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पर्यावरण

हमने प्रकृति की उपेक्षा करते हुए उसके उपहारों का उपयोग भी छोड़ दिया है

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा एम्स के हालिया अध्ययन में सामने आया है कि हार्ट फेलियर के मरीजों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी दिया जाए तो उनके लक्षण में काफी कमी आ जाएगी। दरअसल एम्स के अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 70 फीसदी दिल्लीवासियों में विटामिन डी की डेफिसिएंसी पाई गई है। यदि चिकित्सकों […]

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पर्यावरण

हर घर नल, मगर जल नहीं

हंसी बघरी/नंदिनी कपकोट, बागेश्वर उत्तराखंड देश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर तक नल के माध्यम पीने के साफ़ पानी पहुंचाने की योजना देश के अन्य राज्यों के साथ साथ पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी चलाई जा रही है. उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य की जनता के लिए एक रुपये में पानी कनेक्शन योजना की शुरुआत […]

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पर्यावरण

पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिकीकरण बन सकता है विनाश का कारण

नरेंद्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, नैनीताल आधुनिकीकरण किसी भी देश के विकास का अहम पैमाना होता है. लेकिन अंधाधुंध विकास अब विनाश का कारण बनता जा रहा है. इसका प्रभाव केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि पर्वतीय राज्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. विशाल निर्माण कार्य पर्वतीय राज्यों के भविष्य पर प्रश्नवाचक चिन्ह […]

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पर्यावरण

पुराणों व हिन्दू धर्मग्रंथों में उल्लेखित पर्यावरण ज्ञान*

★ 10 कुॅंओं के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर 1 पुत्र एवं 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है। ( मत्स्य पुराण ) ★ जीवन में लगाये गये वृक्ष अगले जन्म में संतान के रूप में प्राप्त होते हैं। (विष्णु धर्मसूत्र 19/4) ★ जो व्यक्ति पीपल अथवा […]

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पर्यावरण

मौसम के बदलते मिजाज़ को समझना ज़रूरी है

नितिन बिष्ट नैनीताल, उत्तराखंड जोशीमठ में जो कुछ भी हो रहा है, वह प्राकृतिक आपदा तो बिल्कुल भी नहीं है. विकास के नाम पर विनाश की यह नींव हम इंसानों ने ही रखी है. इसकी शुरुआत कोई एक दो साल पहले नहीं हुई है बल्कि दशकों से यही सब होता आ रहा है. ऐसा नहीं […]

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पर्यावरण महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

“बिन पानी सब सून” कहावत हमारे जीवन में कहीं वास्तविकता न बन जाए

ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर रही जनसंख्या को अन्य स्थानों […]

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पर्यावरण

गेटवे ऑफ हिमालय में धंसती जमीन, फटती सड़कें! दरकते जोशीमठ का जिम्मेदार कौन? 1976 में ही हुई थी भविष्यवाणी

अभिनय आकाश उत्तराखंड की धार्मिक नगरी जोशीमठ में तेजी से हो रहे भू धंसाव की वजह से लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को वीडियो संदेश भेजकर जोशीमठ में ही कैंप करने की मांग की है। उत्तराखंड का जोशीमठ जिसे बद्रीनाथ धाम का द्वार माना जाता है। वहां रहने वाले […]

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पर्यावरण

डिजिटल इंडिया का अधूरा सपना कब पूरा होगा?

शीराज़ अहमद मीर मंडी, पुंछ बैंक जैसी सुविधाओं का होना हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि वह जो कमाए उसे बचाए और मुश्किल समय में उसका उपयोग करे. नौकरीपेशा वर्ग को भी अपना मासिक वेतन बैंक की सहायता से मिलता है. इसके साथ ही दिव्यांगों और […]

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पर्यावरण

रहने लायक नहीं रहेगी यह धरा यदि प्रकृति का शोषण इसी रफ्तार से चलता रहा

भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी […]

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पर्यावरण

जलवायु संकट से निबटने में खतरनाक साबित हो सकती है अमीर देशों की उदासीनता

–ललित गर्ग जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए अमीर एवं शक्तिशाली देशों की उदासीनता एवं लापरवाह रवैया एक बार फिर मिस्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप-27) में देखने को मिली। दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या जितनी गंभीर होती जा रही है, इससे निपटने के गंभीर प्रयासों का उतना ही अभाव महसूस […]

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