गोविंद बल्लभ पंत ( जन्म:10 सितम्बर 1887; मृत्यु: 7 मार्च, 1961) उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 15 अगस्त, 1947 से 27 मई, 1954 तक रहा। बाद में ये भारत के गृहमंत्री भी (1955 -1961) बने। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा […]
श्रेणी: हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष
जब मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण की सूचना राजा दाहिर सेन को प्राप्त हुई तो उन्होंने पहले से ही अपनी रक्षा तैयारियां करनी आरम्भ कर दी थीं। उस समय राजा दाहिर सेन ने बहुत ही दूरदर्शिता और कूटनीतिक दृष्टिकोण से कार्य किया। उन्होंने देश ,धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए उन सभी शक्तियों का […]
ललित गर्ग डॉ. राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, जो मद्रास, अब चेन्नई से लगभग 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, 5 सितंबर 1888 को हुआ था। वे एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे। वह बचपन से ही मेधावी थे। भारत के राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का दार्शनिक चिन्तन, […]
#डॉविवेकआर्य एक मित्र ने शंका के माध्यम से पूछा कि क्या आप श्री कृष्ण जी को भगवान् मानते है? मेरा उत्तर इस प्रकार से है- महाभारत में श्री कृष्ण जी के विषय में लिखा है- वेद वेदांग विज्ञानं बलं चाप्यधिकं तथा। नृणां हि लोके कोSन्योSस्ति विशिष्ट: ।। अर्थात आज के समुदाय में वेद वेदांग के […]
आज हम अपने देश के महान इतिहासनायक, युगपुरुष योगिराज श्री कृष्ण जी की 5250 वी जयंती मना रहे हैं। इस राष्ट्र नायक के राष्ट्रवादी स्वरूप को स्थापित न करके उसे छलिया, चूड़ी बेचने वाला श्याम आदि बनाकर जिस प्रकार पाखंड चलाया गया है उससे हमारे देश का बहुत अहित हुआ है। आज अपने इस योगीराज […]
यही कारण है कि राजा दाहिर सेन को जब विदेशी शत्रु आक्रमणकारी अरबों के विषय में यह समाचार मिला कि वे सिन्ध पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहे हैं तो उन्होंने भी युद्ध का सामना करने की तैयारी करना आरम्भ कर दिया। वैसे भी भारत में मानवता के शत्रुओं से युद्ध करना धर्म युद्ध […]
अमृता गोस्वामी 16 वर्ष की आयु में राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद की पार्टी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी से जुड़ गए। इस क्रांतिकारी दल में राजगुरू को ‘रघुनाथ’ और ‘एम महाराष्ट्र के नाम से जाना जाता था। यहां पर ही राजगुरू की मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से भी हुई। भारत में ऐसे हजारों वीर सपूतों ने […]
अमृता गोस्वामी नेताजी की शैक्षणिक योग्यता अप्रतिम थी। 1940 में कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में नेताजी ने एक अत्यंत ओजस्वी भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा “स्वतंत्रता संग्राम के मेरे साथियों! स्वतंत्रता बलिदान चाहती है. आप ने आजादी के लिए बहुत त्याग किए हैं, किंतु अपनी जान की आहुति अभी बाकी है। आज हम जिस […]
अरबों से राजा की पहली भिड़ंत चोरी, डकैती, हत्या और बलात्कार – भारत में अरब आयातित दुर्गुण रहे हैं । उससे पहले भारत में इन दुर्गुणों के बारे में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था। जब अरब के लोगों का भारत के साथ सम्पर्क हुआ और कालांतर में अरब या अरबी धर्म […]
युद्धवीर सिंह लांबा बंगाल में उभरते हुए राष्ट्रीय आन्दोलन को नष्ट करने के लिए 16 अक्टूबर 1905 को लार्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। 1905 में हुए बंगाल विभाजन के बाद तो खुदीराम बोस क्रांतिकारी सत्येन बोस की अगुवाई में क्रांतिकारी बन गए। ‘आओ झुक कर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में ये […]