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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय संस्कृति के पुरोधा श्री कृष्ण जी का सदाचार

योगिराज श्रीकृष्ण का सदाचार महाभारत के प्रमुख पात्र योगिराज श्रीकृष्ण भारतवर्ष की महान् विभूतियों में से एक थे। वे सदाचारी और आदर्श पुरुष थे। वे आदर्श संयमी और मर्यादावादी व्यक्ति थे। पुराणकारों ने उनके उज्ज्वल स्वरूप को बिगाड़ दिया। उनकी देखा-देखी जयदेव, चण्डीदास और सूरदास आदि कवियों ने भी उनके रूप को बहुत विकृत कर […]

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विविधा

देश की संविधानिक व्यवस्था का इस प्रकार हुआ विकास

ऋषिराज नागर एडवोकेट मुस्लिम विधि की शुरुआत अरब से है । जिसमें अरब विधिशास्त्रियों द्वारा समाज की व्यवस्था का उल्लेख किया गया है। अरब में मुस्लिम प्रथाऐं ही कानून थीं। चूंकि भारतवर्ष में मुगलों का शासन रहा था, इसलिए उस समय मुगल व्यवस्था में न्याय करने वाले मुख्य न्यायिक अधिकारी निम्न थे:- 1-निजाम, या नवाब […]

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महत्वपूर्ण लेख

गोवा को नारी शरीर का बाजार क्यों बनाया गया ?*

गोवा में मैने क्या देखा और क्या पाया ================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त दृश्य नंबर वन, ( गाने के बोल) – बच के रहना रे बाबा/ तुम पर सबकी नजर है। दृश्य नंबर टू- शेखर यानी रणधीर कूपर को पकड़ने पुर्तगाली पुलिस आती है, रणधीर कपूर को बचाने के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी अपनी जवान बेटी […]

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इतिहास के पन्नों से

गांधीजी की कई नीतियों से असहमत थे डॉ अंबेडकर

गांधीजी और डॉक्टर अम्बेडकर दोनों ही भारतीय इतिहास के महानायक हैं। इसके उपरांत भी इन दोनों में किन्हीं खास मुद्दों को लेकर गंभीर मतभेद थे। गांधीजी जहां कई मुद्दों पर तुष्टीकरण के खेल में लगे रहे या गोलमोल बात कह कर मुद्दों को टरकाते रहे या मुस्लिम लीग और अंग्रेजों का अनेक मुद्दों पर समर्थन […]

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भारतीय संस्कृति

स्वामी नारायण संप्रदाय का सच* भाग 2

डॉ डी के गर्ग भाग -2 विश्लेषण: घनश्याम पांडे यानि नीलकंठ स्वामीनारायण को एक शरीरधारी महापुरुष कह सकते है जिन्होंने अपनी चातुर्य से एक नए संप्रदाय को सुरु किया और इस तरह से हिन्दू धर्म में एक और विभाजन सुरु हुआ, यधपि ये कहते है की ये भी हिन्दू धर्म का हिस्सा है परंतु इस […]

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समाज

गीतों के माध्यम से सामाजिक सुधारों का अलख जगाती महिलाएं पूजा यादव

भोपाल, मप्र आज के परिवेश में यदि कोई कहता है कि कम शिक्षित या अशिक्षित महिलाएं घर की चारदीवारी तक ही सीमित हैं, तो वह गलत हैं, क्योंकि महिलाएं घर के कामकाज के साथ साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रही हैं. खासकर उन महिलाओं का इस ओर बढ़ना उत्साह पैदा करता है जो […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

सरदार भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह के जीवन का एक प्रेरणास्पद संस्मरण: हमारी सांझी विरासत और खालिस्तानी आंदोलन

हमारी सांझी विरासत और खालिस्तानी आंदोलन इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत की वैदिक हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए ही गुरु नानक जी ने नानक पंथ अर्थात सिक्ख मत की स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जो भारत की वैदिक संस्कृति और […]

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महत्वपूर्ण लेख

पावापुरी (फाजिल नगर) की ऐतिहासिक पहचान

डॉ. राधे श्याम द्विवेदी एक निजी यात्रा के दौरान कुशीनगर के सुमाही खुर्द गांव जाने का अवसर मिला। सुमाही खुर्द गाँव उत्तर प्रदेश के कुशी नगर जिले की कसया तहसील के फाजिल नगर ब्लाक के रामपुर उर्फ खूशहाल टोला ग्राम पंचायत में स्थित है। सुमही दो शब्दों से बना है। सु +माही में सु का […]

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Uncategorised

बाल विवाह से हजारों सपने टूट जाते हैं

डॉली गढ़िया बागेश्वर, उत्तराखंड पहले हमारे देश में जब लड़कियों की शादी होती थी तो उनकी उम्र बारह से तेरह साल के आसपास होती थी. जिसके कारण उनमें शिक्षा और जागरूकता का अभाव था. लेकिन समय के साथ-साथ लोगों में सामान्य शिक्षा के कारण रूढ़िवादी सोच और परंपरा में कई बदलाव होने लगे. इसके लिए […]

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संपादकीय

इतिहास लेखन के प्रति गंभीरता दिखाना समय की आवश्यकता

अपने मौलिक इतिहास की मूल चेतना को खोजता हुआ भारत आज इतिहास लेखन को लेकर नई करवट लेता दिखाई दे रहा है। कई लोगों को इस बात से बड़ी बेचैनी हो रही है कि भारत में इतिहास के पुनर्लेखन की मांग क्यों हो रही है और क्यों इस पर कार्य हो रहा है? हमें अपने […]

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