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आज का चिंतन

आज का चिंतन-10/06/2013

औपचारिकताएँ न निभाएं जो करें तहे दिल सेडॉ. दीपक आचार्य9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जिस प्रकार से दुनिया में डुप्लीकेट माल की भरमार बढ़ती जा रही है, चाईनीज आईटम सस्ते दामों में बाजार में छाए ही जा रहे हैं, हमारी जिन्दगी में कई सारे संसाधन और उपकरण इतने घर कर गए हैं कि उनके बगैर जीना भी कोई जीना कहा […]

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आज का चिंतन-06/06/2013

जीवन का असली आनंद चाहें तोखुद खुश रहें,औरों को खुश रखें– डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.comसंसार में सब कुछ होते हुए भी लोगों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऎसा है जो कभी खुश नहीं रह सकता, चाहे जमाने भर के सारे सुख, आदर और सम्मान तथा अभिनंदन प्राप्त क्यों न हो जाएं।सभी प्रकार के वैभव, पद-प्रतिष्ठा, लोकप्रियता, धन-संपदा और संसाधनों तथा अनुकूल परिस्थितियों […]

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आज का चिंतन-05/06/2013

पर्यावरण रक्षा सर्वोपरि फर्जप्रकृति नहीं तो सब है बेकार– डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.comहमारे पास सब कुछ है लेकिन पर्यावरणीय सौन्दर्य नहीं है तो सारे संसाधन,भौतिक संपदा और जीवन व्यवहार सब निरर्थक है। प्रकृति के खुले आँगन मेंरहते हुए जिन तत्वों और नैसर्गिक ऊर्जाओं के निरन्तर पुनर्भरण कीप्रक्रिया अहर्निश चलती रहती है वही वस्तुतः जीवन है। इसके […]

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आज का चिंतन-04/06/2013

लक्ष्य ऊँचा और बड़ा रखेंछोटे स्तर से शुरूआत को हीन न मानें– डॉ. दीपक आचार्य9413306077दुनिया का हर आदमी विकास के चरम शिखर को प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए कुछ लोग भाग्यशाली होते हैं जो पूर्वजन्म के अच्छे कर्म के कारण से ऐसा सब कुछ पा जाते हैं जिसके योग्य वे नहीं हुआ करते हैं। […]

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आज का चिंतन-03/06/2013

नियमित भ्रमण अपनाएँ स्वस्थ और मस्त रहें– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 चलन ही जीवन है और जड़ता मृत्यु। यह बात दुनिया के हर जीव पर लागू होती है। मशीनें भी वे ही ठीक-ठाक रहती हैं जिनका निरन्तर उपयोग होता रहता है। यह बात मनुष्यों से लेकर पशु-पक्षियों तक में समान रूप में होती रहती है तभी तक […]

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02/06/2013

बनाए रखें देवालयों की पवित्रता सांसारिक कर्मों का डेरा न बनाएँ -डॉ.दीपक आचार्य9413306077 मन्दिरों में जाने पर मन को असीम शांति प्राप्त होती है, चित्त संसार से हटकर कुछ क्षणों के लिए परमात्मा का चिंतन करने लगता है, मस्तिष्क की उद्विग्नताएं विराम लेती हैं और सांसारिक वृत्तियों के प्रति आयी शून्यता का भाव तन-मन को […]

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01/06/2013

तनावों से मुक्ति पानेहर फिक्र का जिक्र जरूर करें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077 हमें यह समझने की जरूरत है कि आखिर तनाव है क्या। मनुष्य चाहता है कि जो कुछ हो वह उसका सोचा हुआ हो, मनचाहा हो और ऐसा कुछ भी न हो, जो वो कभी नहीं चाहता। लेकिन भाग्य और परिस्थितियां हमेशा कुछ […]

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30/05/2013

संबंधों में माधुर्य भरी सफलता चाहें तो सतत संवाद के प्रति गंभीर रहें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077 दुनिया की सारी समस्याओं की जड़ ही है संवादहीनता। सामाजिक जिन्दगी का पर्याय माने जाने वाले मनुष्य के लिए व्यष्टि और समष्टि के साथ संबंधों की अनिवार्यता जरूरी है। इसके बगैर न मनुष्य अपने लक्ष्यों और जीवन में […]

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ताजा सोचें, मौलिकता लाएं, नया लिखें वरना बुद्घि कुण्ठित, सेहत खराब होगी

– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 हमारी कुल जनसं या में उन लोगों की सं या भी काफी है जो स्थापित और प्रतिष्ठित लेखक हैं, स्थापित होने के सफर पर हैं, नवोदित हैं और आगे बढ़ने की जद्दोजहद में रमे हुए हैं। इनमें स्वान्त: सुखाय भी हैं और परोपकारी तथा जगतोद्घारक भी हैं।सम सामयिक परिस्थितियों, सामाजिक हालातों, […]

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संवेदनाएँ प्रकट करना ही काफी नहीं बुनियाद खत्म करना जरूरी है

– डॉ. दीपक आचार्य9413306077 हमारे आस-पास जो हो रहा है, जो दिख रहा है, सुन रहे हैं और देश-दुनिया में जो हो रहा है। उस पर पैनी निगाह रखने के साथ ही संवेदनशीलता जरूरी है। जो घटनाएं हमारे काल में हो रही हैं उसके लिए हम ही जि मेदार हैं और इनका निवारण व समूल […]

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