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व्यक्तित्व

छाछ भी फूंक-फूंक कर पी रहे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया*

( पवन वर्मा-विनायक फीचर्स) दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है…यह कहावत इन दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सटीक बैठ रही है। वे चुनाव में इसी हालत से गुजर रहे हैं। इसी कारण वे लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में अपनी सक्रियता को समेट कर बैठे […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर, वेद, जीवात्मा, सृष्टि, जन्म-मरण आदि का सत्यस्वरूप क्या हैं?”

============ मनुष्य अल्पज्ञ प्राणी है। सभी लोग प्रायः सरकारी व निजी स्कूलों-कालेजों में पढ़ते हैं। भारत एक सेकुलर देश है। यहां मनुष्यों के शाश्वत व सनातन धर्म विषयक सत्य बातों की भी उपेक्षा की जाती है। उसे स्कूलों में पढ़ाया व बताया नहीं जाता जिसका परिणाम यह हुआ है कि अधिकांश हिन्दू बन्धु धर्म विषयक […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर ने हम जीवात्माओं को मनुष्य क्यों बनाया?”

=========== हम मनुष्य कहलाते हैं। हम वस्तुतः सदाचार को धारण कर मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये सदाचरण रूपी पुरुषार्थ करना होता है। पुरुषार्थ सहित विद्यार्जन कर विद्या के अनुकूल आचरण करना होता है। क्या हम सब विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर में मिलता है। जब हम विद्यावान […]

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आज का चिंतन

अन्तरिक्ष में और महानता में कौन सबसे सर्वोच्च है?

कड़ी मेहनत वाले लोगों के लिए वह क्या है? गर्जते हुए हमले के लिए कौन बल देता है? अन्य लोगों में सर्वोच्च ज्ञान कौन देता है? हमें अपना अधिकार किसे हस्तांतरित करना चाहिए? दिवश्चिदस्य वरिमा वि पप्रथ इन्द्रं न मह्ना पृथिवी चन प्रति। भीमस्तुविष्मांचर्षणिभ्य आतपः शिर्शीते वज्रं तेजसे न वंसगः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.55.1 (दिवः) प्रकाशमान […]

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इतिहास के पन्नों से

भक्ति और शक्ति के सेतु : हनुमान*

(मनोज कुमार श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स) हनुमान को सबसे पहले ‘बल’ के गुण के साथ याद किया गया जबकि राम को शांति के गुण के साथ याद किया गया। यह किसी किस्म का कंट्रास्ट नहीं है, सेवक का ‘बल’ सेव्य की शांति का कारण है। बल एक ऐसा तथ्य नहीं है जिसकी उपेक्षा की जाए। […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

मोदी के भारत की अर्थव्यवस्था और उसकी चुनौतियां

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कई ऐसी सकारात्मक रिपोर्ट आई हैं जिनसे पता चलता है कि आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था में होगी। विदेशी मीडिया मोदी सरकार की उपलब्धियों पर बहुत कम प्रकाश डालता है । इसके पीछे कारण केवल एक है कि मोदी सरकार को वैश्विक मंचों पर बदनाम कर […]

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पर्यावरण

तपती गर्मी में खारा पानी की सज़ा

आरती लूणकरणसर, बीकानेर राजस्थान “जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है गांव में पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है. जो स्रोत उपलब्ध हैं उसमें इतना खारा पानी आता है कि हम लोगों से पिया भी नहीं जाता है. यदि मजबूरीवश पी लिया तो पेट में दर्द और दस्त होने लगते हैं. पिता जी और […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “ईश्वर ने हम जीवात्माओं को मनुष्य क्यों बनाया?”

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य कहलाते हैं। हम वस्तुतः सदाचार को धारण कर मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये सदाचरण रूपी पुरुषार्थ करना होता है। पुरुषार्थ सहित विद्यार्जन कर विद्या के अनुकूल आचरण करना होता है। क्या हम सब विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर में मिलता है। […]

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भारतीय संस्कृति

प्रेम, भक्ति और करुणा की देवी राधा : एक पौराणिक दृष्टिकोण

आचार्य डा.राधे श्याम द्विवेदी राधा रानी जी श्रीकृष्ण जी से ग्यारह माह बड़ी थीं। लेकिन श्री वृषभानु जी और कीर्ति देवी को ये बात जल्द ही पता चल गई कि श्री किशोरी जी ने अपने प्राकट्य से ही अपनी आंखे नहीं खोली है। इस बात से उनके माता-पिता बहुत दुःखी रहते थे। कुछ समय पश्चात […]

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विविधा

व्यंग्य : बात का बतंगड़ बनाना

पंकज शर्मा तरूण – विभूति फीचर्स हिंदी में एक मुहावरा है बात का बतंगड़ बनाना अर्थात तनिक सी बात को बड़ी कर बताना। जैसे कपड़े की चिंदी को सांप बताना।आजकल हमारे देश में क्या पूरी दुनिया में यही प्रचलन है,अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव हों, रूस यूक्रेन का युद्ध हो या हमास और इजराइल का […]

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