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भारतीय संस्कृति

इस्कॉन का सच*

Dr DK Garg ये सीरीज पांच भागों मे है ,कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे और अन्य ग्रुप में शेयर करे। भाग /एक इस्कॉन क्या है? इस्कॉन हिंदी का शब्द नही है ये अंग्रेजी के International Society for Krishna Consciousness – ISKCON; उच्चारण : इंटर्नैशनल् सोसाईटी फ़ॉर क्रिश्ना कॉनशियस्नेस् -इस्कॉन), से बना है। जिसका यदि हिंदी […]

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आओ कुछ जाने

चैत काहे चैत होत है? काहे बैसाख होय बैसाख?

धर्मद्रोहियों द्वारा आजकल एक विचित्र सन्देह उत्पन्न किया जा रहा है कि सनातन समुदाय अपने प्राय: सभी पर्वों, उत्सवों आदि को अनुचित समय पर मना रहा है। एतदर्थ ये धर्मद्रोही नक्षत्र-चक्र अथवा राशि-चक्र को महत्त्वहीन घोषित कर केवल ऋतुवर्ष को ही प्रतिष्ठित करना चाहते हैं तथा समस्त पर्वों, उत्सवों आदि को ऋतुवर्ष का ही अनुगामी […]

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धर्म-अध्यात्म

फलित ज्योतिष की अमान्य मान्यताओं से मानव जगत् से सबसे बड़ा भ्रामिक वैचारिक शोषण

लेखक- पण्डित उम्मेद सिंह विशारद, वैदिक प्रचारक उन्नीसवीं शताब्दी के सबसे महान् समाजिक सुधारक आर्ष और अनार्ष मान्यताओं का रहस्य बताने वाले युगपुरुष महर्षि दयानन्द सरस्वती जी अपने अमरग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश के द्वितीय समुल्लास के प्रश्नोत्तर में लिखते हैं। प्रश्न- तो क्या ज्योतिष शास्त्र झूठा है? उत्तर- नहीं, जो उसमें अंक, बीज, रेखागणित विद्या है, वह […]

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महत्वपूर्ण लेख

सुविधाओं के अभाव में जूझती उत्तराखंड राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था

नितिन बिष्ट नैनीताल, उत्तराखंड राज्य के तौर पर उत्तराखंड के गठन को 22 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. इन वर्षों में राज्य में कई सुधारों की बातें कही जाती है. जिसमें स्वास्थ्य सुविधाएं प्रमुख है. परंतु यह पहाड़ी राज्य लम्बे समय से डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है. पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के […]

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मुद्दा

श्री दुर्गा सप्तशती पाठ पर आपत्ति तो कुरान अध्ययन पर सहमति क्यों

दिव्य अग्रवाल उत्तर प्रदेश सरकार आने वाले नवरात्रि के पवित्र दिनों में मंदिरों के अंदर श्री दुर्गा सप्तशती व् श्री रामायण के पाठ का आयोजन करने जा रही है इस घोषणा के उपरान्त इस पवित्र धार्मिक कार्य पर राजनीति आरम्भ हो चुकी है । बहुत से राजनेताओ व स्वयं घोषित बुद्धिजीवियों को आपत्ति होने लगी […]

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इतिहास के पन्नों से

मेवाड़ के महाराणा और उनकी गौरव गाथा अध्याय – 26 ( क ) संधि प्रस्ताव और महाराणा प्रताप

संधि प्रस्ताव और महाराणा प्रताप देश की स्वाधीनता के लिए महाराणा प्रताप जंगलों की खाक छानते रहे। उनकी एक ही धुन थी, एक ही लगन थी और एक ही प्रतिज्ञा थी कि चाहे जो हो जाए , अकबर के सामने सिर नहीं झुकाना है। उन्होंने अनेक कठिनाइयों और कष्टों को सहन करते हुए अपना समय […]

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आतंकवाद

भिंडरावाला के नक्शे कदम पर बढ़ता अमृतपाल सिंह

कुमार विश्वास ने केजरीवाल व खालीस्तानियों की मिली भगत का भंडाफोड़ पहले ही कर दिया था। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही खालिस्तानियों ने तांडव शुरू कर दिया है। अमृतपाल सिंह कौन है? दुबई में टैक्सी चलाता था… अभिनेता दीप सिद्धू की मौत के बाद उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख […]

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Uncategorised

“वेद अपौरुषेय (ईश्वर-प्रदत्त) ज्ञान एवं भाषा के ग्रन्थ हैं”

ओ३म -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद चार मन्त्र संहिताओं के ग्रन्थ ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को कहते हैं। वेदों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी यह सृष्टि पुरानी है। हमारे प्राचीन काल के मनीषियों से लेकर ऋषि दयानन्द (1825-1883) तक ने वेदों की उत्पत्ति, इसके रचयिता व ज्ञान दाता तथा इसकी भाषा पर […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदी अस्मिता के भीष्म पितामह* *डॉ वेद प्रताप वैदिक जी का जाना मर्माहत कर गया*

मैं अब किससे लडूंगा, कूडा-करकट किसको कहूंगा/ विनम्र श्रद्धांजलि ================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त डॉ वेद प्रताप वैदिक जी पत्रकारिता के भीष्म पितामह थे। वे हिन्दी, अंग्रेजी, जर्मन, पश्तो और उर्दू सहित कई भाषाओं के जानकार थे। राममनोहर लोहिया और राजनारायण जी के सहयोगी और सहचर की तरह थे। पीवी नरसिंहाराव से लेकर कई प्रधानमंत्रियों के […]

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विशेष संपादकीय व्यक्तित्व

वेद प्रताप वैदिक थे हिंदी उन्नयन के महान पुरोधा

समकालीन इतिहास के एक दैदीप्यमान नक्षत्र वेद प्रताप वैदिक जी का अवसान हो गया है। भारत की राष्ट्रवादी पत्रकारिता के लिए उनका अवसान निश्चय ही दु:खद है। उन जैसे राष्ट्रवादी चिंतक पत्रकार का जाना पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है। उन्होंने पत्रकारिता जगत में रहते हुए भारत के इतिहास के गौरवपूर्ण पक्ष, भारत के […]

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