Categories
भारतीय संस्कृति

गायत्री मंत्र और मानव जीवन में शांति की प्रार्थना

विवेकी मनुष्य व्यवहार से निवृत्त होकर परमार्थ में प्रवृत्त होते हैं ।जिसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह पहाड़ों की गुफाओं में एकांत में जाकर ही साधना में लीन हो बल्कि गृहस्थ आश्रम में रहते हुए अपनी साधना एवं सदाचार की संपत्ति को सुरक्षित रख सकता है। जैसे जागने वाले जंगल में भी सुरक्षित […]

Categories
भारतीय संस्कृति

मन की शांति और प्रभु के दर्शन

प्राचीन काल से अद्यतन पर्यंत मानव की इच्छा रही है शांति की खोज। इसलिए चाहे आज का मानव कितना भी भौतिक संसाधनों से परिपूर्ण है तथा चाहे कितना भी व्यस्त है , परंतु उसमें एक असीम शांति की चाह में अवश्य है । मानव को असीम शांति कैसे प्राप्त हो सकती है ? इस पर […]

Categories
भारतीय संस्कृति

ईश्वर की प्राप्ति के लिए करो धर्म का आचरण

हम प्रतिक्षण अपने चारों ओर सृष्टि में परिवर्तन होते देखते हैं ।हम अपने जीवन में भी बचपन से युवावस्था युवावस्था से वृद्धावस्था में पहुंचते हुए परिवर्तन को देखते हैं तो हमको अनुभव होता है यह संसार क्षणभंगुर है । जो था वह नहीं रहा और जो है वह नहीं रहेगा । बस केवल एक मृग […]

Categories
भारतीय संस्कृति

अधिकार से पहले कर्तव्य , अध्याय — 5, ईश्वर के प्रति हमारे कर्तव्य

ईश्वर के प्रति हमारे कर्तव्य हमारा इस संसार में आना कोई आकस्मिक घटना नहीं है । इसके पीछे हमारे जन्म जन्मांतरों के संस्कार और प्रारब्ध का पूरा एक खेल है। जिसके परिणाम स्वरूप ईश्वर ने हमें यह मानव जन्म दिया है । ईश्वर ने संसार के समग्र ऐश्वर्यों को केवल हम मनुष्यों को ही भोगने […]

Categories
भारतीय संस्कृति

वैदिक धर्म के प्रचार में बाधक अविद्यायुक्त बातें और संगठन

ओ३म् ============== वैदिक धर्म सत्य ज्ञान ‘चार-वेदों’ पर आधारित मानव धर्म है। वैदिक धर्म का आरम्भ ईश्वर से प्राप्त चार वेदों की शिक्षाओं के जन-जन में प्रचार से हुआ था। हमारे वेदों के ज्ञानी ऋषि व आचार्य ही हमारे धर्म के प्रचारक व उसके संवाहक होते थे। सद्ज्ञान से युक्त ऋषियों व विद्वानों के होते […]

Categories
भारतीय संस्कृति

छह शत्रुओं और वाणी के दोषों से अपनी रक्षा करें : वेद

…………………………………………………… उलूकयातुं शुशुलूकयातुं जहि श्वयातुमुत कोकयातुम् । सुपर्णयातुमुत गृध्रयातुं दृषदेव प्र मृण रक्ष इन्द्र ।। अथर्ववेद- 8/4/22 भावार्थ:- योगीजन काम क्रोध आदि विकारों की तुलना पशु पक्षियों के स्वभाव से करते हैं। यहां छ: अवगुणों का संबंध पशु पक्षियों से किया गया है । उल्लू अंधकार अथवा मोह से प्रसन्न रहता है। मोह मानव का […]

Categories
भारतीय संस्कृति

ईश्वर हमसे दूर होकर भी हमारे निकट है

जो बंदगी करे वह बंदा होता है । गुरु के दरबार में बैठकर जो लोग उस प्यारे प्रभु का यजन और भजन करते हैं उन्हें गुरु ने प्यार से नाम दिया – बंदा। बाद में यह शब्द रूढ़ हो गया और सब लोगों के लिए ही ये बंदे लोग अर्थात भक्त लोग बंदा कहकर बुलाने […]

Categories
भारतीय संस्कृति

अपनी संतानों को वैदिक संस्कार देकर उनकी रक्षा व उन्नति कीजिए

ओ३म्============= मनुष्य को जीवन में सुख व शान्ति प्राप्त हो, वह उत्तम कार्यों को करे, उसका समाज व देश में यश हो, वह स्वाधीन, सुखी, समृद्ध, ज्ञानी, सदाचारी, धार्मिक, स्वाध्यायशील, विद्वानों का सत्संगी, ऋषि दयानन्द, स्वामी श्रद्धानन्द, पं. लेखराम, पं. गुरुदत्त विद्यार्थी, वीर सावरकर आदि महापुरुषों के जीवन को पढ़ा हुआ हो, वैदिक विधि से […]

Categories
भारतीय संस्कृति

प्यारे प्रभु को सौंप दो अपना ह्रदय

मनुष्य की योनि प्राप्त करना जितना दुर्लभ है , उससे भी कठिन मनुष्य बनना है। परंतु मनुर्भव का वेद का आदेश है। वेद के आदेश का पालन करना मनुष्य का प्रथम एवं पावन उत्तरदायित्व है। इसलिए मनुष्य बनने के लिए उपरोक्त सभी सिद्धांतों व नियमों का पालन करते हुए निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना […]

Categories
भारतीय संस्कृति

आचार्य चाणक्य कभी हमें माफ नहीं करेंगे

____________________________ दक्षिणी राज्य केरल में 15 वर्षीय मादा हथिनी के साथ जो हुआ पूरे देश को मालूम है संवेदना भर्त्सना शोक विषाद की लहर सोशल मीडिया पर उमड़ पड़ी है| जिस राज्य में ममता वात्सल्य समृद्धि की देवी गौमाता को काट कर खाया जाता हो ,गोवध को राजकीय संरक्षण प्राप्त हो संवैधानिक अधिकारों के नाम […]

Exit mobile version