नीरज कुमार दुबे वैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह जायज है कि किसी की सत्ता को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया जाये या किसी राजनीतिक दल अथवा नेता के खिलाफ पोस्टरबाजी की जाये। लेकिन यह जायज नहीं है कि पोस्टर लगाने वाला उसमें अपना नाम ही नहीं लिखे। दिल्ली की सड़कों पर जो पोस्टर लगाये गये […]
