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गौ और गोवंश

देशहित में नहीं है गौ हत्या

  सुबोध कुमार (लेखक गाय एवं वेद विज्ञान के विशेषज्ञ हैं।) वेदों में गायों के पालन करने से होने वाले लाभों और गायों को मारने से होने वाली हानियों की बड़े ही विस्तार से चर्चा की गई है। आश्चर्यजनक बात यह है कि वेदों ने गौओं के विनाश से होने वाली जिन हानियों की चर्चा […]

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कृषि जगत गौ और गोवंश

सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की संकल्पना है गौ कृषि

  रवि शंकर कहते हैं कि दुनिया को खेती करना राजा पृथु ने सिखाया। महाभारत के अनुसार वह मानव इतिहास के चौथे राजा थे। पहले मनुष्य दूध, कन्दमूल खा-पीकर जीवन यापन करता था या फिर अपने-आप उग आए अनाज खाता था। किन्तु पृथु द्वारा खेती करने का तरीका विकसित करने के बाद से भारत में […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मर्यादा पुरुषोत्तम राम का काल क्या पौने दो करोड़ वर्ष पुराना है?

  (प्रोफेसर ठाकुर प्रसाद वर्मा लेखक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं।) पुराणों के अनुसार विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम का जन्म चौबीसवें महायुग के त्रेतायुग के अन्त और द्वापरयुग की सन्धिकाल में हआ था। इस प्रकार गणना करने पर वे अब से लगभग एक करोड इक्कयासी लाख वर्ष पूर्व हुए थे ऐसी परम्परागत मान्यता है। अलबेरूनी […]

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भारतीय संस्कृति

प्रकृति से ऊर्जा लेता है भारतीय संगीत

  चेतन जोशी (लेखक प्रसिद्घ बाँसुरीवादक हैं।) भारतीय संगीत में स्वर व्यवस्था की उत्पत्ति प्राकृतिक नियमों से हुई है। किसी तार पर जब षड्ज बजाया जाता है, तो उसके साथ अपने आप उत्पन्न होने वाले स्वयंभू स्वर मानव निर्मित नहीं हैं। वे प्रकृति के बनाए हुए हैं। हमने प्रकृति के अनुसार ही स्वरों का स्थान […]

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पर्यावरण पर्व – त्यौहार

कोरोना की काली छाया और मांगलिक कार्यक्रम

  _-राजेश बैरागी-_ कल एक लग्न-सगाई कार्यक्रम में गया। मेजबान ने शहर के सबसे अच्छे बैंक्वेट हॉल में आयोजन किया था।सौ लोगों की सीमित संख्या का आदेश भी नहीं आया था परंतु समारोह से हर्ष उल्लास लापता था। थोड़ा सहज अनुभव कर रहे शासन प्रशासन की पेशानी पर फिर बल पड़ने लगे हैं। दिल्ली में […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया, अध्याय – 16 – ( 2) गांधीवाद और डॉक्टर अंबेडकर

राष्ट्रीय मुसलमान होना भ्रामक है कांग्रेस ने हिन्दू महासभा जैसे राष्ट्रवादी संगठनों के राष्ट्रवादी विचारों का उपहास उड़ाते हुए उस समय कुछ मुस्लिमों के राष्ट्रवादी मुसलमान होने का भी एक पाखण्ड रचा था। जो लोग कांग्रेसी मंच पर आकर हिन्दू महासभा या भारतवर्ष की संस्कृति और इतिहास नायकों को गाली देते थे उन्हें कांग्रेस के […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

भास्कराचार्य ने कुछ इस प्रकार नापा था पृथ्वी की परिधि को

  सुद्युम्न आचार्य [ निदेशक, वेद वाणी वितान, प्राच्य विद्या शोध संस्थान,सतना(म.प्र.)] महाविज्ञानी आर्यभट्ट के ग्रन्थों में भूपरिधि की नाप का विधि का अस्पष्ट निर्देश प्राप्त होता है। 11वीं शताब्दी में भास्कराचार्य ने इसकी विधि का स्पष्ट उल्लेख किया है। इसे ज्ञात करने के लिये प्रमुखत: दो तथ्यों को जानना आवश्यक होता है। प्रथम, किसी […]

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मुद्दा

इतिहास लिखते लोग

  _-राजेश बैरागी-_ प्रत्येक पीढ़ी के लिए इतिहास को जानना दिलचस्प होता है। इतिहास केवल वह नहीं है जिसमें सिकंदर महान से लेकर अकबर महान की कथाएं हैं।रूस और अमेरिका ने अंतरिक्ष में यान भेजने की शुरुआत कब और कैसे की यह भी इतिहास ही है। हालांकि मेरी पोस्ट का आज का विषय अकबर सिकंदर […]

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आज का चिंतन

वेदों के प्रकाश से ही संसार को ईश्वर सहित धर्म आदि विषयों का यथार्थ ज्ञान हुआ है

ओ३म् ========== संसार में किस सत्ता से ज्ञान उत्पन्न व प्राप्त हुआ है? इस विषय का विचार करने पर ज्ञात होता है कि ज्ञान का प्रकाश ज्ञानस्वरूप, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान तथा सृष्टिकर्ता परमात्मा से सृष्टि के आरम्भ में हुआ है। परमात्मा ही ने अपनी सर्वज्ञता, सर्वव्यापकता तथा सर्वशक्तिमान स्वरूप से असंख्य चेतन जीवात्माओं को उनके […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

यदि ऋषि दयानंद नहीं आते तो संसार में वेदों का प्रकाश नहीं होता

ओ३म् ========= महाभारत युद्ध के बाद न केवल देश में अपितु विश्व में अज्ञान छा गया था। महाभारत का युद्ध लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुआ। महाभारत के बाद यज्ञों में पशु हिंसा आरम्भ हुई थी। समय के साथ यज्ञों में विकृतियों में वृद्धि होती गई। वेदों के अध्ययन-अध्यापन की परम्परा भी धीरे-धीरे समाप्त होती […]

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