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संपादकीय

देश का विभाजन और सावरकर, अध्याय -16 ख ‘वदतोव्याघात’ का उदाहरण-

“मुसलमानों का पराभव करने का अत्यंत अनुकूल अवसर प्राप्त होने पर भी प्रारंभ से ही हिंदुओं को ऐसा भय लगता रहा कि भ्रष्ट किए गए हिंदुओं को अथवा जन्मजात मुसलमानों को शुद्ध कर आज हमने यदि पुनः हिंदू बना लिया, तो उसके परिणामस्वरूप आस- पास के मुसलिम राज्य और लोग कल हम पर अधिक शक्ति […]

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समाज

कब होगा दहेज मुक्त समाज?

तनुजा भंडारी गरुड़, उत्तराखंड आज़ादी के 75 साल में देश में बहुत कुछ बदलाव आ चुका है. कृषि से लेकर तकनीक तक के मामले में हम न केवल आत्मनिर्भर बन चुके हैं बल्कि दुनिया का मार्गदर्शन भी करने लगे हैं. इतने वर्षों में यदि कुछ नहीं बदला है तो वह है महिलाओं के खिलाफ हिंसा. […]

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समाज

कितना सफल हुआ है खुले में शौच से मुक्ति का अभियान? खुशी यादव

बीकानेर, राजस्थान कितनी विडंबना है कि आजादी के 75 साल बाद भी देश की एक बड़ी आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर है. 2011 की जनगणना के अनुसार देश के 53.1 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं था. जिसकी वजह से महिलाओं और लड़कियों को सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. खुले में […]

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इतिहास के पन्नों से

महाराजा हरि सिंह का वह ऐतिहासिक फैसला

एक फैसले ने बदल दी थी जम्मू-कश्मीर की तस्वीर अनन्या मिश्रा जम्मू और कश्मीर रियासत के आखिरी शासक राजा हरि सिंह भारत के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उन्होंने अपने शासनकाल में अहम राजनीतिक उथल-पुथल देखी थी। जिसके कारण रियासत का नए स्वतंत्र भारत में एकीकरण हुआ था। राजा हरि सिंह महान शिक्षाविद् […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारतीय परिवारों की भौतिक आस्तियों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर है

किसी भी देश के लिए शुद्ध वित्तीय बचत की दर अधिक होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मापदंड माना जाता है क्योंकि वित्तीय बचत की राशि अंततः पूंजी निर्माण करते हुए देश के आर्थिक विकास को गति देने में मुख्य भूमिका निभाती है। बचत दरअसल दो प्रकार की होती है, एक, वित्तीय बचत एवं द्वितीय, भौतिक […]

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स्वास्थ्य

जागरूकता ही स्वस्थ जीवन का आधार है

भारती देवी पुंछ, जम्मू नई नई तकनीकों ने केवल इंसान की ज़िंदगी को ही नहीं बदला है बल्कि उसके रहन सहन और खानपान के तौर तरीकों को भी पूरी तरह से बदल दिया है. इस बदलाव ने मनुष्य के शरीर को बीमारियों का घर बना दिया है. आजकल एक के बाद एक ऐसी कई बीमारियां […]

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राजनीति

सामूहिक नेतृत्व और मोदी फेक्टर होगा 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का मुख्य लक्ष्य

अंकित सिंह राजस्थान में भी भाजपा ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि वह सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। इससे वसुंधरा राजे की उम्मीदों पर एक पानी फिरता दिखाई दे रहा है। वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। […]

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महत्वपूर्ण लेख

महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

डॉ. प्रियंका नितिन वर्मा महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा वर्ष 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल से ही की जाती रही है। परन्तु तत्कालीन सरकार के पास बहुमत नहीं होने के कारण इस विधेयक को स्वीकृति नहीं मिल सकी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

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राजनीति

देश का विभाजन और सावरकर, अध्याय -16 क इतिहास लेखन और सावरकर जी का दृष्टिकोण

भारतवर्ष में युद्ध में भी नियमों का अर्थात धर्म का पालन करने की बहुत ही प्रशंसनीय परंपरा रही है। इस परंपरा की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। पर जब सामना उन मुस्लिमों से हुआ जो युद्ध में नियम या धर्म की परंपरा को जानते तक नहीं थे उनका प्रत्येक आक्रमण अधर्म और अनीति […]

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