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मुद्दा हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय मुसलमान और जनरल करिअप्पा

डॉ विवेक आर्य भारतीय सेना के प्रथम सेनापति जनरल करिअप्पा 1964 में अपने द्वारा लिखित पुस्तक “लेट अस वेक अप” में भारतीय मुसलमानों के विषय में लिखते है- “हमारा एक धर्म निरपेक्ष देश है। मैं मुसलमानों को उतना ही अपना भाई-बहन समझता हूँ, जितना कि भारत के अन्य सम्प्रदायों के लोगों को समझता हूँ। देश […]

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भारतीय संस्कृति

मनुष्य निर्माण में माता-पिता और आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका

ओ३म् “मनुष्य निर्माण में माता, पिता तथा आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका” ============== परमात्मा की व्यवस्था से संसार में मनुष्य का जन्म माता व पिता के द्वारा होता है। माता के विचारों व स्वभाव का सन्तान के निर्माण व जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि माता अशिक्षित व धर्म विषयक ज्ञान से हीन है, तो […]

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धर्म-अध्यात्म

सर्वशक्तिमान ईश्वर

(दार्शनिक विचार) #डॉ_विवेक_आर्य ईश्वर सर्वशक्तिमान है। इसमें कोई संदेह नहीं है। पर सर्वशक्तिमान का अर्थ क्या है? यह जानना आवश्यक है। ईश्वर के सर्वशक्तिमान से कुछ लोग यह तात्पर्य निकलते है कि ईश्वर सब कुछ करने में समर्थ है। पर क्या वाकई में ईश्वर सब कुछ करने में समर्थ है? नहीं। कुछ उदाहरण से समझते […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

बहुत जरूरत है सरकारी तंत्र में सुधार की

अभिनव प्रकाश पिछले कुछ दशकों में अर्थव्यवस्था और समाज में भारतीय राज्य की भूमिका के बारे में सार्वजनिक विमर्श एक गलत परिपाटी पर चला गया है। नेहरूवादी राज्य और समाजवादी नीतियों की विफलता ने सरकार और विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया को उत्पन्न किया। लाइसेंस-कोटा परमिट राज, अक्षम नौकरशाही और बेलगाम […]

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आतंकवाद

कम्युनिस्ट पार्टियों की देश विरोधी राजनीति

भारत के संदर्भ में लेफ्ट-राइट की शातिराना पोजीशनिंग ने सत्ता के साथ रखने के सच के बीच भी खुद को वामपंथी कहा : और जो तपका असल में सर्वहारा समाज के साथ और सत्ता के हमेशा खिलाफ रहा वह राष्ट्रवाद है, जिसे उन्होंने दक्षिणपंथ नाम दिया। शब्द बौद्धिक माओवाद उर्फ़ अर्बन नक्सल चाल का नतीजा […]

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आर्थिकी/व्यापार

रोज़गार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगा वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट

कोरोना महामारी के समय पूरे विश्व में ही लाखों लोगों के रोज़गार पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। भारत भी इससे अछूता नहीं रह सका था एवं हमारे देश में भी कई लोगों के रोज़गार पर असर पड़ा। हालांकि, छोटी अवधि के लिए इस समस्या को हल करने के उद्देश्य से कोरोना महामारी के दौरान, लगभग […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

बजट में किसानों की खुशहाली का सपना : ऐसे में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी ?

*राष्ट्र-चिंतन* *विष्णुगुप्त* इस बार का केन्द्रीय बजट छह स्तंभों पर आधारित है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा भौतिक-वित्तीय पूंजी, तीसरा समावैशी विकास, चैथा मानव पूंजी का संचार करना , पाचवां नवाचार व अनुंसंधान और छठा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। किसानों की खुशहाली की व्यवस्था को केन्द्रीय सरकार अपनी बजट की विशेषताएं बता […]

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आओ कुछ जाने आर्थिकी/व्यापार

व्हाट्सएप गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह क्यों लग रहा है?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अभी भी व्हाट्साप पर स्वास्थ्य-जांच रपटें, यात्रा और होटल के विवरण तथा व्यापारिक लेन-देन के संदेशों को भेजने की खुली व्यवस्था है। ‘फेसबुक’ चाहती है कि ‘व्हाट्साप’ की समस्त जानकारी का वह इस्तेमाल कर ले ताकि उससे वह करोड़ों रुपए कमा सकती है। आजकल व्हाट्साप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल […]

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देश विदेश

क्या पुतिन का लोकतंत्र दुनिया के लिए एक संकट बन कर आया है?

प्रणव प्रियदर्शी बार-बार निर्वाचित हो रहे अति लोकप्रिय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन के राज में कोई ऐसा भी व्यक्ति है जो उनके लिए खतरा बन सकता है, इसका अंदाजा दुनिया को पिछले हफ्ते तब हुआ जब रूस के एक विपक्षी नेता अलेक्सी नवाल्नी पांच महीने विदेश में बिताने के बाद स्वदेश लौटे और उन्हें एयरपोर्ट […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 2 , अल्लाह का इस्लाम और मुल्ला का इस्लाम

अल्लाह के इस्लाम और मुल्ला के इस्लाम के बीच जब यह गुप्त समझौता हुआ तो उसके पश्चात इन गुंडों में से जो बादशाह ,सुल्तान या सेनापति बने उन्होंने संसार में कत्लेआम का ऐसा इतिहास लिखा जो केवल और केवल मजहबी जुनून, मजहबी उन्माद और कट्टर सांप्रदायिकता का वह इतिहास है जिसमें सर्वत्र मानवता की लाश […]

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