हरियाणा में आर्यसमाज के प्रचारक वर्तमान समय में हरयाणा भारत का एक पृथक राज्य है पर नवम्बर १९६६ तक वह पंजाब के अन्तर्गत था। उस समय उसकी आर्य प्रतिनिधि सभा भी पृथक् नहीं थी। शासन की दृष्टि से हरयाणा के पृथक् राज्य बन जाने के पश्चात् भी सन् १९७५ तक वहाँ के आर्यसमाज आर्य प्रतिनिधि […]
महीना: अक्टूबर 2024
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन (1937-2024) श्रद्धांजली “कोई नहीं कह रहा कि एक अमीर आदमी चला गया, हर कोई कह रहा है कि एक अच्छा इंसान चला गया। जब आप अमीर होते हैं, तो यह उपलब्धि हासिल करना बेहद दुर्लभ है।” “अगर आपको उनसे एक चीज़ सीखनी है, तो एक अच्छा इंसान बनना सीखें।” […]
बुलंदशहर। यहां स्थित गांव जलालपुर में विगत 10 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक निरंतर तीन दिन तक वेद कथा का आयोजन किया गया। इस वेद कथा के ब्रह्मा स्वामी चेतन देव वैश्वानर ( कन्या गुरुकुल महाविद्यालय इगलास अलीगढ़ ) रहे। जबकि भजनोपदेशन के माध्यम से राष्ट्रीय उपदेशक पंडित नरेश दत्त आर्य, नरेंद्र दत्त आर्य […]
नोआखाली का जब भी ज़िक्र होगा, वहाँ हुए नरसंहार की यादों से कोई आँख चुरा नहीं सकता। १० अक्टूबर १९४६, लक्ष्मी पूजा का पावन दिन, लेकिन नोआखाली के बदनसीब हिन्दू बंगालियों पर वो दिन कहर ही बन कर टूट पड़ा था। इलाका मुसलामानों का था। मुस्लिम लीग का पूरा वर्चस्व था । ६ सितम्बर को […]
आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी मनोरमा नदी का प्राकट्य राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ से पहले मखौड़ा में कोई नदी नहीं थी। शृंगी ऋषि ने सरस्वती का आह्वान मनोरामा के नाम से किया था। नचिकेता पुराण में कहा गया है कि, ‘अन्य क्षेत्रे कृतं पापं, काशी क्षेत्रे विनश्यति। काशी क्षेत्रे कृतं पापं, प्रयाग क्षेत्रे विनश्यति। प्रयाग […]
एक षडय़ंत्र के अंतर्गत भारत को नष्ट करने के लिए जो मिथ्या और भ्रामक कथा-कहानियां गढ़ी गयी है उनमें सबसे प्रमुख है-आर्यों का विदेशी होना। प्रश्न है कि ऐसी कहानियां गढ़ी क्यों गयीं? इसका उत्तर ये है कि भारतीयों के प्राचीन धर्म और इतिहास को मिटाकर भारत में ईसाइयत का प्रबलता से प्रचार प्रसार करना […]
विकसित समाज के निर्माण में महिलाओं की शिक्षा जरूरी है रामश्री लूणकरणसर, राजस्थान किसी भी समाज के विकास में शिक्षा को महत्वपूर्ण कारक माना गया है. बात जब हम महिलाओं की शिक्षा की करते हैं तो यह न केवल सामाजिक विकास बल्कि सामाजिक न्याय का भी एक महत्वपूर्ण पहलू हो जाता है. महिलाओं की शिक्षा […]
आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार बनाकर संघ का संगठन, संस्थापना करने वाले डॉ. केशव […]
डॉ. सत्यवान सौरभ एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग […]
ते जज्ञिरे दिव ऋष्वास उक्षणो रुद्रस्य मर्या असुरा अरेपसः। पावकासः शुचयः सूर्या इव सत्वानो न द्रप्सिनो घोरवर्पसः ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.2 (कुल मन्त्र 734) (ते) वे (नोधाः) (जज्ञिरे) पैदा हुए और विकसित हुए (दिवः) दिव्य प्रकाशित (ऋष्वासः) देखने योग्य तथा ज्ञान प्राप्त करने योग्य जीवन (उक्षणः) सभी को प्रसन्नता देने वाला (रुद्रस्य मर्याः) रूद्र का […]