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आज का चिंतन

वेदों में भौतिक सरस्वती नदी का उल्लेख ?

** Dr D K Garg वेद में नदी नाले के नाम ,और कोई इतिहास नहीं है ,वेद तो अपौरुषेय हैं। आर एस एस से जुड़े एक पूर्व सांसद का कहा है कि ऋग्वेद के एक राजा सुदास का राज्य सरस्वती नदी के तट पर था। तो क्या वेदों की रचना राजा सुदास के बाद हुई […]

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श्राद्ध का वास्तविक अर्थ क्या है?

नमस्ते जी 🙏 ओम् ‘श्राद्ध’ शब्द बना है ‘श्रद्धा’ से। ‘श्रद्धा’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘श्रत्’ या ‘श्रद्’ शब्द से ‘अङ्’ प्रत्यय की युति होने पर होती है, जिसका अर्थ है- ‘आस्तिक बुद्धि। ‘सत्य धीयते यस्याम्’ अर्थात् जिसमें सत्य प्रतिष्ठित है। छान्दोग्योपनिषद् 7/19 व 20 में श्रद्धा की दो प्रमुख विशेषताएँ बताई गई हैं – मनुष्य […]

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मंदिर की मूर्तियों से कभी कोई पुजारी आपने मांगते हुए नहीं देखा

करोड़ों व्यक्ति प्रतिदिन मंदिरों में जाते हैं और वहां उनकी दृष्टि में जिसे भी वे भगवान मानते हैं , चाहे वह फोटो हो या मूर्ति हो , उन फोटो या मूर्तियों से मांगते हैं । थोड़ा विचार करें, यदि वे फोटो या मूर्तियां आपकी बात सुनती होती, कुछ जवाब देती, कुछ हाथ हिलाती , कुछ […]

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अजमेर में महर्षि दयानन्द लेख संख्या 28*

* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ (जगतगुरु महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 200 लेखों की लेखमाला के क्रम में लेख संख्या 28) महर्षि दयानंद सरस्वती जी के उपलब्ध जीवन चरित् के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है महर्षि दयानंद सरस्वती जी का अजमेर में प्रथम प्रवास 4 महीने के […]

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ओ३म् “आर्यसमाज शुद्ध ज्ञान व कर्मों से युक्त मनुष्य का निर्माण करता है”

=========== देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के […]

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*सरस्वती पूजा रहस्य*

भाग 1 DR D K Garg पौराणिक मान्यता: पौराणिक धर्म शास्त्रों में दो सरस्वती का वर्णन आता है एक ब्रह्मा पत्नी सरस्वती एवं एक ब्रह्मा पुत्री तथा विष्णु पत्नी सरस्वती। ब्रह्मा पत्नी सरस्वती मूल प्रकृति से उत्पन्न सतोगुण महाशक्ति एवं प्रमुख त्रिदेवियो मे से एक है एवं विष्णु की पत्नी सरस्वती ब्रह्मा के जिव्हा से […]

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ब्रह्म के चार मुख की वास्तविकता*

* Dr D K Garg पौराणिक मान्यताये: पौराणिक ब्रह्मा को शरीरधारी मानते है जो किसी अन्य लोक में रहता है। उसका परिवार है , पत्नी है ,पुत्र है ,हाथ में कमंडल है ,चार मुख है । ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है, मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, भोग लगाते है और […]

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क्या वेद जातिवाद का समर्थन करते है? #डॉ_विवेक_आर्य

वेदों के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों में से एक यह भी है कि वे ब्राह्मणवादी ग्रंथ हैं और शूद्रों के साथ अन्याय करते हैं | हिन्दू/सनातन/वैदिक धर्म का मुखौटा बने जातिवाद की जड़ भी वेदों में बताई जा रही है और इन्हीं विषैले विचारों पर दलित आन्दोलन इस देश में चलाया जा रहा है […]

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गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से निकली?*

* DR D K Garg पौराणिक मान्यताये: एक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी के कमंडल का जल गंगा नामक युवती के रूप में प्रकट हुआ था। एक अन्य (वैष्णव) कथा के अनुसार ब्रह्माजी ने विष्णुजी के चरणों को आदर सहित धोया और उस जल को अपने कमंडल में एकत्र कर लिया।एक तीसरी मान्यता के अनुसार […]

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🌷मनुस्मृति और धर्म 🌷*

* वास्तविक धर्म क्या है और धर्म कैसा होना चाहिए।धर्म क्या है इस पर वैषेशिक के महर्षि कणाद कहते हैं:- ‘यतोऽभ्युदय निःश्रेयस्सिद्धि स धर्मः’। अर्थात् जो कर्म हमारा अपना उद्धार अरें और प्राणी मात्र को जिससे सुख मिले वह धर्म है। परमात्मा ने संसार रचा।उसमें नाना प्रकार के फल फूल,वनस्पतियाँ,औषधियाँ,अन्न,आदि उसने हमारे लिए उत्पन्न किये।उस […]

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