डॉ0 वेद प्रताप वैदिक कांग्रेस को क्या हो गया है? वह एक स्वस्थ विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभाना चाहती है? संसद का यह पूरा सत्र ही उसने लगभग बर्बाद कर दिया। उसने ऐसे-ऐसे विधेयकों का विरोध किया, जो उसने स्वयं सत्ता में रहते हुए पेश किए थे। उसने अपने लगाए पौधों को ही उखाड़ने […]
महीना: अगस्त 2014
आचार्य बालकृष्ण वैज्ञानिक तकनीक के विकास के पूर्व कहीं भी शक्कर खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त नहीं की जाती थी। मीठे फलों अथवा शर्करायुक्त पदार्थों की शर्करा कम-से-कम रूपान्तरित कर उपयुक्त मात्रा में प्रयुक्त की जाती थी। इसी कारण पुराने लोग दीर्घजीवी तथा जीवन के अंतिम क्षणों तक कार्यसक्षम बने रहते थे। आजकल लोगों में भ्रांति […]
कच्चे पपीते में विटामिन ‘ए’तथा पके पपीते में विटामिन ‘सी’ की मात्रा भरपूरपायी जाती है। आयुर्वेद में पपीता (पपाया) को अनेक असाध्यरोगों को दूर करने वाला बताया गया है।संग्रहणी, आमाजीर्ण, मन्दाग्नि, पाण्डुरोग(पीलिया), प्लीहा वृध्दि, बन्ध्यत्व को दूर करनेवाला, हृदय के लिए उपयोगी, रक्त के जमाव मेंउपयोगी होने के कारण पपीते का महत्व हमारे जीवन केलिए […]
कमर दर्द से सभी का सामना होता है | आजकलकी व्यस्त जीवन शैली में कई बार शरीर में कमर दर्दकी समस्या उत्पन्न हो जाती है | यह अधिकतर उनलोगों में होता है जो अधिक समय तक खड़ेहोकर,बैठकर या गलत तरीके से बैठकर और लेटकर कार्यकरते हैं | अधिक मुलायम गद्दे पर बैठने और सोने से […]
1.जितना कमाएँ उससे कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनायें, जिन्दिगी खुशियों से भर जायेगी। 2. दिन में कम से कम 3 लोगो की प्रशंसा करें, फिर देखें अपने दिल का आनंद। 3. खुद की भूल स्वीकारने में कभी भी संकोच न करें। 4. किसी के सपनो पर कभी भी न हंसे। 5. अपने पीछे खडे […]
नई दिल्ली 08 अगस्त, 2014। लोकसभा में शून्य काल के दौरान बीकानेर सांसद श्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर क्षेत्र में स्थिति ऊन मंडी का मुद्दा उठाते हुए बताया कि ऊन का उत्पादन प्रत्येक मौसम में होता है और इसी कारण बीकानेर को एषिया की महत्वपूर्ण ऊन मंडी के नाम से जाना जाता है। ऊन […]
डॉ0 सौरभ मालवीय ‘सामाजिक संवाद और टीवी पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित सत्र में आजतक न्यूज चैनल्स के एंकर सईद अंसारी ने कहा कि अपने आंख और कान खुले रखकर ही आप अच्छे पत्रकार बन सकते हैं। न्यूज चैनल्स में सिर्फ एंकर और रिपोर्टर ही नहीं होते हैं बल्कि कई और भी मौके हैं। पत्रकारिता मंग […]
नई दिल्ली, अगस्त 8, 2014। गीता के ज्ञान को पाठ्यक्रम में शामिल करना आज की महती आवश्यकता है। विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली के महा मंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव ने आज एक बैठक के बाद कहा कि गीता व महा भारत की शिक्षाएँ यदि बाल मन में ही घर कर गईं होतीं तो आज […]
इंसान और पशु में यही फर्क है कि इंसान को सामाजिक प्राणी कहा जाता है और पशुओं को जंगली और पालतू दो वर्गों में बांट दिया गया है। संवेदनशीलता के लिहाज से सभी बराबर होते हैं, अभिव्यक्ति का अपना तरीका अलग-अलग हो सकता है। मनुष्य का शरीर धारण कर लेना अलग बात है। यह किसी […]
जेठमल जैन एडवोकेट यह कहावत प्रचलित थी कि पहले भारत में घी-दूध की नदियां बहती थीं। यानि भारत देश में इतना गोधन था कि प्रत्येक व्यक्ति को पीने को पर्याप्त मात्रा में शुद्घ दूध एवं खाने को शुद्घ घी मिल जाता था। हर घर में एक या अधिक गाय बंधी होती थीं। न आज जैसी […]