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धर्म-अध्यात्म

विश्व का सबसे न्याय पूर्ण समाज है हिंदू समाज

प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज इसमें मुख्य बात यह है कि धर्मशास्त्रों में जो व्यवस्थायें हैं, वे जाति व्यवस्था को अत्यधिक गतिशील और व्यापक व्यवस्था सिद्ध करते हैं जिसमें कई प्रकार की उन्नति और अवनति व्याख्यायित है। साथ ही इन विषयों में धर्मशास्त्रों के प्रतिपादन भी अनेक प्रकार के हैं। इससे स्पष्ट है कि यह एक […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीरी आतंकवाद : अध्याय – 4 , महाभारत से कुषाण-काल तक कश्मीर – 3

‘राजतरंगिणी’ में अशोक कल्हण ने अपने 12वीं शताब्दी के ग्रन्थ राजतरंगिणी में, कश्मीर के राजा अशोक (गोनंदिया) का उल्लेख करते हुए अशोक को एक धर्मनिष्ठ बौद्ध शासक बताया है। बौद्ध मत के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण का प्रमाण देते हुए अशोक ने ऐसे अनेकों कार्य किए जिससे इस वैज्ञानिक धर्म की प्रसिद्धि हो और लोग इसकी शरण में […]

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राजनीति

धर्मनिरपेक्षता के मायने समझे समाज

समाज में भेद पैदा करने वालों से सतर्क रहे समाज सुरेश हिंदुस्थानी किसी भी देश के शक्तिशाली होने के निहितार्थ होते हैं। इन निहितार्थों का मन, वाणी और कर्म से अध्ययन किया जाए तो जो प्राकट्य होता है, वह यही प्रदर्शित करता है कि सबके भाव राष्ट्रीय हों, सबके अंदर एक दूसरे के प्रति सामंजस्य […]

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महत्वपूर्ण लेख

जनपद गौतम बुध नगर और उसका शानदार अतीत : स्थापना दिवस पर विशेष

1 मई को नव जनपद गौतम बुद्ध नगर के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती द्वारा सृजन करने की‌ 25वी वर्षगांठ के अवसर पर विशेष आलेख। वर्तमान जिला गौतम बुद्ध नगर का गौरवपूर्ण इतिहास। वर्तमान जनपद गौतम बुद्ध नगर की भूमि को हम लोग देखते हैं उसका बहुत ही प्राचीन इतिहास है जो निम्न प्रकार है ।परंतु […]

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बिखरे मोती

घट भीतर परमात्मा, जाग सके तो जाग

बिखरे मोती आत्म – साक्षात्कार के संदर्भ में:- आतम भावना जी सदा, देह – भाव को त्याग। घट भीतर परमात्मा, जाग सके तो जाग॥1677॥ जिनके कारण मनुष्य का रिश्ता कहलाता है:- कीर्ति जैसा धन नहीं, माता जैसा देव। संयम जैसा गुण नहीं, नर होता भूदेव॥1678॥ भूदेव – अर्थात् पृथ्वी का देवता भूल की भूल आत्मा […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ती तृतीय – खण्ड अध्याय – मुसलमान और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… इन आगाखानी गुरुओं के पूर्वज बड़े ही चालाक थे। इन्होंने अपनी चालाकी से दूर-दूर तक अपने धर्म का प्रचार किया।इन्होंने मिश्रियों में, ईसाइयों में और दूसरे फिर्को में बड़ी ही चातुरी से प्रचार किया। इनकी प्रचार सम्बन्धी चालाकीयों का पता खोजों के एक मुकदमे का फैसला देखने से लगता है। यह फैसला […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय मुद्दा

केजरीवाल का महान संकल्प और देश के दूसरे प्रांतों के मुख्यमंत्री

 ललित गर्ग योग किसी भी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या भाषा से नहीं जुड़ा है। योग का अर्थ है जोड़ना, इसलिए यह प्रेम, अहिंसा, करूणा और सबको साथ लेकर चलने की बात करता है। योग, जीवन की प्रक्रिया की छानबीन है। यह सभी धर्मों से पहले अस्तित्व में आया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश एवं दुनिया में […]

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आर्थिकी/व्यापार

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और देश की महिलाएं

 डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना केवल और केवल महिलाओं के लिए ही नहीं थी अपितु युवाओं और हुनरमंद या फिर स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजना रही है। महिला सशक्तिकरण का माध्यम तो इसलिए सिद्ध हो रही है क्योंकि इस योजना का महिलाओं ने अधिक लाभ उठाया है। कहने को भले ही कुछ […]

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देश विदेश

यदि परमाणु युद्ध हुआ तो कुछ भी नहीं बचेगा

मधुसूदन आनन्द रूस-यूक्रेन युद्ध में इधर परमाणु अस्त्रों का प्रयोग करने की बात ऐसे की जा रही है जैसे परमाणु बम छोड़ने की आशंका पटाखा छोड़ने के कौतूहल जैसी हो। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव परमाणु युद्ध का खतरा ऐसा दिखा रहे हैं, मानो यह कोई सामान्य सी बात […]

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मुद्दा

कांग्रेस और पीके में बात बनते बनते बिगड़ गई

बृजेश शुक्ल राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की लाइन याद आ रही है कि ‘कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी।’ चुनावी प्रबंधन के गुरु माने जाने वाले प्रशांत किशोर यानी पीके ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि वह पार्टी में शामिल हो जाएं। सवाल है, क्या देश की राजनीति में […]

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