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इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 12 ( क ) महान विजेता महाराणा संग्राम सिंह

महान विजेता महाराणा संग्राम सिंह मेवाड़ के जिन परम प्रतापी महाराणाओं का इतिहास में विशेष और सम्मान पूर्ण स्थान है, उनमें महाराणा संग्राम सिंह का नाम अग्रगण्य है। इनके भीतर देशभक्ति का भाव कूट-कूट कर भरा था। इनका पराक्रम ,शौर्य और साहस समस्त देशवासियों के लिए गर्व और गौरव का विषय है। मेवाड़ के इस […]

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महाराणा उदय सिंह प्रथम और महाराणा रायमल

महाराणा कुंभा जैसे वीर पराक्रमी और संस्कृति प्रेमी शासक के यहां उदय सिंह जैसा नैतिक मूल्यों से हीन पुत्र जन्मा। जिसने भारतीय इतिहास की उज्ज्वल परंपरा को कलंकित करते हुए अपने पिता की हत्या की। वास्तव में उदा सिंह मेवाड़ के गौरवशाली राजवंश का एक कलंक है। इस शासक को उदय और ऊदा के नाम […]

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महर्षि दयानन्द जी के विषय में विभिन्न महापुरुषों के विचार एवं कथन

‘महर्षि दयानन्द जी के विषय में विभिन्न महापुरुषों के विचार एवं कथन 1. महर्षि दयानन्द स्वराज्य के सर्वप्रथम सन्देशवाहक तथा मानवता के उपासक थे। लोकमान्य तिलक मैंने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा और उससे मेरे जीवन का लक्ष्य बदल गया। आर्य समाज के सिद्धांत सार्वभौमिक हैं। उन्हें हराने की किसी में शक्ति नहीं है। हुतात्मा रामप्रसाद बिस्मिल […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 10 (ख) गुजरात और नागौर के बीच युद्ध

गुजरात और नागौर के बीच युद्ध गुजरात और नागौर के बीच भी कई युद्ध हुए। 1456 ई0 में सुल्तान कुतुबुद्दीन ने नागौर पर चढ़ाई की परंतु उसको हार का सामना करना पड़ा था। 1457 ई0 में गुजरात और मालवा के सुल्तान चंपानेर नामक स्थान पर मिले और समझौता किया कि मिलकर मेवाड़ पर आक्रमण किया […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

1857 की क्रांति के जनक थे स्वामी दयानंद जी महाराज

महर्षि दयानंद की 200 वी जयंती पर विशेष आलेख गुजरात प्रांत की भूमि युगों युगों से महापुरुषों को पैदा करती आई है जिसनेअनेक महापुरुष भारत मां की गोद में रतन के रूप में प्रदान किए हैं। भारतवर्ष का गुजरात प्रांत बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। जिसका क्षेत्रफल बहुत ही विस्तृत, विशाल और विशद था। वर्तमान […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 10 (क) महाराणा कुम्भा ( 1433 – 1468 ई० )

महाराणा कुम्भा ( 1433 – 1468 ई० ) मेवाड़ के महाराणा मोकल के पश्चात उनके वीर पुत्र महाराणा कुंभा ने 1433 ई0 में मेवाड़ का राज्य भार संभाला। महाराणा कुंभा का भी मेवाड़ के राणा वंश के शासकों में प्रमुख स्थान है। उन्होंने अपने शासनकाल में कई ऐसे महान कार्य किए जिन्होंने उनकी कीर्ति को […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 9 ( ख ) एक अजीब घटना घटित हुई

एक अजीब घटना घटित हुई ऐसे वीर पराक्रमी महाराणा मोकल सिंह के जन्म और बचपन की कहानी को भी यहां उद्धृत करना आवश्यक है। उनके जन्म और बचपन की कहानी का उल्लेख कर्नल टॉड ने किया है। वह अपनी पुस्तक राजस्थान का इतिहास भाग – 1 में इस पर प्रकाश डालते हुए लिखते हैं कि […]

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मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 9 ( क ) महाराणा क्षेत्र सिंह से महाराणा मोकल सिंह तक

महाराणा क्षेत्र सिंह से महाराणा मोकल सिंह तक महाराणा हमीर सिंह के देहांत के पश्चात उनके पुत्र महाराणा क्षेत्र सिंह ने सत्ता भार संभाला। महाराणा हमीर सिंह ने बहुत अधिक सीमा तक मेवाड़ को एक सुव्यवस्थित राज्य में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की थी। इस प्रकार महाराणा क्षेत्र सिंह को एक सुव्यवस्थित विरासत उत्तराधिकार […]

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इतिहास के पन्नों से समाज

कर्म के नियम*: *मेरी पत्‍नी बहुत कुरूप है, क्या करूं*?

कर्म के नियम* मेरी पत्‍नी बहुत कुरूप है। क्या करूं? गजब के प्रश्‍न पूछते हो। अब मैं कोई प्‍लास्‍टिक सर्जन थोड़े हूं। अगर पत्‍नी कुरूप है, तो ध्‍यान करो पत्‍नी पर—लाभ होगा। सुंदर स्‍त्री खतरे में ले जाए; कुरूप न कभी खतरे में नहीं ले जाए। इस मौके को चूको मत सुकरात से किसी ने […]

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इतिहास के पन्नों से

कहानी महान हिंदू सम्राट हर्षवर्धन की

​चीन से रिश्ता जोड़ा, कुंभ मेला से भी कनेक्‍शन… दीपक वर्मा हर 12 साल पर लगने वाला कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा मेला है। माना जाता है कि कुंभ मेला का इतिहास करीब 2,000 साल पुराना है। चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा विवरणों में कुंभ मेला का जिक्र मिलता है। ह्वेनसांग 629 में भारत […]

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