_-राजेश बैरागी-_ उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव श्री योगेन्द्र नारायण से 1998 में मेरे द्वारा यह जानने की अपेक्षा की गई थी कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार गौतमबुद्धनगर में सिकंदराबाद को भी मिलाकर एक औद्योगिक जनपद का स्वरूप देने जा रही है? इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना फिलहाल […]
महीना: फ़रवरी 2021
कुछ वर्ष पूर्व पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री माननीय डाॅ. सत्यपालसिंहजी के इस कथन कि मनुष्य की उत्पत्ति बन्दर से नहीं हुई, सम्पूर्ण भारत के बुद्धिजीवियों में हलचल मच रही थी । कुछ वैज्ञानिक सोच के महानुभाव इसे साम्प्रदायिक संकीर्णताजन्य रूढ़िवादी सोच की संज्ञा दे रहे थे। मैं उन महानुभावों से निवेदन करता हूँ […]
INDIA FIRST से साभार कहते हैं कि ‘जब सियार की मौत आती है, शहर की ओर भागता है’ जो जनवरी 29 को इजराइल दूतावास के पास किये धमाके ने साबित कर दिया है। विश्व में इजराइल ही एक ऐसा देश है, जो मुस्लिम देशों से घिरा होना के बावजूद किसी से नहीं डरता। क्योकि उसके […]
ओ३म् ================ मनुष्य इस संसार में भौतिक स्थूल पदार्थों, जो आकार वाले हैं, उन्हें ही अपनी आंखों से देख पाता है। सूक्ष्म भौतिक पदार्थ वायु, अग्नि, आकाश व गैस अवस्था में जल को भी हम इनके होते हुए भी नहीं देख पाते। अग्नि सभी पदार्थों में निहित व छिपी रहती है। बादलों में भी अग्नि […]
गणतंत्र दिवस पर हुई राष्ट्र विरोधी घटना से आहत भारत भक्तों का ह्रदय द्रवित और आक्रोशित हो उठा है। राष्ट्रीय पर्व पर राष्ट्रीय शौर्य के भव्य प्रदर्शन से विश्व को भारत की शक्ति के परिचय के स्थान पर उग्रवादियों का अनेक स्थानों पर हुए हिंसात्मक प्रदर्शन ने हमारी गणतंत्र की परम्परा को कलंकित किया है।आज […]
जे सुशील क्या मैं अकेला हूं जिसे अमेरिका की बदलती राजनीति में पोएट्री और पोएटिक जस्टिस दिख रहा है? हो सकता है मैं अकेला न होऊं ऐसा सोचने में, पर अकेले अपने लैपटॉप पर जोसफ बाइडन और कमला हैरिस को पदभार ग्रहण करते देखकर एक काव्यात्मकता का अनुभव जरूर हुआ है। इस कार्यक्रम से ठीक […]
एन के दुबे यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सिखों की ओर से ‘किला फतह’ की बात कही जाती है। सिख इतिहास बताता है कि सिख योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर, बाबा बघेल सिंह, जस्सा सिंह आहलूवालिया और जस्सा सिंह रामगढ़िया ने मुगलों को कड़ी टक्कर देते हुए उन्हें शिकस्त दी थी। लाल किले […]
कृष्णपालसिंह जादौन भारत का अन्नदाता किसान एक बार फिर सड़क पर है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़क पर उतरने को मजबूर है। किसानों को डर है कि नए कानूनों से मंडिया खत्म हो जाएंगी साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होने वाली खरीदी भी रुक […]
राकेश सैन गांधी जी का विचार था कि अपवित्र साधन व मार्ग से कभी पवित्र लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन खालिस्तान व नक्सलवाद की अवैध संतान मौजूदा किसान आंदोलन प्रारम्भ से ही पवित्रता की विपरीत धुरी पर खड़ा दिखाई दिया। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को अगर आंदोलन मान […]
कुरान की काफिरों के प्रति शिक्षा गांधीजी ने चाहे कितना ही कह लिया कि: – ” ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान ।” पर उनके इस गीत का मुस्लिम साम्प्रदायिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । वह अपने एजेंडा पर काम करती रही । गांधी जी के इस प्रकार के आलाप से वह […]