Categories
कृषि जगत

धरतीपुत्र केंचुआ और हमारी खेती*

आर्य सागर खारी🖋️ केंचुआ सच्चे अर्थों में धरतीपुत्र है,प्राकृतिक खेती का केंचुआ मुख्य आधार है ।जंगल के पेड़ को यूरिया व डीएपी कौन डालता है? किटनाशक का छिड़काव कौन करता है ?पानी कौन देता है ?लेकिन समय आने पर वह पेड़ फलों से लद जाते हैं। आप जंगल के किसी पेड़ के पत्ते को लैब […]

Categories
कृषि जगत

भूजल के प्रति बढ़ती जा रही संवेदनहीनता रहेगी मानवता के लिए घातक

प्रह्लाद सबनानी दिनांक 5 जनवरी 2023 को ‘जल विजन 2047’ कॉन्फ़्रेन्स को सम्बोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय […]

Categories
कृषि जगत

आचार्य कौटिल्य (चाणक्य) की गोचर भूमि , खुले छूटे हुए पशुओं को लेकर व्यवस्था* _____________________

आर्य सागर खारी🖋️ आज उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में खुला छुटे हुए पशु एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं खेत खलियान से लेकर राजमार्गों तक स्वच्छंद घूमते पशुओं के समूह आपको दिख जाएंगे| गोवंश की बदहाली इसमें किसी से छुपी नहीं है गौमाता राजमार्गों पर चोटिल हो रही है तो कहीं ट्रेन की […]

Categories
कृषि जगत हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सुपर कृषक बनने का मार्ग: सुपर फ़ूड मोटे अनाज की प्राकृतिक कृषि

23 दिसंबर: राष्ट्रीय किसान दिवस पर विशेष प्रवीण गुगनानी देश में मोटे अनाजों की कृषि, उत्पादन व उपभोग को पर केंद्रित इस लेख के पूर्व यह कविता पढ़िए – यह रागी हुई अभागी क्यों? चावल की किस्मत जागी क्यों? जो ‘ज्वार’ जमी जन-मानस में, गेहूँ के डर से यह भागी क्यों? यूँ होता श्वेत ‘झंगोरा’ […]

Categories
कृषि जगत

जैसा मीठा ईख : वैसी ही मीठी कहानी

ईख या गन्‍ना। सांठा या हांठा। सुगरकेन के नाम से इसे पूरी दुनिया में जाना जाता है। कार्तिक में रस से लबालब हो जाता है और अपने सिर पर दूल्हे की तरह मौर बांध लेता है। लक्ष्‍मीदेवी, गौ और गोवर्धन की पूजा के लिए इसका भी प्रयोग होता है, लिहाजा जड से कटकर बाजार में […]

Categories
कृषि जगत स्वास्थ्य

*गेहूं की तोंद*

गेहूं की तोंद* गेंहू मूलतः भारत की फसल नहीं है, ये यूरोप से होता हुआ भारत तक आया था। अमेरिका के एक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं डॉ. विलियम डेविस, उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, वर्ष 2011 में, जिसका नाम था “Wheat belly” (गेंहू की तोंद)यह पुस्तक अब फूड हैबिट पर लिखी सर्वाधिक चर्चित पुस्तक बन […]

Categories
कृषि जगत स्वास्थ्य

बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे

बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं। 1 — बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता। 2 — बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है। 3 — […]

Categories
कृषि जगत

प्राचीन भारत में चावल और चावल की खेती का महत्व

चावल का जिक्र किसी भी बाइबिल में नहीं आता, ईजिप्ट की सभ्यता भी इसका जिक्र नहीं करती। पश्चिम की ओर पहली बार इसे सिकंदर लेकर गया और अरस्तु ने इसका जिक्र “ओरीज़ोन” नाम से किया है। नील की घाटी में तो पहली बार 639 AD के लगभग इसकी खेती का जिक्र मिलता है। ध्यान देने […]

Categories
कृषि जगत

प्राचीन भारत में कृषि खेती : रकेशर यानी ऋषि जो चंद्रेश्वर है !

#ऋषि_पंचमी लोक हमेशा शास्त्र की व्यावहारिक पृष्ठभूमि को धारण करता है। शास्त्र के सत्य लोक से अधिग्रहित होते हैं और कहीं न कहीं उनका व्यावहारिक पक्ष प्रकट रूप होता ही है। पूर्वजों की स्मृति का पर्व ऋषि पंचमी है। अनेक स्थानों पर इस दिन सरोवर या नदी के तट की पवित्र मिट्टी से सप्त ऋषि […]

Categories
कृषि जगत

भारतीय संस्कृति की महानता : ऋषि या कृषि पंचमी ?

भादौ की पंचमी को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मैं अकसर देखता हूं कि इस दिन व्रतार्थी महिलाएं अपने घर के आसपास खड़ी वनस्‍पति को खोजने जाती हैं। सांवा, मलीचि, अपामार्ग, दूर्वा आदि को खोजती है और उखाड़कर ले आती है। घर पर उनको पीले परिधान या धागों में लपेटती हैं और […]

Exit mobile version