Categories
महत्वपूर्ण लेख

देश में बढ़ रही कुतर्क की राजनीति

सुरेश हिंदुस्तानी राजनीति में सकारात्मक दिशा के अभाव में देश को जो नुकसान उठाना पड़ता है, वह भले ही प्रत्यक्ष रूप में दिखाई नहीं दे, लेकिन उससे समाज पर प्रभाव अवश्य ही होता है। अगर यह प्रभाव नकारात्मक चिंतन की धारा के प्रवाह को गति देने वाला होगा तो देश को भी अपने अस्तित्व के […]

Categories
राजनीति

केजरीवाल को जमानत के क्या हैं निहितार्थ

सुरेश हिंदुस्तानी  देश की राजधानी दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर चल रही राजनीति ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत देकर जांच एजेंसी पर उठे संदेह के घेरे को और बड़ा कर दिया है। अरविन्द केजरीवाल को जमानत मिलने […]

Categories
राजनीति

रचनात्मक राजनीति समय की जरुरत

सुरेश हिंदुस्थानी भारत एक लोकतांत्रिक है। इसका तात्पर्य यही है कि देश की जनता ही भारत की असली सरकार है। लोकसभा चुनावों के बाद अब देश में सरकार और विपक्ष की भूमिका भी तय हो गई है। जनता ने जहां नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजग को बहुमत दिया है, वहीं कांग्रेस के […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

चुनावी दौर में रंगभेद का कांग्रेसी आलाप

सुरेश हिंदुस्थानी —————————— लोकसभा चुनाव के दौरान राजनेताओं के बयान सुनकर ऐसा लगने लगता है कि ये अपनी हदों को पार कर करने लगे हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान की मीमांसा की जा रही है। इसके तारतम्य यही है कि इस नेता ने भारत में भेद पैदा करने […]

Categories
राजनीति

चुनाव के दौरान रंग भेद की राजनीति

सुरेश हिंदुस्थानी लोकसभा चुनाव के दौरान राजनेताओं के बयान सुनकर ऐसा लगने लगता है कि ये अपनी हदों को पार कर करने लगे हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान की मीमांसा की जा रही है। इसके तारतम्य यही है कि इस नेता ने भारत में भेद पैदा करने के […]

Categories
राजनीति

राहुल गांधी : अमेठी, वायनाड, अब रायबरेली या……… विरासत के सहारे जीत की तलाश

सुरेश हिंदुस्तानी गाजियाबाद ( ब्यूरोडेस्क ) राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस की स्थिति कमोवेश ऐसी ही है, जिसमें कांग्रेस के बड़े बड़े नेता देश की संसद में पहुँचने के लिए सुरक्षित सीट की तलाश करते दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस में राहुल गांधी भले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

Categories
राजनीति

तर्कहीन बयानों से जूझती चुनावी राजनीति भ्रमित होते आम मतदाता किस पर करे विश्वास

सुरेश हिंदुस्तानी भारत में एक समय ऐसा भी था ज़ब राजनीति से आम जनमानस का विश्वास समाप्त होता जा रहा था। राजनीतिक दलों से जो अपेक्षा थी, सब जनता की इन अपेक्षाओं पर पानी फेरते दिखाई दे रहे थे। उस समय देश की यह अवधारणा बन गई थी कि अब भारत की राजनीति ऐसे ही […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

मर्यादा लांघती राजनीतिक़ बयानबाजी

सुरेश हिन्दुस्तानी देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों में बयानों की आंधी सी चल रही हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने आपको आम जनता का हितैषी सिद्ध करने का प्रचार कर रहे हैं। इन बयानों में कहीं कहीं राजनीति की मर्यादा का भी उल्लंघन भी होता दिख रहा है। चुनाव […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

अंसारी की मौत पर बेवजह प्रलाप क्यों?

सुरेश हिंदुस्तानी भारत के कुख्यात अपराधी मुख़्तार अंसारी की मौत के मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रकार मौत के बहाने एक बार फिर से तुष्टिकरण की राजनीति की जा रही है। आतंकियों और अपराधियों को संप्रदाय से अलग देखने की क़वायद करने वाले कुछ राजनीतिक दल इस मौत […]

Categories
राजनीति

राजनीति में बदल रहे नैतिकता के मायने

सुरेश हिन्दुस्थानी भारतीय राजनीति में ऐसे कई उदाहरण दिए जा सकते हैं, जो आज भी नैतिकता के आदर्श हैं। लेकिन आज की राजनीति को देखकर ऐसा लगने लगा है कि नैतिकता की राजनीति दूसरा तो अवश्य करें, पर ज़ब स्वयं को नैतिकता की कसौटी पर परखने की बारी आए तब नैतिकता के मायनों को बदल […]

Exit mobile version