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राजनीति

जातियों की साधना में सियासी लामबंदी?

प्रभुनाथ शुक्ल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जुमला खूब चलता है कहते हैं ‘दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से गुजरता है’। देश के सबसे बड़े राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। नतीजा राज्य की सियासत गर्म हो गई है। राजनीतिक दल और सरकारें अपने विकास को भूल कर जातिवाद का भजन करने लगी हैं। […]

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आओ कुछ जाने

ब्रह्मचर्य से ही सदाचरण और सामाजिक संस्कृति की रक्षा होना संभव है

डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज उत्तम ब्रह्मचर्य हमें सदाचरण और सामाजिक संस्कृति की सीख देता है। स्वयं में निवास करना, आत्म की पहचान करना ब्रह्मचर्य है। आत्मा ही ब्रह्म है, उस ब्रह्म स्वरूप आत्मा में चर्या करना, रमण करना वास्तविक ब्रह्मचर्य है। ब्रह्मचर्य जो हमारी साधना का मूल है, सभी साधनाओं में ब्रह्मचर्य को सबसे प्रमुख […]

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बिखरे मोती

देह का सार है आत्मा,सृष्टि का है ब्रह्म

बिखरे मोती देह का सार है आत्मा, सृष्टि का है ब्रह्म। जान सके तो जान ले, इनमें आनन्दम्॥1496॥ व्याख्या:- पाठकों को यहां यह बता देना प्रासंगिक रहेगा कि जीवात्मा तथा ब्रह्म यह दोनों प्रज्ञ है अर्थात् ज्ञान वाले हैं,चेतना वाले हैं,जबकि शरीर तथा प्रकृति प्राज्ञ है अर्थात् ज्ञान वाले नहीं है,चेतना वाले नही है किन्तु […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदुत्व पुनर्जागरण प्रेरक : प्रातः स्मरणीय गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज

ॐ गुर्जर -गाय और वेद हिंदुत्व के आधार स्तंभ ॐ सृष्टि में इतिहास की खोज एवं इतिहास लेखन सतत् चलने वाली प्रक्रिया है। इतिहास वेत्ता और इतिहास लेखन का अधिकारी वह है, जिसने स्वयं को पा लिया है। इतिहास लेखन के नाम पर वारेन हेस्टिंग्स के काल से अंग्रेजों द्वारा प्रारंभ की गई अखंड भारत […]

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वैदिक संपत्ति

सम्प्रदाय परिवर्तन : गीता और उपनिषदों में मिश्रण

वैदिक संपत्ति गतांक से आगे… जिस तरह उपनिषदों में मिलावट है, उसी तरह गीता में भी मिलावट है।इस जमाने में लोकमान्य तिलक जैसा गीता का विद्यार्थी और दूसरा नहीं हुआ। गीता की मिलावट के विषय में गीतारहस्य भाग 3,पृ. संख्या 536 में आप कहते हैं कि, ‘जिस गीता के आधार पर वर्तमान गीता बनी है, […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :  भारतवर्ष का अतीत वर्तमान और भविष्य

”भारतवर्ष का अतीत वर्तमान और भविष्य”-  नामक यह पुस्तक आर्य समाज के प्रसिद्ध विद्वान श्री मोहन देव जी द्वारा दो खंडों में लिखी गई है। विद्वान लेखक ने प्रथम भाग में वैदिक संस्कृति, भारतवर्ष का गौरव, क्या आर्य विदेशी थे ? , आर्यों का 15 लाख वर्ष का इतिहास , वेद और विज्ञान, सृष्टि विज्ञान, […]

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उगता भारत न्यूज़

आर्य समाज सूरजपुर का वार्षिक सम्मेलन हुआ संपन्न : आर्य समाज की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का लिया गया संकल्प

ग्रेटर नोएडा ( अजय कुमार आर्य ) यहां स्थित आर्य समाज सूरजपुर का वार्षिक सम्मेलन 22 सितंबर से 26 सितंबर तक चला। जिसमें विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए और आर्य समाज की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम के ब्रह्मा आर्य जगत के सुप्रसिद्ध सन्यासी स्वामी […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जन्मजयंती पर ——————– राष्ट्रकवि दिनकर: राष्ट्रीय चेतना का ओजस्वी स्वर

* डॉ संजय पंकज *** भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मुखर और विद्रोही कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ आजादी मिलने के बाद राष्ट्रकवि हो जाते हैं।साहित्य में नैष्ठिक राष्ट्रीयता के तत्व होने से अपनी परंपरा, अपनी भूमि और अपने परिवेश से स्वाभाविक जुड़ाव होता है। शौर्य,साहस, पराक्रम और हुंकार दिनकर के कृतित्व में प्रकृत रूप से समाविष्ट […]

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भाषा

हिंदी दिवस पर ——————– विश्व के भाल पर आलोकित हिंदी

* डॉ संजय पंकज हिंदी भाषा के विकास की बात शुरू होते ही बुद्धिजीवियों की चिंता भी बढ़ जाती है। राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा के रूप में हिंदी की चर्चा करते हुए अधिकांश मनोभाव हीनता और निराशा के साथ ही प्रकट होते हैं। हिंदी के प्रति ऐसा दृष्टिकोण नया नहीं है! हर वर्ष हिंदी दिवस […]

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कविता

रानी ,पदमा के जौहर की

भरत भूमि ने तुमको कल की लक्ष्मी ,पदमावत माना है उठ तुमको अपना किर्ति ध्वज पर्वत पर लहराना है उठ बेटी, बेजान पंख में पुनः जोश और प्राण भरो फिर से पावन-पुण्य धरा पर स्व चरित्र निर्माण करो सहज सरल व्यवहार कुशल हो मृदु रस रखना बातों में अपने कुल की आन-बान और शान को […]

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