ताज होटल में आतंकियों ने लोगों को हाथ दिवार से लगाकर मुँह दीवार की तरफ कर खड़ा होने के लिए कहा ! आतंकी नाम पूछते जाते और प्रत्येक हिन्दू को गोली से उड़ाते जाते…. ऐसे में एक नौजवान ने पाकी आतंकी से पूँछा कि ” किस गलती की सजा दे रहे हो ?”….. आतंकी ने […]
महीना: नवम्बर 2021
सन्दल बार के इलाके (अब पाकिस्तान) में मुगल बादशाह अकबर के दौर में एक मुसलमान राजपूत बागी हुआ था, जिसका नाम था ‘दुल्ला भट्टी‘ (राय अब्दुल्ला भट्टी)। भट्टी कबीला राजपूतों की एक प्रसिद्ध शाखा है। भारत-पाकिस्तान सरहद से लगभग 200 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब में ‘पिंडी भट्टियां’ गांव है। पंजाब की लोक-कथाओं का यह […]
संविधान दिवस 26 नवंबर पर विशेष भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो मुसलमानों को अल्पसंख्यक घोषित करता हो, लेकिन राजनीति में ‘सेकुलर गैंग’ ने इस शब्द को अपने राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ लिया है । यद्यपि इतना अवश्य है कि भारत के संविधान की धारा 29 व 30 भारतवर्ष में […]
न राज्यं न च राजासीत् , न दण्डो न च दाण्डिकः । स्वयमेव प्रजाः सर्वा , रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥ न राज्य था, ना राजा था, न दण्ड था, न दण्ड देने वाला था. संवेदनशील राज्य की संवेदनशील जनता स्वयं सारी प्रजा ही एक-दूसरे की रक्षा करती थी. यही संविधान का या क़ानून का अंतिम […]
आर्यसमाज के सौ वर्ष और हरयाणा में उसका प्रभाव लेखक – प्रो. प्रकाशवीर विद्यालंकार अध्यक्ष संस्कृत विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय रोहतक प्रस्तुतकर्ता :- आर्य सागर खारी राजनैतिक क्षेत्र में सामाजिक क्षेत्र में धार्मिक क्षेत्र में सांस्कृतिक व शैक्षणिक क्षेत्र में । आर्य समाज की स्थापना दस अप्रैल १८७५ को महर्षि दयानन्द के करकमलों द्वारा बम्बई […]
#मोहनदासकगाँधी 1. आप एक काले आदमी लंदन में रहकर बिना किसी परेशानी के गोरो के साथ पढ़ते, होस्टल के एक कमरे में रहते हैं, एक मेस में खाते है फिर अचानक ट्रेन में एक साथ सफर करने में फेंक दिए जाते है? क्यूँ? ये बात कतई हजम नही हुई। 2. फिर आप वही काले भारतीय […]
स्वामी श्रद्धानन्द: एक विलक्षण व्यक्तित्व मूल्य 350 रूपए 584 पृष्ठ सजिल्द भारत में शुद्धि के महानायक स्वामी श्रद्धानन्द . तारीख 23 दिसंबर 1926 । दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में दोपहर के समय स्वामी श्रद्धानंद अपने घर में आराम कर रहे थे। वो बेहद बीमार थे। तब वहां पहुंचा एक व्यक्ति। नाम अब्दुल रशीद। उसने […]
उगता भारत ब्यूरो हल्दी के फायदों पर पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर कोई इंसान दर्द में जल्दी आराम पाने के लिए पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन की जगह हल्दी लेता है तो यह ज्यादा फायदेमंद होता है। भारतीय घरों में होने वाले देसी इलाजों का फायदा अब दुनियाभर के डॉक्टर और […]
।मधुमक्खी का सरेस। मधुमक्खी कमाल का कीट है। कीट वर्ग में जितना अपने हैरतअंगेज कारनामों, रचना कौशल, बुद्धिमता ,संवेदनशीलता, सामाजिकता के कारण कीट विज्ञानियों अर्थात मानुष को सर्वाधिक आश्चर्यचकित मधुमक्खी ने ही किया है इतना शायद ही किसी अन्य कीट ने नहीं किया हो। एकबारगी मधुमक्खी भोजन का अभाव, मौसम की प्रतिकूलता सह सकती है […]
5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल तक भारत में विशुद्ध रूप से सभी जन वैदिक धर्म के ही अनुयाई थे। महाभारत के युद्ध के पश्चात ऋषियों की वैदिक व्यवस्थाओ में शिथिलता आने लगी। वेद के विद्वान जनो की हानि होने लगी। फिर भी 600 ईस्वी पूर्व तक आर्यावर्त में कुछ अशुद्धियों के साथ वैदिक मत ही […]