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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा

गतांक से आगे…..सोमक साहदेव्यइसी प्रकार का दूसरा अलंकार ऋग्वेद 4-15 में आए हुए सोमक: साहदेव्य: के विषय का है। जिस पर यहां थोड़ा सा प्रकाश डालने की आवश्यकता है। रायबहादुर चिंतामणि विनायक वैद्य एम.एम. लिखते हैं कि ये सोमक सहदेव महाभारत कालीन व्यक्ति हैं।महाभारत मीमांसा पृष्ठ 107 पर वैद्य जिन सहदेव सोमक का जिक्र करते […]

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आज का चिंतन

आज का चिंतन-08/05/2014

चर्चा उसी से करें जिससे उसका संबंध हो – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   आजकल हर जगह अजीब सी बात ये हो रही है कि हम लोग अपनी बातें मन-तन से बाहर निकालने के लिए उनके सामने रोना रो लिया करते हैं जिनका इससे कोई संबंध नहीं होता। जिन लोगों का हमारी किसी बात से […]

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संपादकीय

बी.बी.सी. चुप ही रहे तो अच्छा है

भारत प्राचीन काल से ही पन्थनिरपेक्ष देश रहा है। क्योंकि इसकी राज्य व्यवस्था का मूल आधार समग्र समाज की मंगल कामना रही है। राज्योत्पत्ति के लिए अथर्ववेद (19-41-1) में आया है :-भद्रमिच्छन्त ऋषय: स्वर्विदस्तपा दीक्षां उपनिषेदुरग्रे।ततो राष्ट्रं बलमोजश्च जातं तदस्मै देवा उपसंनमस्तु।।अर्थात समग्र समाज के कल्याण की कामना करते हुए क्रांति दर्शी (ऐसे राष्ट्र चिंतक […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-07/05/2014

नौकरों के भरोसे बिगड़ेगी ही संतत – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   जो काम हमारे खुद के लिए निर्धारित हैं उन्हें हमेंं ही करना चाहिए, औरों के भरोसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यह बात जितनी कहने में सरल और सटीक है उतनी अनुकरण करने में कठिन है। हममें से अधिकांश लोग ऎसे हैं जो […]

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बिखरे मोती

बिखरे मोती-भाग 49

महापुरूष संसार में, परमपिता के फूलगतांक से आगे….आप प्रसन्न हैं तो संसार का धन वैभव ऐश्वर्य तो स्वत: ही मेरे पीछे पीछे दौड़ा आएगा और यदि आप किसी बात पर नाराज हो गये तो सब कुछ मिल हुआ भी छिन जाएगा। जैसे कोई पिता अपने पुत्र के आचरण से प्रसन्न होता है तो वह सहज […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भयंकर झंझावातों के मध्य भी हमारी जीवन्तता बनी रही

जब तुर्कों के सामने राजपूतों की पराजय के कारणों का उल्लेख किया जाता है, तो सामान्यतया भारतीयों की जातिगत सामाजिक व्यवस्था को भी हर इतिहासकार दोषी मानता है। डा. ईश्वरी प्रसाद लिखते हैं :-”इन दोनों जातियों का संघर्ष दो भिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं का संघर्ष था। एक पुरानी व्यवस्था (हिन्दुत्व) पतनोन्मुख थी, और दूसरी यौवनपूर्ण तथा […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-06/4/2014

चित्रकथाओं से जगाएँ नई पीढ़ी में स्वाध्याय – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   मोबाइल, इंटरनेट और टीवी की  दीवानी हो चली नई पीढ़ी हमारी पुरातन व परंपरागत सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं की आभा से दूर होती जा रही है और इसी का परिणाम है कि हम सभी लोग अपनी जड़ों से दूर होते जा […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

रक्त-रंजित मुद्रा की चकाचौंध-7

गतांक से आगे…….यदि करने लग जाए तो उनकी किस्मत का सितारा बुलंद हो जाए। एक सवेरे महाराष्ट्र के जलगांव और बुलढाणा जिले के लोगों ने आकाश में एक हेलीकॉप्टर उड़ता हुआ देखा। उसमें से खेतों पर कुछ पाउडर गिराया जा रहा था। पूछने पर पता लगा कि वीपी नाइक की सरकार के कृषि विभाग ने […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

भारत का भूगोल

भारत की स्थिति-भारत एशिया महाद्वीप में दक्षिणी भाग में 8 डिग्री सेल्सियस 4 से 37 डिग्री सेल्सियस 6′ उत्तरी अक्षांश तक फेेला हुआ है। पूर्व में पश्चिम तक यह 68 डिग्री सेल्सियस 7′ से 97डिग्री सेल्सियस 25′ पूर्वी देशांतर तक स्थित है। कर्क रेखा इसके मध्य से गुजरती है। इसकी लंबाई पूर्व से पश्चिम तक […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-03/05/2014

असली इंसान नहीं आते औरों के प्रभाव में – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com भगवान ने हर इंसान को बुद्धि दी है और उस न्यूनाधिक बुद्धि का इस्तेमाल कर वह जमाने भर मेंं अपने आपको कहीं न कहीं चला लेता है, कमा खाता है। अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग भी अलग-अलग इंसानों में अलग-अलग […]

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