों/युवकों के लिए एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हमें भी कुछ समय के लिए भाग लेने का अवसर मिला। आयोजन में आर्यसमाज के प्रसिद्ध नेता स्वामी आर्यवेश जी तथा विख्यात आर्य नेता एवं विद्वान् ऋषिभक्त […]
किसी भी राष्ट्र के मूल में कुछ तत्व निहित होते हैं, जिनके बल पर वह देश आगे बढ़ता है और समाज के विभिन्न वर्गों को एकता के सूत्र में पिरोए रखता है। भारत के एक राष्ट्र के रूप में, इसके मूल में, सनातन हिंदू संस्कृति का आधार है जो हजारों वर्षों से भारत को आज […]
जब हम मध्यकाल में मुस्लिम आक्रमणकारियों के आक्रमणों के बारे में पढ़ते हैं तो अक्सर यह प्रश्न हमारे अंतर्मन में उठता है कि विदेशी आक्रमणकारियों के आक्रमण के समय देश के राजनीतिक केंद्रों के रूप में मान्यता प्राप्त रहे किलों की अपेक्षा धार्मिक आस्था के केंद्र हमारे मंदिर ही क्यों लूटे गए? यदि इस प्रश्न […]
आप सभी साथियों को महर्षि धनवंतरी के जन्मदिवस अर्थात धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं! आज ही के दिन दिवोदास , सुश्रुत जैसे आदि शल्य चिकित्सकों के गुरु महर्षि धनवंतरी का जन्म हुआ था| जिन्होंने आयुर्वेद की ज्ञान परंपरा को समृद्ध व गौरवान्वित किया था |महाभारत काल के पश्चात इनका जन्म हुआ था | हमारी संस्कृति समाज […]
-ललित गर्ग- सुप्रीम कोर्ट ने अपने दो हालिया फैसलों में धर्मनिरपेक्षता की विस्तृत व्याख्या करते हुए इसे और मजबूती दी है। असल में धर्मनिरपेक्षता को लेकर संविधान-निर्माताओं का मुख्य उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता, समानता एवं बंधुत्व भाव से था, लेकिन बाद में यह शब्द भ्रामक हो गया और इसने धर्म के अस्तित्व को ही नकार दिया। […]
ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता) यहां अंसल सोसाइटी में चल रहे ऋग्वेद पारायण यज्ञ के पांचवें दिन पूर्ण आहुति होने के उपरांत जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद जी के नाम से रखने की मांग की गई। आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर की ओर से सभी आर्यजनों के द्वारा यह मांग की गई। […]
आप किस प्रकार के सुपुत्रों और सुपौत्रों की आशा करते हो? श्रेष्ठ पुत्र और सुपौत्र किस प्रकार प्राप्त करें? चर्कृृत्यं मरुतः पृृत्सु दुष्टरं द्युमन्तं शुष्मं मघवत्सु धत्तन। धनस्पृृतमुक्थ्यं विश्वचर्षणिं तोकं पुष्येम तनयं शतं हिमाः ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.14 (कुल मन्त्र 746) (चर्कृृत्यम्) वीरता और साहस धारण करते हुए कार्यों को बनाये रखता है (मरुतः) प्राणों […]