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इतिहास के पन्नों से भाषा

शंका- आर्य (हिंदी) भाषा कि वर्ण एवं लिपि का आरम्भ कब हुआ?

समाधान- आर्य (हिंदी) भाषा की लिपि देवनागरी हैं। देवनागरी को देवनागरी इसलिए कहा गया हैं क्यूंकि यह देवों की भाषा हैं। भाषाएँ दो प्रकार की होती हैं। कल्पित और अपौरुषेय। कल्पित भाषा का आधार कल्पना के अतिरिक्त और कोई नहीं होता। ऐसी भाषा में वर्णरचना का आधार भी वैज्ञानिक के स्थान पर काल्पनिक होता हैं। […]

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देश विदेश

पाकिस्तान – चीन की अफगान नीति के पेंच और भारत की समस्याएं

जी. पार्थसारथी अफगानिस्तान में आईएसआई की मदद से सत्तासीन हुए तालिबान से बनती चुनौतियों से निपटने की खातिर भारत ने कभी-कभार अपनाया जाने वाला नैसर्गिक रुख चुना है। कालांतर में भारत ने अफगान मुद्दे पर उसके पश्चिमी पड़ोसी मुल्क, जिनके साथ हमारे संबंध बहुत बढ़िया हैं, निकटता से काम किया है। इनमें ताज़िकिस्तान, तुर्केमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, […]

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स्वास्थ्य

कैंसर की बीमारी की भ्रान्तियां और आयुर्वेदिक उपचार

डॉ. आर. अचल कैंसर एक ऐसा भयानक रोग है जिसका नाम सुनते ही रोगी की जीवनीशक्ति समाप्त हो जाती है और उसके परिजन भी हताश हो जाते हैं। कैंसर होने पर सामान्यत: यह मान लिया जाता है कि अब मृत्यु निश्चित है। और भी बहुत सी जानलेवा बीमारियां हैं, परन्तु उनकी चिकित्सा की जा सकती […]

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इतिहास के पन्नों से

चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल की वास्तविक स्थिति क्या है?

डॉ. ओमप्रकाश पांडेय राजनीति के मूर्धन्य आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य की योजनाओं को मूर्त रूप देने में सहयोगी रहे उनके शिष्यों में चन्द्रगुप्त का स्थान सर्वोपरि रहा था। यह मोरियगण की कन्या से उत्पन्न हुआ एक असाधारण व्यक्तित्व का स्वामी था। मोरिय हिमालय की तराई में स्थित पिप्पली वन में निवास करने वाली एक निम्न जाति […]

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इतिहास के पन्नों से

संस्कृति एवं समृद्धि के उन्नायक भारतीय व्यापारी

डॉ. शशिबाला द्वितीय विश्व युद्ध में नष्टप्राय: हुए देश जापान ने व्यापारिक उन्नति के माध्यम से संसार के उन्नत राष्ट्रों की पंकित में खड़े होकर यह सिद्ध कर दिया है कि व्यापार से देश में शक्ति आती है और समृद्धि के माध्यम से देश के चर्तुदिक विकास का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। प्राचीनकाल में […]

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भारतीय संस्कृति

16 संस्कारों में से एक यज्ञोपवीत संस्कार का वैज्ञानिक रहस्य

डॉ. ओमप्रकाश पांडे भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। सप्ताह में सात दिन होते हैं तो नौ त्योहार होते हैं। सभी त्योहारों को हम सामान्य तौर पर चार विभागों में बाँट सकते हैं। कुछ त्योहार राष्ट्रीय प्रकृति के होते हैं, कुछ सामाजिक प्रकृति के, कुछ पारिवारिक और कुछ व्यक्तिगत प्रकार के त्योहार होते […]

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संपादकीय

कांग्रेस देश का संविधान और मोदी सरकार

कांग्रेस को अपने वैचारिक मार्गदर्शक गांधी जी से संविधान और नियम-प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाने का संस्कार उत्तराधिकार में प्राप्त हुआ है। गांधीजी के जीवन का अवलोकन करने से हमें यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने अपनी मनमानी चलाने के लिए हर उस नैतिकता, मर्यादा , नियम- प्रक्रिया और पार्टी के संविधान के कायदे […]

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समाज

भारत में जातीय विद्वेष का इतिहास

रवि शंकर हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के विरुद्ध संसद में लाए गए अनुसूचित जाति/जनजाति विधेयक के बाद देश में भूचाल जैसा आ गया है। सही बात तो यह है कि जातीय घृणा और विद्वेष का भाव भारतीय, वैदिक अथवा सनातनी भाव नहीं है। जातीय घृणा और भेदभाव का […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

प्रशांत किशोर के माध्यम से विपक्ष कर रहा है भयानक षड्यंत्र की राजनीति

भयानक साजिश – प्रशांत किशोर और मोहता बानो द्वारा! विपक्ष बहुत ही भयावह साजिश पर काम कर रहा है। पूरी तरह से जानते हुए, वे 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी और बीजेपी को नहीं हरा सकते हैं, और अच्छी तरह से जानते हुए, अगर वे हार गए तो उनके दिन गिने जाएंगे, वे बहुत […]

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उगता भारत न्यूज़

-आर्यसमाज धामावाला देहरादून का वार्षिकोत्सव सोल्लास सम्पन्न- “अध्यात्म में यदि थोड़ा भी प्रवेश हो जाता है तो जीवन भर आनन्द आता हैः स्वामी सच्चिदानन्द”

ओ३म् ========= आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द के जीवनकाल में स्थापित समाज है। यह समाज सन् 1879 में स्थापित हुई थी। आज इस समाज का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव सोल्लास सम्पन्न हुआ। हम भी इस समारोह में सम्मिलित हुए। आरम्भ में समाज की यज्ञशाला में यज्ञ हुआ। यज्ञ के बाद जलपान एवं उसके बाद भजन एवं […]

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