महाराणा रतन सिंह, विक्रमादित्य और बनवीर मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह के पश्चात उनके उत्तराधिकार को लेकर युद्ध आरंभ हो गया था। इस संबंध में कर्नल टॉड का कथन है कि :- “राणा संग्राम सिंह के भी अनेक रानियां थीं। राणा के मरने के पश्चात सभी रानियां अपने- अपने लड़कों को राज्यसिंहासन पर बैठाने का […]
श्रेणी: इतिहास के पन्नों से
महाराणा की कठोर प्रतिज्ञा शौर्य और साहस की उस प्रतिमूर्ति ने उस समय यह कठोर प्रतिज्ञा ली कि जब तक विदेशी शत्रु को परास्त नहीं कर दूंगा तब तक चित्तौड़ नहीं लौटूंगा। उनका संकल्प था कि चित्तौड़ की प्राप्ति तक वह नगर या ग्राम में नहीं जाएंगे। भूमि पर शयन नहीं करेंगे और सिर पर […]
अश्विनी उपाध्याय हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं लेकिन हमारे प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक स्थल आज भी क्रूर विदेशी आक्रमणकारियों, उनके नौकरों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। आक्रमणकारियों ने न केवल सामान्य स्थानों का नाम बदला बल्कि जानबूझकर हमारे प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों का नाम भी बदल दिया […]
क्या मनु महाराज और आदम एक है? – आर्य मिलन ‘अवत्सार’ मदनी के अनुसार मनु और आदम एक है। जो ब्रह्मा आदि से पूर्व हुए है। आइए इनके बारे में थोड़ा जानते है। मनु कोई एक मानव का नाम नहीं, ये उपाधि है। हर काल खंड मनु हुए है। जबकि यवन मान्यता के अनुसार प्रथम […]
अदम्य साहसी थे महाराणा संग्राम सिंह महाराणा संग्राम सिंह और बाबर का सामना फतेहपुर सीकरी के निकट खानवा नामक स्थान पर हुआ था। राणा संग्राम सिंह ने उस दिन उसके लिए विशेष व्यूह रचना की थी। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि बाबर व्यूह रचना का विशेषज्ञ था। उसने जिस प्रकार एक विशेष व्यूह रच […]
भारत में जिहादी परंपरा कब से आरंभ हुई? ओमप्रकाश विर्लेय अपनी पुस्तक “भारतीय इतिहास के गौरव क्षण” के पृष्ठ 57 पर लिखते हैं “बाबर ने महाराणा सांगा के साथ जो युद्ध किया, उसका नाम उसने जेहाद दिया था। मुसलमानों ने अन्य धर्मावलंबियों के विरुद्ध जो युद्ध जब भी कहीं और किसी भी समय किए, उनमें […]
अपनों से मिले सहयोग और विश्वासघात कर्नल टॉड ने भारत के वीर शूरमा महाराणा संग्राम सिंह और विदेशी आक्रमणकारी बाबर के मध्य हुए बयाना के युद्ध पर प्रकाश डालते हुए हमें बताया है कि :- “बाबर दिल्ली का राज्य प्राप्त करके बड़ी बुद्धिमानी के साथ सैनिक शक्तियों का संगठन करता रहा और उसके पश्चात 1500 […]
फिर बाबर को किसने बुलाया ? यदि बाबर को महाराणा संग्राम सिंह ने भारत पर आक्रमण करने के लिए नहीं बुलाया था तो फिर उसे बुलाया किसने था ? यह प्रश्न बड़ा स्वाभाविक है। यदि हम इस प्रश्न पर विचार करते हैं तो पता चलता है कि भारत पर आक्रमण करने की बात जब बाबर […]
पराक्रमी महाराणा संग्राम सिंह और उनके युद्ध मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह उपनाम राणा सांगा का इतिहास हसन खान मेवाती जैसे देशभक्त मुस्लिम शासकों के बिना अधूरा है। हसन खान मेवाती एक महत्वाकांक्षी मुस्लिम राजपूत शासक होने के साथ-साथ एक देशभक्त मुस्लिम भी था। उनके वंश के शासकों ने लगभग 150 वर्षों तक मेवात पर […]
— वीर सावरकर ऐलन ओ. ह्यूम का नाम भारतीय राजनीति में प्रचलित रहा है और आज भी प्रचलित है! क्योंकि कालांतर में उसी ह्यूम ने आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नाम से ख्यात- कुख्यात राजनीतिक संगठन की नींव रखी थी ! अलीगढ़ और मैनपुरी की क्रांति का समाचार जब इटावा नगर के प्रमुख मजिस्ट्रेट तथा जिला […]