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आओ कुछ जाने

ऐसे मनाई गई विक्रम संवत् की द्विसहस्राब्दी

राजशेखर व्यास विक्रम संवत् के दो हजार वर्ष का समाप्त होना भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। विक्रमादित्य की स्मृति को बनाए रखने के लिए जिस विक्रम संवत् का प्रवर्तन हुआ था, इस डोर के सहारे हम अपने आपको उस श्रृंखला के क्रम में पाते हैं, जिसके अनेक अंश अत्यंत उज्ज्वल एवं गौरवमय रहे […]

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आतंकवाद

विश्व के सर्वाधिक सभ्य हिंदू समाज को मिटाने की साजिश

रामेश्वर प्रसाद मिश्र यदि हम विश्व के सभी समाजों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि हिंदू समाज दुनिया का सबसे अधिक समरस, संगठित और सभ्य समाज है। परंतु दुर्भाग्यवश आज इसे सर्वाधिक भेदभावपूर्ण, बिखरा हुआ और संकीर्ण समाज के रूप में चित्रित किया जाता है। ये करने वाले लोग कौन हैं और क्यों ऐसा कर […]

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स्वास्थ्य

आयुर्वेद का सहारा लेकर ही बच सकते हैं हम गंभीर बीमारियों से

डॉ. दीप नारायण पाण्डेय मोटे तौर पर हर साल 58 लाख भारतीय दिल और फेफड़े के रोगों, स्ट्रोक, कैंसर और मधुमेह से मर जाते हैं। देश में छह करोड़ से अधिक मधुमेह रोगियों के कारण भारत को मधुमेह की वैश्विक राजधानी कहा जाने लगा है। लगभग 77 लाख लोग मधुमेह से पीडि़त होने की कगार […]

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धर्म-अध्यात्म

भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में मुक्ति का महत्व क्या है ?

संसार का सुख क्षणभंगुर है।लेकिन मुक्ति का आनंद वर्णनातीत है जो केवल अनुभव किया जा सकता है । उस परमानंद के सामने सांसारिक सुख कदापि महत्व नहीं पा सकते ।मानव के जीवन का उद्देश्य एकमात्र यही है कि वह परम आनंद को पाता रहे। परमानंद को पाकर उसकी पूर्ण आयु ,महाकाल पर्यंत रमण करता रहे […]

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संपादकीय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर पाकिस्तान की झुँझलाहट

भारत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के माध्यम से अपने पड़ोसी शत्रुओं को यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई देश शांतिप्रिय भारत को छेड़ेगा तो भारत उसको छोड़ेगा नहीं । भारत की इस नीति पर अब किसी को शंका या सन्देह करने की आवश्यकता नहीं है , क्योंकि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय वीर योद्धाओं के समक्ष जब डर कर भाग खड़ा हुआ था मोहम्मद गौरी

मनीषा सिंह भारत माता की कोख से एक से बढ़कर एक महान वीर ही नहीं बल्कि कई वीरांगनाओं ने भी जन्म लिया है जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपने सर्वस्व सुखों का त्याग कर अपनी मातृभूमि कि पूरे मनोयोग के साथ रक्षा की। ऐसी महान वीरांगनाओं की श्रेणी में नाम आता है। रानी […]

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भारतीय संस्कृति

चाणक्य नीति के अनुसार पारदर्शी प्रशासन

उगता भारत ब्यूरो चाणक्यकालीन भारत गणतांत्रिक राजतन्त्र था। विश्व इतिहास में ऐसे कम उदाहरण मिलते हैं जिनमे राजतन्त्र को देश और राज परिवार के आय व्यय का लेखा-जोखा जनता के सामने प्रस्तुत करना पड़ता रहा हो। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस बात की व्यवस्था है कि राजा के महामात्य और प्रधान अधिकारी आय-व्यय और राज्य […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जब कांग्रेसी नहीं हुए थे चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा में शामिल

जब चंद्रशेखर आजाद की शव यात्रा निकली… देश की जनता नंगे पैर… नंगे सिर चल रही थी… लेकिन कांग्रेसियों ने शव यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया था एक अंग्रेज सुप्रीटेंडेंट ने चंद्रशेखर आजाद की मौत के बाद उनकी वीरता की प्रशंसा करते हुए कहा था कि चंद्रशेखर आजाद पर तीन तरफ से […]

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धर्म-अध्यात्म

धर्म और अधर्म के बारे में क्या कहती है मनुस्मृति ?

#डॉविवेकआर्य अम्बेडकरवादी यह जानते हुए भी कि कुछ मूर्खों ने मनुस्मृति में श्लोकों की मिलावट की थी सृष्टि के प्रथम संविधान निर्माता महर्षि मनु के प्रति द्वेष वचनों का प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते। मिलावटी अथवा प्रक्षिप्त भाग को छोड़कर बाकि सत्य भाग को स्वीकार करने में सभी का हित है। सत्य यह है […]

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आओ कुछ जाने

उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए क्या है एक्ट ईस्ट पॉलिसी

सौम्या भौमिक पूर्वोत्तर के विकास के लिए घरेलू कोशिश जारी रहेंगी लेकिन इस विकास प्रक्रिया में अन्य देशों की भागीदारी से कई लाभ मिलने वाले हैं। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र (Northeastern Region, NER) यानी एनईआर में आठ राज्य हैं। इसकी पहचान अक्सर ढांचागत और आर्थिक विकास के मामले में हाशिए पर रहने वाले क्षेत्र के रूप […]

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