देश के एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में आज तक सम्मानित रहे लालबहादुर शास्त्री ने जब देश का नेतृत्व किया था, तो उन्होंने देश को ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर देश में जवान और किसान की महत्ता को स्थापित करने पर बल दिया था। उनका मानना था कि देश की सीमा पर जवान और […]
महीना: अगस्त 2014
राकेश कुमार आर्यनेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा नाम है जिस पर हर भारतीय को नाज है। उनके बारे में वीरता के ऐसे कथोपकथन हम सबने सुने हैं, जिन पर हम सब देशभक्ति के भावों से भर जाते हैं। सामान्यत: ऐसे वीर पुरूषों के देशभक्ति के जज्बे को देखकर लोग कभी […]
प्रस्तुति पं. बाबा नंदकिशोार मिश्र हिंदू महासभा 1939 में ही स्वातंन्त्रय वीर सावरकर द्वारा दिये गये एक सुस्पष्ट आहवान का पुन: उद्घोष करती है कि राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनिकीकरण किया जाए। यद्यपि हिंदू महासभा के उपरोक्त आदर्श का प्रारंभ में कांग्रेस ने उपहास किया था किंतु 1962 ई. में उसके सामने भी […]
डिप्रेशन, मंदबुद्धि/ हकलाना, पढ़ाई या काम में मन न लगना प्रस्तुति : राकेश आर्य बागपतशंखपुष्पी (डिप्रेशन/ मंदबुद्धि/ हकलाना/ सीजोफ्ऱेनिया/ पढ़ाई या काम मे मन न लगना की 100 प्रतिशत सफल ओषधि)वैज्ञानिक नाम-कन्वॉल्व्यूलस प्लूरीकॉलिसशंख के समान आकृति वाले श्वेत पुष्प होने से इसे शंखपुष्पी कहते हैं । इसे क्षीर पुष्प (दूध के समान सफेद फूल वाले) […]
प्रसिद्घ इतिहासकार एच. जी. वैल्स ने कहा है कि-‘‘शिक्षा समाज के हित का एक सामूहिक कार्य है, केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नही है। मानव इतिहास शिक्षा और विनाश के बीच होने वाली दौड़ है।’’इस इतिहासकार का यह कथन विचार करने योग्य है कि मानव इतिहास शिक्षा और विनाश के बीच होने वाली दौड़ है। भारत […]
गतांक से आगे…..नेहरू द्वारा शेख अब्दुल्ला को भारतीय सेना की कमान सौंपने की प्रथम ऐतिहासिक भूल:नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को उस भारतीय सेना की कमान सौंपी जो महाराजा हरिसिंह की मांग पर जम्मू-कश्मीर भेजी गयी थी और जिसका लक्ष्य पाकिस्तानी आक्रमणकारियों पर विजय प्राप्त करना था। शेख अब्दुल्ला 1931 से ही मुस्लिम कांफ्रेंस बनाकर जम्मू-कश्मीर […]
भारत में न्याय के विषय में विभिन्न नीति-वाक्यों की रचना की गयी। जिनसे कई मुहावरों का भी निर्माण हो गया। यदि इन नीति-वाक्यों को या मुहावरों के ध्वंसावशेषों को एक साथ जोडक़र देखा जाए तो न्याय के विषय में हमारे ऋषि पूर्वजों का बहुत ही उत्तम चिंतन उभरकर सामने आता है। वैसे न्याय के भी […]
(9 अगस्त:- विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में) निर्भय कुमार कर्ण जल, जंगल और जमीन से जानने-पहचानने वाले आदिवासी दुनियाभर में हैं लेकिन अब उनका अस्तित्व खतरे में है। न केवल संस्कृति, रहन-सहन यहां तक कि भाषा में भी बदलाव आने लगा है जिससे उनकी पहचान आगामी वर्षों में मिटने की संभावनाएं दिख रही है। […]
कुछ चीजें भगवान ने हमें नहीं दी हैं, उनका आविष्कार हम महान मनुष्यों ने कर लिया है। हमारी कई सारी आदतें ऎसी हैं जिनका हमारे पूरे जीवन या रोजमर्रा के काम-काज से किसी प्रकार का प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता, मगर हमने उन्हें इतना अपना रखा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। इन्हीं ढेरों आदतों […]
विशेष साक्षात्कारकेन्द्रीय रेल मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा के साथ केन्द्रीय रेल मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले से हैं और इस समय वे लोकसभा में बंगलौर उत्तरी निर्वाचन-क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अपना राजनैतिक जीवन जनसंघ सदस्य के रूप में किया और भाजपा का प्रतिनिधित्वन करते हुए उन्होंने […]