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स्वर्णिम इतिहास

गंगू तेलियों का हमारा युग और राजा भोज

राजीव रंजन प्रसाद हमें तो वास्कोडिगामा ने खोजा है, भारतीय उससे पहले थे ही कहाँ? पढाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकों का सरलीकरण करें तो महान खोजी-यात्री वास्कोडिगामा ने आबरा-कडाबरा कह कर जादू की छडी घुमाई और जिस देश का आविष्कार हुआ उसे हम आज भारत के नाम से जानते हैं? माना कि देश इसी तरह खोजे […]

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पर्यावरण

भारत में प्राचीन विज्ञान और पर्यावरण

अजय कर्मयोगी हमारे यहाँ भी विज्ञान था, परंतु हम उसे समझ नहीं पाए। आज का विज्ञान यह है कि वह कागज बनाता है और बच्चों से कहता है कि इस कागज पर लिखो कि पर्यावरण को कैसे बचाया जाए। बच्चा लिखता है। जो जितना अधिक लिखेगा, वह उतना अधिक अंक पाएगा और उसे अच्छी डिग्री […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

*30 नवम्बर/जन्मदिन जगदीश चंद्र बसु जी*

विज्ञान की अमर विभूति जगदीश चंद्र बसु का जन्म 30 नवंबर, 1858 को बिक्रमपुर में हुआ था, जो अब ढाका , बांग्लादेश का हिस्सा है । आपके पिता श्री भगवान सिंह बसु डिप्टी कलेक्टर थे। पेङ-पौधों के बारे में जब उनके सवालों का उत्तर बचपन में स्पष्ट नही मिला तो वे बङे होने पर उनकी […]

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आओ कुछ जाने

दूसरी आकाशगंगाओं पर भी हो सकती है जीवन की उम्मीद

मुकुल व्यास हमारा ब्रह्मांड अनंत रहस्यों से भरपूर है। वैज्ञानिक एक-एक करके इन रहस्यों का अनावरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक हमारे सौरमंडल से बाहर की दुनिया की छानबीन कर रहे हैं तो कुछ दूसरी आकाशगंगाओं को टटोल रहे हैं। इस खोजबीन के नतीजे दिलचस्प और चौंकाने वाले हैं। खगोल वैज्ञानिकों ने […]

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आज का चिंतन

व्यक्तित्व के निर्माण में परिस्थितियों और परिवेश की भूमिका

दिनेश चमोला ‘शैलेश’ जीवन के विकास तथा व्यक्तित्व के निर्माण में परिवेश एवं सामाजिक स्थितियों की महती भूमिका होती है। जिस परिवेश में मनुष्य बचपन से जीवनयापन करता चलता है, संस्कारों से, उस उर्वरा भूमि से ही वह जहां कुछ न कुछ सीखता है, वहीं सक्षम होने पर कुछ न कुछ नैसर्गिक रूप से उसे […]

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महत्वपूर्ण लेख

मोदी का फैसला और किसानों के आंदोलन का सच

 अशोक मधुप दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले किसानों और किसान संगठनों की अब तक एक ही मांग थी कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले। सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया। इसके लाभ भी बताने चाहे पर किसान नेता इसे मानने को तैयार नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून वापस […]

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इतिहास के पन्नों से

प्राचीन भारत में गांव होते थे एक स्वतंत्र शासन की इकाई

राजशेखर व्यास भारतर्वा में ग्राम सभा का विकास बहुत पुराने जमाने में हो गया था। देश के अधिकांश भाग पर यही सभा अपना वर्चस्व रखती थी। इसकी शासन पद्धति बड़ी सुव्यवस्थित थी। वेद, ब्राह्मण और उपनिाद काल में गा्रम-सभा, उसके प्रमुख और अधिठाता का सम्मानपूर्वक उल्लेख है। ग्रामाध्यक्ष को वैदिक काल में ग्रामजी कहा जाता […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

राज्यपालों के दुराचरण, कांग्रेस और मोदी सरकार

जब अब से लगभग 2 वर्ष पहले महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए तो वहां पर राजनीतिक स्थिति ऐसी बनी जो कि बहुत ही निराशाजनक कहीं जा सकती है। भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में सत्ता को लेकर संघर्ष हुआ। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के चलते राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। जबकि […]

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समाज

भारत में विवाह संस्कार और चार ऋण

उगता भारत ब्यूरो भारतवर्ष में विवाह मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर मनुष्यत्व से युक्त करने की एक विधा है। विवाह संस्कार की प्रक्रियाओं को अगर हम देखें तो पाएंगे कि वैदिक विवाह संस्कार जैसा वैज्ञानिक और व्यवहारिक विधान विश्व के किसी भी मजहब, समुदाय तथा देश की विवाह प्रथा में नहीं हैं। उदाहरण के […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऐसे तथ्य जिन्हें पढ़कर सावरकर की आलोचना करने वालों की हो जाएगी बोलती बंद

महान सावरकर की आलोचना करने वालों को करारा जवाब देता हुआ विशेष लेख। लेखक-जयपाल सिंह हमारे देश में एक विशेष जमात यह राग अलाप रही है, कि जिन्नाह अंग्रेजों से लड़े थे इसलिए महान थे। जबकि वीर सावरकर गद्दार थे, क्यूंकि उन्होंने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी थी। वैसे इन लोगों को यह नहीं मालूम कि, […]

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