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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

राजनीति के दिशावाहक : दीनदयाल उपाध्याय

प्रो. संजय द्विवेदी वे सही मायनों में भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे। भारतीय राजनीति में उनके आगमन ने एक नया विमर्श खड़ा कर दिया और वैकल्पिक राजनीति को मजबूत आधार प्रदान किया। आज भरोसा करना कठिन है कि श्री दीनदयाल उपाध्याय जैसे साधारण कद-काठी और सामान्य से दिखने वाले मनुष्य ने भारतीय राजनीति और समाज […]

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आओ कुछ जाने

अल्लाह शब्द का जन्म वेद से हुआ है !

हमें पूरा विश्वास है कि लेख का यह शीर्षक पढ़ते ही प्रबुद्ध पाठकों के मन में कई शंकाएं उत्पन्न हो जाएंगी , कोई इस बात को असंभव और झूठ मानेगा , कोई इस बात को केवल मजाक समझ कर हंसी में उड़ा देगा , लेकिन इस बात को साबित करने के लिए हमें कुछ ऐसे […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

देश का विभाजन और सावरकर, अध्याय -17 क नन्हीं आंखों ने देखा बंटवारा

( जूम मीटिंग के माध्यम से चल रहे मेरे एक भाषण में जब मैंने देश विभाजन के समय की घटनाओं का उल्लेख किया और बताया कि किस प्रकार उस समय लगभग 20 लाख हिंदुओं को मार दिया गया था, तब उस मीटिंग में उपस्थित रहीं माताजी आर्या चंद्रकांता जी की आंखें सजल हो उठीं और […]

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राजनीति

राजनीति और महिलाएं

निर्मला – विनायक फीचर्स आजादी की लड़ाई में अनेक महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया और आजादी के बाद भी महिलाओं का राजनीति में उल्लेखनीय योगदान रहा। राजनीति में महिलाओं का प्रवेश एक अ’छी बात है। लेकिन, तब के और आज के राजनीतिक माहौल में जमीन-आसमान का फर्क है। आज […]

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राजनीति

गांधी के उत्तराधिकारी-नाम से नहीं कर्म से तय होंगे*

-विष्णुदत्त शर्मा – विनायक फीचर्स अखिल विश्व में स्वयं के अहिंसावादी मूल्यों के लिए विख्यात महात्मा गांधी आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने वह अपने जीवनकाल में थे। दो अक्टूबर को बापू की 154वीं जयंती के अवसर पर भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देश मानवता और मानवीय मूल्यों के लिए आजीवन संघर्ष […]

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पितृपक्ष की सार्थकता एवं वास्तविकता

श्राद्ध, तर्पण , दान सुपात्र को कुपात्र को नहीं, देव, देवी ,देवता, ऋषि,परम देव, मूर्ख,आदि पर आलेख। सुविख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन के पास एक प्रतिष्ठित संस्था गुरुकुल एवं सामाजिक संस्था के संचालक एवं अधिष्ठाता रवि कावरा जी बैठे हैं। तथा एक वीडियो इस विषय की बनाई गई। जब मैं वह वीडियो सुन रहा था तो […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कथित राष्ट्रपिता गांधी पर भारी सच्चा राष्ट्रपुत्र भगत सिंह*।

* गांधी के कुटिल राष्ट्र घातक चिंतन कुविचारो का सर्वप्रथम वैचारिक बौद्धिक वध भगत सिंह ने ही किया। लेखक आर्य सागर खारी। मोहनदास करमचंद गांधी हाड मास का पुतला ही नहीं जैसा भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने उनके विषय में कहा था। गांधी अनेक दुर्गुण दोषो का भी पुतला थे। गांधी को परनिंदा करने में […]

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देश विदेश

कनाडा का ताजा प्रकरण और अमेरिका की भूमिका

संतोष पाठक भारत जैसे विश्वसनीय और भरोसेमंद देश के साथ इस तरह की हरकत कर अमेरिका ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह कभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक भरोसेमंद देश नहीं बन सकता है और इसलिए भारत को उससे हमेशा ही सतर्क रहना पड़ेगा। कुख्यात आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “आर्यसमाज शुद्ध ज्ञान व कर्मों से युक्त मनुष्य का निर्माण करता है”

=========== देश और समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि सभी मनुष्यों की बुद्धि व शरीर के बल का पूर्ण विकास कर उन्हें शुद्ध ज्ञान व शक्ति सम्पन्न मनुष्य बनाया जाये। ऐसे व्यक्ति ही देश व समाज के लिये उत्तम, चरित्रवान, देशभक्त तथा परोपकार की भावना से युक्त होते हैं व देश व समाज के […]

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