Categories
संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिन्दू और दुर्बल होती मुगल सत्ता के साथ आ धमके अंग्रेज

पुन: मेवाड़ की ओर अब हम एक बार पुन: राजस्थान के मेवाड़ के उस गौरवशाली राजवंश की ओर चलते हैं जिसकी गौरव गाथाओं को सुन-सुनकर प्रत्येक भारतवासी के हृदय में देशभक्ति मचलने लगती है। जी हां, हमारा संकेत महाराणा राजवंश की ओर ही है। जिसके राणा प्रताप के विषय में 1913 ई. में अपनी पत्रिका […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

हिन्दू महासभा से…

आज राष्ट्र के समक्ष विभिन्न ज्वलंत समस्याएं हैं। देश में सर्वत्र अराजकता की सी स्थिति है। राजनीतिज्ञ धर्महीन, धर्मनिरपेक्ष होकर पथभ्रष्ट हो गये हैं। लोगों का राजनीति और राजनीतिज्ञों से विश्वास भंग हो चुका है, क्योंकि राजनीति और राजनीतिज्ञ आज व्यक्ति का शोषण कर रहे हैं और अधिकारों का दोहन कर रहे हैं। जबकि उनसे […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-4

भारत बनाम इण्डिया जिस प्रकार अंग्रेजों के आगमन से सदियों वर्ष पूर्व से इस देश को इंडिया कहा जाता था, उसी प्रकार मुस्लिमों के आगमन से सदियों पूर्व इसे हिंद भी कहा जाता था। हजरत मोहम्मद साहब से 1700 वर्ष पूर्व हुए प्रसिद्घ कवि ‘लबि बिन अखताब’ की कविताओं का सम्मेलन अब्बासी खलीफा हारून रशीद […]

Categories
संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-5

इन सारी विकृतियों से मुक्त समाज ‘आर्य समाज’ ही होगा। उसे चाहे आप जो नाम दे लें। किंंतु वह समाज वास्तव में मानव समाज कहलाएगा। जिसकी ओर बढऩे के लिए हमको वेद ने आदेशित करते हुए कहा कि-‘मनुर्भव:’ अर्थात मनुष्य बन। श्रेष्ठ मानव समाज और कर्म और विज्ञान के समुच्चय में विश्वास रखने वाले मानव […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-3

जब तक ये तथ्य हमारे सामने नहीं लाये जाएंगे-तब तक हमारे भीतर इस शब्द को अपनाने में हीन भाव बना रहेगा। वस्तुत: हिन्दू एक चुनौती का नाम है, जिसका पर्याय काला, काफिर आदि हो ही नहीं सकते। यह चुनौती वही है जो मध्यकाल में हमारे पूर्वजों द्वारा विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं को दी जाती रही, और […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय, भाग-2

आर्य ईश्वर पुत्र है। इस प्रकार आर्यत्व एक जीवनशैली है जो जीवन को उत्कृष्टता में ढालती है। उसमें नियमबद्घता, क्रमबद्घता, शुचिता, परोपकारिता, उद्यमशीलता आदि के भाव जागृत कर उसे उच्चता प्रदान करती है। इसीलिए ‘कल्पद्रुम’ में आर्य शब्द का अर्थ पूज्य, श्रेष्ठ, धार्मिक, उदार, कल्याणकारी और पुरूषार्थी कहा है तथा निरूक्त में-‘श्रेष्ठ सज्जन साधव:’ कहकर […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र भारतीय संस्कृति राजनीति संपादकीय

आर्य (हिन्दू) की व्याख्या और ऊर्जा का अपव्यय

वेद उस घाट का नाम है जहां पूरा हिन्दू समाज जाकर अपनी ज्ञान की प्यास बुझाता है। इस घाट से कोई भी व्यक्ति बिना तृप्त हुए नहीं लौटता। सभी स्नातक होकर लौटते हैं, अर्थात स्नान कर लौटते हैं और यह स्नान आत्मिक ज्ञान का स्नान है। जिसमें आत्मा पूर्णानन्द की अनुभूति करता है। ऐसा स्नान […]

Categories
विशेष संपादकीय संपादकीय

हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान और हिन्दू राष्ट्र

हिन्दुत्व के विषय में उच्चतम न्यायालय ने ‘शास्त्री यज्ञपुरूष दास और अन्य विरूद्घ मूलदास भूरदास वैश्य और अन्य (1966 एससीआर 242)’ में कहा है-”जब हम हिंदू धर्म के विषय में सोचते हैं तो हमें हिंदू धर्म को परिभाषित करने में कठिनाई अनुभव होती है। विश्व के अन्य मजहबों के विपरीत हिंदू धर्म किसी एक दूत […]

Categories
समाज

ध्वनि प्रदूषण न हिन्दू न मुस्लिम,केवल हानिकारक

अनेकता में एकता जैसी विशेषता के लिए जो भारतवर्ष पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता था वही भारतवर्ष इन दिनों जातिवादी तथा क्षेत्रवाद जैसी विडंबनाओं का शिकार हो रहा है। वर्ग विशेष के लोग अपने ही समाज के किसी दूसरे वर्ग के लोगों पर निशाना साधने के कोई न कोई बहाने तलाश कर रहे […]

Categories
राजनीति

आखिर क्यों धधक रहा ‘हिन्दू राष्ट्र’ नेपाल?

अवधेश कुमार नेपाल हिंसा में झुलस रहा है। भारत से लगे मधेस इलाकों में आंदोलन के हिंसक होने के बाद लागू कफ्र्यू तक से अंतर नहीं आया। लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन उनका सडक़ों पर आना रुका नहीं है। उनकी नाकेबंदी के चलते भारत से सामान की आपूर्ति बाधित हो रही है। विचित्र […]

Exit mobile version